इंदौर। शहर में रामनवमी के दिन हुए हादसे ने जहां लोगों को गम में डुबो दिया है, वहीं कुछ मृतकों के परिजनों ने नेत्रदान का फैसला लेकर लोगों के दिलों में जगह बना ली है. हादसे में मरने वाले इंदर कुमार (47), भारती कुकरेजा (65) और दो अन्य मृतकों के परिजनों ने इनकी आंखों के साथ त्वचा को भी दान करने का निर्णय ले लिया है. इस हादसे में 35 लोगों की मौत हुई है. अभी भी कई लोग लापता हैं. 19 लोगों को इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
60 साल पुराना था मंदिर: रामनवमी पर बेलेश्वर महादेव मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. भक्ति-भाव में डूबे शहर के लोग बड़ी संख्या में यहां हवन करने पहुंचे थे. हवन के दौरान कई लोग मंदिर परिसर के अंदर मौजूद थे. मंदिर लगभग 60 साल पुराना है. लगभग इतनी ही पुरानी मंदिर प्रांगण में बनी बावड़ी भी है. मंदिर की देखरेख करने वाले पूर्व पार्षद देवाराम गलानी ने सुरक्षा के लिहाज से इसके ऊपर छत डलवा दी थी. लेकिन किसे पता था कि अचानक से बावड़ी के ऊपर का प्लास्टर टूट जाएगा और हवन में आहुति देने पहुंचे लोग इसी में समा जाएंगे.
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मृतकों की आंखों का महादान : हादसे में इंदर कुमार और भारती के अलावा 2 लोग और हैं जिनकी आंखें उनके परिजनों के द्वारा डोनेट की गई है. मामले को लेकर प्रशासनिक अमला के साथ कई विभाग रहत और बचाव में जुटे हैं. मधु के पति रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाते हैं. उनकी 13 साल की एक बेटी है. वह भी मंदिर गई थी जो हादसे के बाद से अभी तक लापता बताई जा रही है. इस हादसे में मधु (48) पति राजेश भम्मानी की मौत हो गई है. वहीं, जयवंती को उनका पोता मंदिर में दर्शन कराने के लिए लेकर गया था. हवन के दौरान बावड़ी की छत धंसने से वह भी बावड़ी में गिर गईं और उनकी भी मौत हो गई. लापता लोगों को पुलिस के साथ उनके परिजन तलाश कर रहे हैं.