दमोह। एक निजी स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाए जाने के मामले में हिंदू संगठनों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी के मुंह पर हिंदू संगठन के लोगों ने कालिख पोतकर जय श्रीराम के नारे लगाए. शहर के गंगा-जमुना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाए जाने के मामले में लगातार हिंदू संगठन के लोग उग्र बने हुए हैं. वहीं आज स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान आने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जिला भाजपा एवं हिंदूवादी नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा के मुंह पर स्याही पोती और कपड़ों पर भी स्याही फेंक दी.
बच्चियों से स्कूल में नमाज अदा कराई जाती है : दरअसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता 3 दिन पूर्व भी डीओई (DEO) के चेहरे पर कालिख पोतने के लिए उनके दफ्तर गए हुए थे, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी के कारण वह दफ्तर में प्रवेश नहीं कर पाए और बैरंग लौट आए थे. इसके बाद लगातार गंगा जमुना स्कूल मामले में एक के बाद एक खुलासे हुए हैं. शुक्रवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम दमोह पहुंची थी. उन्होंने कई बड़ी खामियां पकड़ी थी, हालांकि दमोह में अपनी जांच के संबंध में आयोग ने किसी तरह का कोई खुलासा नहीं किया था. बाद में यह ज्ञात हुआ कि स्कूल में न केवल बच्चियों को हिजाब पहना जाता था, बल्कि उनसे नमाज भी अदा करवाई जाती थी.
डीओई के चेहरे पर पोती कालिख: इसके अलावा 3 शिक्षकों का धर्मांतरण भी स्कूल प्रबंधन द्वारा कराया गया था. जिसमें से एक शिक्षिका को स्कूल का प्रिंसिपल भी बना दिया गया था. इस मामले में अभी और भी खुलासे हो सकते हैं. आज जब विभिन्न संगठन के लोग जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. तब वह अपने कार्यालय से निकल ही रहे थे. तभी उन्होंने उनकी गाड़ी रोककर DEO एसके मिश्रा के मुंह पर स्याही पोत दी और कपड़ों पर स्याही फेंक कर जय श्रीराम के नारे भी लगाए. इस मामले में एसके मिश्रा ने किसी तरह की बयानबाजी करने से मना कर दिया. केवल इतना कहा जिन लोगों ने स्याही फेंकी है मैं उन्हें नहीं जानता.
क्या है मामला: बता दें 31 मई को दमोह के गंगा-जमुना स्कूल द्वारा एक पोस्टर में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहने हुए दिखाया गया था. पोस्टर सामने आने के बाद से ही मामला गरमा गया था. जानकारी मिलते ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तुरंत जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने पोस्टर हटा दिया था. वहीं इसी बीच एक छात्रा ने इस्लाम की प्रार्थना कराने का खुलासा किया था. इसके अलावा 3 शिक्षकों के धर्मांतरण का भी मामला इस स्कूल से सामने आया है.