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अजब MP की गजब खेती! खाद-बीज नहीं किसान खेतों में कर रहे शराब का छिड़काव - नर्मदापुरम न्यूज

आप अक्सर किसानों को खेती के लिए अलग-अलग उपक्रम करते देखते होंगे, जिसका उन्हें कभी लाभ तो कभी हानि भी मिलता है. ऐसा ही कुछ अलग मामला मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले से सामने आया है. यहां किसान ने अपनी मूंग की फसल की पैदावार बढ़ाने कोई खाद-बीज का प्रयोग नहीं किया बल्कि शराब का इस्तेमाल किया है. पढ़िए शराब से खेती करने की ये स्टोरी

Farmer spraying alcohol in Farm
शराब से खेती
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Published : May 30, 2023, 8:02 PM IST

खेतों में किसान कर रहे शराब का छिड़काव

नर्मदापुरम। आपने इंसान को शराब पीते हुए तो सुना ही होगा, लेकिन नर्मदापुरम के किसान मूंग की फसल को देसी शराब पिला रहे हैं. फसल को दोगुना करने के लिए यह उपाय किसानों द्वारा अपनाया जा रहा है. मूंग की फसल में छिड़काव करने वाली दवा के साथ देसी शराब मिलाकर पूरे खेत में स्प्रे किया जा रहा है, ताकि पैदावार को बढ़ाया जा सके. देसी शराब की इस तकनीक को जिले के कई किसान आजमा रहे हैं. खेतों के रकवे के अनुसार खेतों में देसी शराब का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि समय पर मूंग की अच्छी फसल मिल सके.

खेत में कर रहे देसी शराब का छिड़काव: जिले में किसानों ने 2 लाख 93 हजार हेक्टेयर में अपनी मूंग की फसल लगाई है. किसानों ने मौसम की मार के चलते अपनी फसल को उम्दा और अच्छी करने के लिए नए-नए तकनीक अपनाई है. नर्मदापुरम से सटे हुए रंढाल गांव के किसान पंकज पाल ने भी अपनी 7 एकड़ जमीन में मूंग की फसल लगाई है. पंकज अपनी मूंग की फसल में कीटनाशक के साथ में कुछ मात्रा में देसी शराब मिलाकर पूरे खेत में छिड़काव कर रहे हैं. उनका कहना है कि छिड़काव से उनकी फसल अच्छी होगी. देशी शराब का छिड़काव करने से और पैदावार में भी फर्क पड़ता है.

मूंग की फसल में शराब का छिड़काव: पंकज बताते हैं कि उन्होंने 6 से 7 एकड़ खेत में मूंग की फसल लगाई है. मूंग की फसल के दौरान फूल आने के समय कीटनाशक के साथ देशी शराब मिलाकर पंप से खेत में छिड़काव करते हैं. उन्होंने बताया की इस छिड़काव से फसल बेहतर होती है, यह तकनीक दोगुनी बढ़ाने के लिए इस तकनीक का उपयोग करते हैं. देशी शराब के छिड़काव से मूंग की फसल में लगे फूल नहीं गिरते हैं और पैदावार भी बढ़ती है. पंकज ने बताया की वह इस प्रकार देसी शराब का मूंग की फसल में छिड़काव कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं.

Farmer spraying alcohol in Farm
खेत में शराब का छिड़काव

शराब की दुकानों पर बढ़ी मांग: मूंग की फसल पर देसी शराब का छिड़काव करने से अधिक उत्पादन मिलने के तर्क के चलते इटारसी से सटे गांवों सोमलवाड़ा, चांदौन और घाटली में इन दिनों मूंग के खेत के आसपास से गुजरते ही शराब की बदबू आ रही है. शराब दुकानों पर भी देसी शराब की मांग बढ़ गई है. एक शराब दुकानदार ने बताया कि पहले दिन में लगभग 500 क्वार्टर शराब बेचते थे, अब मांग बढ़कर लगभग दोगुना हो गई है.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

क्या बोले कृषि उपसंचालक: कृषि उपसंचालक नर्मदापुरम के जेआर हेडाऊ ने बताया मूंग में देसी शराब का छिड़काव करने से उसके उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. किसान एक दूसरे से सुनकर यह प्रयोग कर रहे हैं. फसल अब फूल की स्थिति में आने वाली है. इससे पहले किसान पंप में देसी शराब भरकर मूंग के पौधों को पिला रहे हैं. करीब 2 लाख 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने मूंग की फसल लगाई है. उन्होंने कहा कि मौसम से खराब फसल की जानकारी मेरे पास नहीं है. वह राजस्व विभाग करता है. इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि शराब का छिड़काव पूरी तरह अफवाह है. अभी तक मेरे पास ऐसी कोई जानकारी अभी तक नहीं आई है, यदि ऐसा किसान कर रहे हैं तो गलत है, शराब के छिड़काव से पैदावार नहीं बढ़ती है. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि ऐसा करने से जहां मूंग की फसल में इल्ली और अन्य कीटनाशक तुरंत ही मर जाते हैं और पैदावार भी अधिक होती है.

खेतों में किसान कर रहे शराब का छिड़काव

नर्मदापुरम। आपने इंसान को शराब पीते हुए तो सुना ही होगा, लेकिन नर्मदापुरम के किसान मूंग की फसल को देसी शराब पिला रहे हैं. फसल को दोगुना करने के लिए यह उपाय किसानों द्वारा अपनाया जा रहा है. मूंग की फसल में छिड़काव करने वाली दवा के साथ देसी शराब मिलाकर पूरे खेत में स्प्रे किया जा रहा है, ताकि पैदावार को बढ़ाया जा सके. देसी शराब की इस तकनीक को जिले के कई किसान आजमा रहे हैं. खेतों के रकवे के अनुसार खेतों में देसी शराब का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि समय पर मूंग की अच्छी फसल मिल सके.

खेत में कर रहे देसी शराब का छिड़काव: जिले में किसानों ने 2 लाख 93 हजार हेक्टेयर में अपनी मूंग की फसल लगाई है. किसानों ने मौसम की मार के चलते अपनी फसल को उम्दा और अच्छी करने के लिए नए-नए तकनीक अपनाई है. नर्मदापुरम से सटे हुए रंढाल गांव के किसान पंकज पाल ने भी अपनी 7 एकड़ जमीन में मूंग की फसल लगाई है. पंकज अपनी मूंग की फसल में कीटनाशक के साथ में कुछ मात्रा में देसी शराब मिलाकर पूरे खेत में छिड़काव कर रहे हैं. उनका कहना है कि छिड़काव से उनकी फसल अच्छी होगी. देशी शराब का छिड़काव करने से और पैदावार में भी फर्क पड़ता है.

मूंग की फसल में शराब का छिड़काव: पंकज बताते हैं कि उन्होंने 6 से 7 एकड़ खेत में मूंग की फसल लगाई है. मूंग की फसल के दौरान फूल आने के समय कीटनाशक के साथ देशी शराब मिलाकर पंप से खेत में छिड़काव करते हैं. उन्होंने बताया की इस छिड़काव से फसल बेहतर होती है, यह तकनीक दोगुनी बढ़ाने के लिए इस तकनीक का उपयोग करते हैं. देशी शराब के छिड़काव से मूंग की फसल में लगे फूल नहीं गिरते हैं और पैदावार भी बढ़ती है. पंकज ने बताया की वह इस प्रकार देसी शराब का मूंग की फसल में छिड़काव कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं.

Farmer spraying alcohol in Farm
खेत में शराब का छिड़काव

शराब की दुकानों पर बढ़ी मांग: मूंग की फसल पर देसी शराब का छिड़काव करने से अधिक उत्पादन मिलने के तर्क के चलते इटारसी से सटे गांवों सोमलवाड़ा, चांदौन और घाटली में इन दिनों मूंग के खेत के आसपास से गुजरते ही शराब की बदबू आ रही है. शराब दुकानों पर भी देसी शराब की मांग बढ़ गई है. एक शराब दुकानदार ने बताया कि पहले दिन में लगभग 500 क्वार्टर शराब बेचते थे, अब मांग बढ़कर लगभग दोगुना हो गई है.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

क्या बोले कृषि उपसंचालक: कृषि उपसंचालक नर्मदापुरम के जेआर हेडाऊ ने बताया मूंग में देसी शराब का छिड़काव करने से उसके उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. किसान एक दूसरे से सुनकर यह प्रयोग कर रहे हैं. फसल अब फूल की स्थिति में आने वाली है. इससे पहले किसान पंप में देसी शराब भरकर मूंग के पौधों को पिला रहे हैं. करीब 2 लाख 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने मूंग की फसल लगाई है. उन्होंने कहा कि मौसम से खराब फसल की जानकारी मेरे पास नहीं है. वह राजस्व विभाग करता है. इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि शराब का छिड़काव पूरी तरह अफवाह है. अभी तक मेरे पास ऐसी कोई जानकारी अभी तक नहीं आई है, यदि ऐसा किसान कर रहे हैं तो गलत है, शराब के छिड़काव से पैदावार नहीं बढ़ती है. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि ऐसा करने से जहां मूंग की फसल में इल्ली और अन्य कीटनाशक तुरंत ही मर जाते हैं और पैदावार भी अधिक होती है.

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