सागर। सत्ता विरोधी लहर के बीच भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड रही है. इसी कड़ी में 39 हारी हुई सीटों के प्रत्याशी की घोषणा के साथ सत्ताधारी दल बीजेपी ने दूसरे राज्यों के विधायकों से सर्वे का फैसला किया है, जो आगामी 20 अगस्त से शुरू होगा. बुंदेलखंड इलाके में यूपी के विधायक सात दिनों तक डेरा डालेंगे और एक-एक विधानसभा की नब्ज टटोलेंगे. फिलहाल बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर की आठ विधानसभाओं का यूपी के जिन विधायकों को सर्वे करना है, उनकी सूची आ चुकी है और आगामी 20 से 27 अगस्त तक वो हर पहलु का अध्ययन कर सर्वे करेंगे.
यूपी के 8 विधायक डालेंगे सागर में डेरा: बुंदेलखंड के एकमात्र संभागीय मुख्यालय के टिकट वितरण का सर्वे करने वाले यूपी के 8 विधायकों की सूची आ चुकी है. इस सूची में जिन विधायकों के नाम है, वो सभी 19 अगस्त को सागर पहुंच जाएंगे और 20 अगस्त से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सर्वे शुरू करेंगे. सागर विधानसभा के लिए बम्बा लाल दिवाकर, बंडा के लिए देवेन्द्र सिंह लोधी, रेहली के लिए चितराम वर्मा, देवरी के लिए संजीव कुमार दिवाकर, खुरई के लिए मोहित सोनकर, बीना (एससी) के लिए पंकज गुप्ता, सुरखी के लिए चेतराम और नरयावली (एससी) सुनील कुमार शर्मा सर्वे करेंगे.
क्या कहना है संगठन का: सागर भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव सीरोठिया का कहना है कि पार्टी ने दूसरे प्रदेशों के विधायकों को सर्वे के लिए नहीं बल्कि चुनावी तैयारियों का जायजा लेने भेजा है. यूपी के विधायक 19 अगस्त को पहुंच जाएंगे और 6 दिनों तक दिए गए विधानसभा में काम करेंगे. यूपी के विधायक मंडल स्तर पर पहुंचकर बूथ स्तर पर बैठक लेंगे, इसके अलावा शक्ति केंद्र, मंडल, मोर्चा और प्रकोष्ठ, सोशल मीडिया टीम के अलावा वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. उनका 6 दिन का कार्यक्रम तय है, जो प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सौंपा गया है. हर विधानसभा में दूसरे राज्यों के विधायक निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से जायजा लेंगे.(UP MLA in Bundelkhand)
क्या कहना है दावेदारों का: सागर विधानसभा से बीजेपी के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे मुकेश जैन ढाना का कहना है कि भाजपा का बहुत अच्छा तरीका है, बाहर के विधायक यहां आएंगे और सात दिन रूककर सर्वे करेंगे. उस सर्वे के आधार पर यदि टिकट बटता है, तो हम जैसे कार्यकर्ताओं लिए बहुत सुविधा होगी. पिछली बार सर्वे हुए थे, लेकिन पहले ही कुछ लोगों को कह दिया था कि आप दावेदार नहीं हो. ये बहुत अच्छी पहल है और इस बार चुनाव में कांटे की टक्कर है, यदि टिकट वितरण ठीक तरीके से होगा, तो संभावनाएं अच्छी रहेगी."