भोपाल। एमपी में शिवराज सिंह ने लाडली लक्ष्मी जैसी जिस फ्लैगशिप योजना से सत्ता की हैट्रिक बनाई थी. अब पांचवी पारी की तैयारी में जुटे शिवराज क्या जीत का पंच लगाने के लिए फिर उस योजना पर भरोसा दिखा रहे हैं. 2022 में लाडली लक्ष्मी 2.0 नए कलेवर में दिख रही है. शिवराज सरकार इस योजना के तहत हायर एजुकेशन की ख्वाहिश रखने वाली करीब 1,437 लड़कियों को 25 हजार की प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी में है. साढ़े बारह हजार की दो किश्तों में ये राशि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में बांटी जाएगी. भले ही मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बांटी जा रही हो ये राशि, लेकिन साल भर बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ये शिवराज का ये मस्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है.
2023 में क्या जीत का पंच लगवाएंगी लाडली : बीजेपी के चुनाव मैनेजमेंट में टाइमिंग का बड़ा खेल है. उस लिहाज से देखिए तो चुनाव के पूरे साल भर पहले सीएम शिवराज ने यूथ वोटर पर पकड़ बनाने का दांव खेल दिया है. लाडली लक्ष्मी योजना 2022 में उच्च शिक्षा के लिए बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है. मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन में ये राशि इन बालिकाओं को बांटी जाएगी. तो ये मुद्दा केवल एक सरकारी आयोजन का नहीं. केवल 1,437 उन बालिकाओं को नहीं जिन्हें पहली खेप में साढे बारह बजार की ये रशि मिलेगी. दांव कहीं और लंबा है. राशि चौदह हजार से ज्यादा लड़कियों को मिलेगी लेकिन असर उन लाखों यूथ वोटर पर होगा जो अभी 18 बरस की उम्र पूरी कर रहे हैं. लाडली लक्षमी योजना के दायरे में भी भले सीमित परिवार आए हों लेकिन उस योजना के लाभ की आकांक्षा रखने वालों ने सीएम शिवराज को चुनाव में जितवा कर फिर विधानसभा पहुंचा दिया था. दूसरा एक परिवार में बेटी को सरकार से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि चुनाव में 1+4 का कमाल करती है. यानी एक को लाख के जरिए घर के चार वोट की गारंटी.
2007 में लाडली लक्ष्मी ने बनाई थी जीत की जमीन: 2008 के विधानसभा चुनाव के एन पहले लांच की गई लाडली लक्ष्मी योजना ने शिवराज की दूसरी पारी के चुनाव में सीन ही बदल दिया था. जैसे चुनाव के साल भर पहले ये प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. ऐसे ही चुनाव के साल भर पहले लांच हो गई थी योजना और 2008 तक इस योजना के मध्य प्रदेश में लाभार्थी तो थे ही. बाकी जिन्हें लाभ नहीं मिल पाया था उन्होंने इस योजना का लाभ लेने की प्रत्याशा में बीजेपी को वोट दिया था. 2008 के चुनाव और फिर 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में महिला वोटर की खास भूमिका रही थी.
यूथ से बूथ जीतने का फार्मूला : 2018 में कांग्रेस ने यूथ पर फोकस किया और छात्रों को बेरोजगारी भत्ता देने के साथ रोज़गार के अवसर जैसे वचनों के जरिए यूथ वोटर पर दांव खेला. नतीजा आया भी, 2018 में बहुत कम अंतर से कांग्रेस को मिली थी जीत, लेकिन इसमें नौजवान वोटर के वोट का करिश्मा था. सीएम शिवराज ने चुनाव के साल भर पहले से इस युवा वोटर पर पकड़ मजबूत बनानी शुरू कर दी है. एमपी में पांच करोड़ 35 लाख से ज्यादा वोटर में युवा वोटरों की तादात आधी से ज्यादा है. करीब दो करोड़ 75 लाख से ऊपर. इनमें सबसे बड़ा हिस्सा 20 से 29 वर्ष के वोटर का है, जो करीब 27 फीसदी से ज्यादा है. जबकि 30 से 39 साल के बीच नौजवों की उम्र 25 फीसदी के आस पास है.
पहले के पैसे मिले नहीं नए कलेवर में योजना : कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव कहते हैं हालात ये हैं कि "लाभार्थियों को पुरानी योजनाओं के पैसे नहीं मिले और नई योजनाएं लांच कर दी जा रही हैं, कुछ नहीं ये चुनावी एजेंडा है. प्रदेश बैंकरप्सी की हालत में है और सरकार चुनावी झुनझुने देने में लगी है. लाडली लक्ष्मी योजना में पहले बांड दिया जाता था अब सर्टिफिकेट दिया जाता है. यानी लाभार्थी की पैसों की श्योरिटी तो गई. केवल योजनाओं का लाभ दिखाकर चुनावी फायदा उठाने की कोशिश हो रही है."
बेटी को लाडली लक्ष्मी बनाया अब पंख देने की तैयारी : बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा कहती हैं कि "बीजेपी की हर योजना ने नतीजे दिए हैं. आप देखिए लड़कियों की भ्रूण हत्या के ग्राफ में 2003 के बाद बड़ा अंतर आया है. पहले बेटियों को कोख में, घर में जगह दिलाई अब लाडली लक्षमी 2.0 के जरिए उनके सामाजिक आर्थिक मजबूती की कोशिश की जा रही है. सरकार का पूरा प्रयास ये है कि लड़कियां हर क्षेत्र में मजबूत हो सकें". (MP Mission 2023)(Shivraj master stroke to win 2023 elections)(Ladli Lakshmi yojana 2022)(MP Assembly elections 2023 )