छिंदवाड़ा/भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव के लिए कुछ महीने बाकि हैं. ऐसे में मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों जुट गए हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने की कोशिश में हैं. ऐसे में भाजपा संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा को जिले की तमाम दलित बस्तियों तक पहुंचाने की तैयारी में जुटी हुई है. हालांकि यात्रा पूरी तरह से सरकारी है, लेकिन भाजपा ने अपने अनुसूचित जाति मोर्चा के जरिए इसकी सफलता के लिए विधानसभावार प्रभारियों व टीमों का गठन कर जिम्मेदारियां बांट दी हैं. सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भव्य भूमि पूजन कार्यक्रम किया जाएगा. वहीं कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा छिंदवाड़ा पहुंचने वाली है. युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में यात्रा छिंदवाड़ा के आदिवासी क्षेत्रों में पहुंचेगी. यात्राओं में खासबात यह कि दोनों ही यात्राएं सिवनी जिले से छिंदवाड़ा जिले में प्रवेश करेंगी.
बीजेपी करा रही संत रविदास मंदिर का निर्माण: चुनावी साल में बीजेपी हर वर्ग को साधने में जुटी है. आदिवासियों के बाद अब पार्टी की नजर प्रदेश की 16 फीसदी आबादी पर है. एससी वर्ग के बीच पैठ बनाने प्रदेश सरकार संत शिरोमणि रविदास महराज मंदिर का निर्माण करने जा रही है. 100 करोड़ रुपए की लागत से सागर में बनने वाले भव्य मंदिर निर्माण में समाज के हर वर्ग की भागीदारी हो, इसके लिए जनअभियान परिषद के संयोजन में 25 जुलाई से 12 अगस्त के बीच प्रदेश के 5 स्थानों से संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा निकालेगी.
पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास: बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने कहा कि "यह यात्राएं प्रदेश के 53 हजार गांवों से मिट्टी और एक मुट्ठी अन्न के साथ पवित्र नदियों और जलाशयों का जल एकत्र करते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संत रविदास के भव्य मंदिर का शिलान्यास होगा. यह यात्राएं प्रदेश में संत रविदास के सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगी. उन्होंने कहा कि सागर में बनने वाला भव्य संत रविदास मंदिर सामाजिक समरसता का एक प्रमुख केंद्र बनेगा." इस दौरान जातिगत जनगणना के सवाल लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुझे लगता है यह देश जाति-धर्म में विश्वास नहीं करता. यह समानता में विश्वास करता है. बीजेपी विभेद पैदा करने के पक्ष में कभी नहीं रही है. कांग्रेस को 57 साल में कभी जातिगत गणना की याद नहीं आई. बीजेपी की सरकार में उनको जातिगत जनगणना की याद आ रही है."
7 विधानसभा क्षेत्र में पहुंचेगी संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा: छिंदवाड़ा में संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा 30 जुलाई को सिवनी से चौरई होते हुए छिंदवाड़ा पहुंचेगी. 31 जुलाई को यहां से सौंसर के लिए रवाना होगी. विश्राम पांढुर्ना में होगा. 1 अगस्त को पांढुर्ना से शुरू होकर यात्रा मोरडोंगरी, उमरेठ होते हुए जुन्नारदेव पहुंचेगी. 2 जुलाई को परासिया होते हुए अमरवाड़ा पहुंचेगी. यात्रा में संत रविदास की चरण पादुका का पूजन होगा. यात्रा का नेतृत्व गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरी और एमपी जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र जामदार कर रहे हैं. दरअसल सागर में करीब 100 करोड़ रुपए लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर निर्माण का संदेश पहुंचाना है. लोगों से उनके क्षेत्रों की मिट्टी व जल जुटाना. चुनावी नजरिए से देखें तो एससी वर्ग तक पहुंच बनाने व लुभाने की कोशिश कही जा सकती है.
5 समरसता यात्रा किस-किस के जिम्मे: पहली यात्रा सिंगरौली से शुरु होगी. जिसका शुभारंभ सीएम शिवराज सिंह चौहान करेंगे. वहीं मांडवा से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, श्योपुर में केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर, बालाघाट से मंत्री भूपेंद्र सिंह और नीमच में उषा ठाकुर और लाल सिंह आर्य यात्रा को रवाना करेंगे. यह यात्राएं 18 दिन तक चलेगी.
2 दिन में दो विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा: कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा 27 जुलाई को सिवनी के लखनादौन से होते हुए अमरवाड़ा के गौरपानी से जिले में प्रवेश करेगी. यात्रा हर्रई, बटकाखापा, धनौरा होते हुए छिंदी से तामिया पहुंचेगी. 28 जुलाई को यात्रा जुन्नारदेव, डुगरियां, घोड़ावाड़ी दमुआ-रामपुर होते हुए बैतूल के सारनी की ओर रवाना होगी. जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष एकलव्य यहके ने बताया कि "यात्रा का नेतृत्व यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया और रामू टेकाम कर रहे हैं. इस यात्रा के जरिये कांग्रेस प्रदेश में आदिवासियों के साथ लगातार हो रहे अत्याचार व दुराचार, उनके अधिकारों के हनन और अनदेखी की खिलाफत कर आदिवासी वर्ग को यह भरोसा दिलाना है कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है. उनके हक में लड़ाई के लिए तैयार है."
जिले में एससी-एसटी का गणित इसलिए दोनों के लिए बने खास: जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी के करीब बताई जाती है. जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोटर्स 35 फीसदी के आसपास हैं. सात में से एक परासिया विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है तो वहीं अमरवाड़ा और सौंसर में भी इन वर्गों का बड़ा प्रभाव है. वहीं सात में से तीन विधानसभा क्षेत्र अमरवाड़ा, जुन्नारदेव और पांढुर्ना एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. छिंदवाड़ा नगर निगम भी एसटी वर्ग के लिए रिजर्व है.
जहां-जहां तू वहां-वहां मैं की तर्ज पर पहुंच रहे नेता: चुनाव के दौरान किसी भी सामाजिक वर्ग में पार्टी की पैठ कमजोर ना पड़े, इसलिए नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अगर किसी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का नेता पहुंचता है तो उसके बाद ही बीजेपी के नेता वहां अपनी उपलब्धियां बताने पहुंच जाते हैं. ऐसा ही नजारा हर तरफ देखने को मिल रहा है. 25 मार्च 2023 को छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी विकासखंड अमरवाड़ा के आंचलकुंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहुंचकर दादा धूनीवाले के दरबार में पूजा अर्चना की थी और छिंदवाड़ा से ही चुनावी शंखनाद किया था. इसके एक हफ्ते बाद ही छिंदवाड़ा के सांसद व पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ भी इसी गांव में जाकर पूजा अर्चना करते नजर आए थे.