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MP Assembly Election 2023: शाह के लिए संकट बना ग्वालियर चंबल अंचल! दिग्गज नेताओं के गढ़ को बचाने अपने हाथ में ली कमान - संकट बना ग्वालियर चंबल अंचल

MP Election 2023: मध्यप्रदेश बीजेपी के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल मुसीबत खड़ा कर सकता है. क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं. जिनके चलते चंबल-अंचल के नेता पार्टी से नाराज हैं. कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद इस अंचल की कमान अपने हाथों में लेंगे.

MP Assembly Election 2023
शाह के लिए संकट बना ग्वालियर चंबल अंचल
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Published : Aug 6, 2023, 9:03 PM IST

दिग्गज नेताओं के गढ़ को बचाने के लिए शाह ने अपने हाथ में ली कमान

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल संकट बना हुआ है. ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के बीच इतनी गुटबाजी हावी है कि इसका असर दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं तक पहुंच गई है. यही वजह है कि अब इसकी कमान खुद राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ली है. वो खुद यहां पर आगामी समय में प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक में शामिल होंगे. इसी को लेकर ग्वालियर के एक निजी होटल में संभागीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित संभाग के सभी संगठन के नेता शामिल हुए.

सिंधिया समर्थकों के चलते नाराजगी: पूरे मध्यप्रदेश में ग्वालियर चंबल-अंचल ऐसा क्षेत्र है. जहां पर बीजेपी सबसे ज्यादा फंसी हुई है. ग्वालियर चंबल-अंचल में सबसे बड़ा नाराजगी का कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक है. पुराने और नाराज भाजपा नेताओं के बीच सिंधिया समर्थकों का समन्वय नहीं बन पा रहा है. यही कारण है कि यहां पर सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी हो चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि साल 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थक हार जाने के बाद भी उन्हें पार्टी ने पदों से नवाजा. इसलिए बीजेपी के पुराने नेताओं को तवज्जो न मिलने के कारण वे लगातार पार्टी से नाराज चल रहे हैं.

चंबल-अंचल में नजर आ रही गुटबाजी: ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया समर्थक और बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं के बीच चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद वह सफल नहीं हो पा रही है. ऐसे में अब विधानसभा का चुनाव भी नजदीक है. इस कारण यह गुटबाजी पार्टी के लिए हार का कारण बन सकती है. जब यह मामला वरिष्ठ नेता के पास पहुंचा तो अब इसकी कमान खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. यही कारण है कि आगामी समय में अमित शाह ग्वालियर चंबल-अंचल के दौरे पर आने वाले हैं. इसी को लेकर आज संभागीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई. इसमें अमित शाह की दौरे के साथ-साथ ग्वालियर चंबल-अंचल की वर्तमान राजनीति व परिदृश्य पर मंथन किया गया. इसके साथ ही ग्वालियर चंबल-अंचल की सभी सीटों पर मंथन किया.

2018 से सबक लेकर चंबल-अंचल की सीटों पर मंथन: शनिवार शाम निजी होटल में आयोजित हुई संभागीय कार्यसमिति की बैठक में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर भी चर्चा हुई. साल 2018 के चुनाव में जहां भाजपा को ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से सिर्फ 7 सीटें मिली थी और इस कारण भाजपा को मध्यप्रदेश में अपनी सरकार गंवानी पड़ी. यही कारण है कि बीजेपी अब सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल अंचल में हारी हुई सीटों को लेकर मंथन कर रही है. वहीं साल 2020 के विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा को कई सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. अब सीटों पर किस तरीके से रणनीति तैयार करनी है, ताकि फिर से इन सीटों पर बीजेपी की वापसी हो सके. इसको लेकर भी बातचीत हुई और एक प्लान तैयार किया गया.

इन खबरों पर भी एक नजर:

सिंधिया बोले-जनता को दिलाएंगे भरोसा: अबकी बार बीजेपी के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल में काफी बड़ा संकट भी सामने दिखाई दे रहा है. सिंधिया समर्थक नेता और नाराज नेताओं को संतुष्ट करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती सामने दिखाई दे रही है. क्योंकि हारे हुए सिंधिया समर्थक भी टिकट की लाइन में लगे हैं तो वहीं पार्टी से नाराज चल रहे पुराने भाजपा नेता भी टिकट के आस में बैठे हुए है. वहीं इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है "बीजेपी में ना तो वोट है और न ही बाजी है. दोनों ही यह सब बीजेपी के शब्दकोश में नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है. इसलिए हम जनता के समक्ष जाकर केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की उपलब्धियों को उनके सामने रखेंगे और सभी जाति समाज को विश्वास दिलाएंगे कि वह भाजपा में ही सुरक्षित हैं."

वहीं ग्वालियर चंबल-अंचल में भाजपा की गुटबाजी को लेकर कांग्रेस भी लगातार जुबानी हमला बोल रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी की गुटबाजी से अमित शाह जान चुके हैं कि अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार जायेगी तो इसका कारण यहां के दिग्गज नेता हैं, लेकिन यहां पर चाहे अमित शाह या पीएम मोदी आने से कुछ नहीं होगा.

दिग्गज नेताओं के गढ़ को बचाने के लिए शाह ने अपने हाथ में ली कमान

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल संकट बना हुआ है. ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के बीच इतनी गुटबाजी हावी है कि इसका असर दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं तक पहुंच गई है. यही वजह है कि अब इसकी कमान खुद राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ली है. वो खुद यहां पर आगामी समय में प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक में शामिल होंगे. इसी को लेकर ग्वालियर के एक निजी होटल में संभागीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित संभाग के सभी संगठन के नेता शामिल हुए.

सिंधिया समर्थकों के चलते नाराजगी: पूरे मध्यप्रदेश में ग्वालियर चंबल-अंचल ऐसा क्षेत्र है. जहां पर बीजेपी सबसे ज्यादा फंसी हुई है. ग्वालियर चंबल-अंचल में सबसे बड़ा नाराजगी का कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक है. पुराने और नाराज भाजपा नेताओं के बीच सिंधिया समर्थकों का समन्वय नहीं बन पा रहा है. यही कारण है कि यहां पर सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी हो चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि साल 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थक हार जाने के बाद भी उन्हें पार्टी ने पदों से नवाजा. इसलिए बीजेपी के पुराने नेताओं को तवज्जो न मिलने के कारण वे लगातार पार्टी से नाराज चल रहे हैं.

चंबल-अंचल में नजर आ रही गुटबाजी: ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया समर्थक और बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं के बीच चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद वह सफल नहीं हो पा रही है. ऐसे में अब विधानसभा का चुनाव भी नजदीक है. इस कारण यह गुटबाजी पार्टी के लिए हार का कारण बन सकती है. जब यह मामला वरिष्ठ नेता के पास पहुंचा तो अब इसकी कमान खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. यही कारण है कि आगामी समय में अमित शाह ग्वालियर चंबल-अंचल के दौरे पर आने वाले हैं. इसी को लेकर आज संभागीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई. इसमें अमित शाह की दौरे के साथ-साथ ग्वालियर चंबल-अंचल की वर्तमान राजनीति व परिदृश्य पर मंथन किया गया. इसके साथ ही ग्वालियर चंबल-अंचल की सभी सीटों पर मंथन किया.

2018 से सबक लेकर चंबल-अंचल की सीटों पर मंथन: शनिवार शाम निजी होटल में आयोजित हुई संभागीय कार्यसमिति की बैठक में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर भी चर्चा हुई. साल 2018 के चुनाव में जहां भाजपा को ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से सिर्फ 7 सीटें मिली थी और इस कारण भाजपा को मध्यप्रदेश में अपनी सरकार गंवानी पड़ी. यही कारण है कि बीजेपी अब सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल अंचल में हारी हुई सीटों को लेकर मंथन कर रही है. वहीं साल 2020 के विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा को कई सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. अब सीटों पर किस तरीके से रणनीति तैयार करनी है, ताकि फिर से इन सीटों पर बीजेपी की वापसी हो सके. इसको लेकर भी बातचीत हुई और एक प्लान तैयार किया गया.

इन खबरों पर भी एक नजर:

सिंधिया बोले-जनता को दिलाएंगे भरोसा: अबकी बार बीजेपी के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल में काफी बड़ा संकट भी सामने दिखाई दे रहा है. सिंधिया समर्थक नेता और नाराज नेताओं को संतुष्ट करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती सामने दिखाई दे रही है. क्योंकि हारे हुए सिंधिया समर्थक भी टिकट की लाइन में लगे हैं तो वहीं पार्टी से नाराज चल रहे पुराने भाजपा नेता भी टिकट के आस में बैठे हुए है. वहीं इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है "बीजेपी में ना तो वोट है और न ही बाजी है. दोनों ही यह सब बीजेपी के शब्दकोश में नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है. इसलिए हम जनता के समक्ष जाकर केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की उपलब्धियों को उनके सामने रखेंगे और सभी जाति समाज को विश्वास दिलाएंगे कि वह भाजपा में ही सुरक्षित हैं."

वहीं ग्वालियर चंबल-अंचल में भाजपा की गुटबाजी को लेकर कांग्रेस भी लगातार जुबानी हमला बोल रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी की गुटबाजी से अमित शाह जान चुके हैं कि अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार जायेगी तो इसका कारण यहां के दिग्गज नेता हैं, लेकिन यहां पर चाहे अमित शाह या पीएम मोदी आने से कुछ नहीं होगा.

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