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महिलाएं ही नहीं पुरुष भी प्रताड़ना के शिकार, 1 साल में सवा लाख प्रकरण, MP में टॉप पर भोपाल

Men Victim Of Harassment: महिलाओं पर अत्याचार और दहेज प्रताड़ना के कई मामले सुनने मिलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाएं ही प्रताड़ित होती हैं. बल्कि पुरुष भी कई बार परिवार कलह और पत्नियों की प्रताड़ना से परेशान होते हैं. पढ़िए भोपाल से ईटीवी भारत के संवाददाता ब्रजेंद्र पटेरिया की ये रिपोर्ट...

Men domestic violence
पुरुष भी प्रताड़ना का शिकार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 5, 2024, 4:16 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 4:39 PM IST

भोपाल। रिश्तों की डोर बेहद नाजुक होती है, इसमें एक बार गांठ लग जाए तो गिरह खुलना मुश्किल हो जाती है. फिर मामला शिकवा शिकायतों और प्रताड़ना तक पहुंच जाता है. साल 2022 में 1.20 लाख पत्नियों ने पति और उनके परिजनों पर दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के प्रकरण पंजीबद्ध कराए हैं. इस मामले में मध्यप्रदेश देश में 7 वें नंबर पर है. वहीं प्रताड़ित पुरूषों की संख्या भी कम नहीं हैं. महिलाओं की प्रताड़ना से पीड़ित पुरूषों को कानूनी राहत दिलाने के लिए बने भाई संगठन पर पिछले एक साल में प्रदेश के 15 हजार पुरूषों ने मदद मांगी है. संस्था के मुताबिक इनमें से कई पुरूष तो आत्महत्या की कगार पर पहुंच चुके थे, ऐसे 41 को संस्था आत्महत्या से बचाया है.

महिला से बचाने पुरूषों ने मांगी मदद: महिलाओं से प्रताड़ित पुरूषों की मदद के लिए काम करने वाली भाई वेलफेयर सोसायटी पर पिछले एक साल में मध्यप्रदेश के 15 हजार 720 पुरूषों ने मदद की गुहार लगाई है. संस्था के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में संस्थान की हेल्पलाइन पर देश भर से करीबन 2 लाख 70 हजार शिकायतें पहुंची हैं. इसमें मध्यप्रदेश की 15 हजार 720 शिकायतें हैं. इन शिकायतों में सबसे ज्यादा महिलाओं द्वारा उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम करने से जुड़ी हैं. संस्था के संयोजक जकी अहमद के मुताबिक 'सामाजिक बदनामी के डर से कई पुरूष आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं. संस्था ने पिछले एक साल में ऐसे 40 से ज्यादा पुरूषों को सुसाइड टेंडेंसी से बाहर निकालने में उनकी मदद की है.'

मध्य प्रदेश में प्रताड़ना के एक साल में 8 हजार प्रकरण दर्ज: एमपी में दहेज प्रताड़ना या क्रूरता के पिछले साल सबसे ज्यादा प्रकरण राजधानी भोपाल में दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश में साल 2022 में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के कुल 8 हजार 486 प्रकरण दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के सबसे ज्यादा प्रकरण राजधानी भोपाल में 684 दर्ज किए गए. हालांकि इस मामले में सबसे चौंकाने वाले आंकड़े राजगढ़ जिले के हैं. यहां साल 2022 में 426 दहेज प्रताड़ना के मामले पंजीबद्ध किए गए. जनसंख्या के मान से यह आंकड़े ज्यादा हैं. इंदौर जिले में पिछले साल 532, जबलपुर में 412 और ग्वालियर में 561 प्रताड़ना के मामले दर्ज किए गए. सबसे कम प्रताड़ना के मामले आदिवासी जिले अलीराजपुर में कुल 7 प्रकरण हैं.

किस जिले में कितने दर्जन प्रताड़ना के प्रकरण: भोपाल में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के सबसे ज्यादा 684 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए. इंदौर में 532 प्रकरण, जबलपुर में 412, ग्वालियर में 561, राजगढ़ में 426, सागर में 424, रीवा में 225, मुरैना में 279, धार में 201 अशोकनगर में 134, बालाघाट में 136, बड़वानी में 64, भिंड में 101, बुरहानपुर में 120, छतरपुर में 168, दमोह में 163, डिंडोरी में 122, नर्मदापुरम में 190, उज्जैन में 191, शिवपुरी में 152 मामले और अलीराजपुर में 7 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.

यहां पढ़ें...

देश में दहेज प्रताड़ना के 1.20 लाख प्रकरण दर्ज हुए: देश में पिछले साल दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के 1 लाख 20 हजार 698 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा दहेज प्रताड़ना के प्रकरण उत्तर प्रदेश में 20371 दर्ज किए गए. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 19650, राजस्थान में 18847, महाराष्ट्र में 11367, आंध्र प्रदेश में 11964, तेलंगाना में 9996, मध्य प्रदेश 8486, गुजरात में 2166, छत्तीसगढ़ में 942, बिहार में 1850, हरियाणा में 5883, कर्नाटक में 2812 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं.

भोपाल। रिश्तों की डोर बेहद नाजुक होती है, इसमें एक बार गांठ लग जाए तो गिरह खुलना मुश्किल हो जाती है. फिर मामला शिकवा शिकायतों और प्रताड़ना तक पहुंच जाता है. साल 2022 में 1.20 लाख पत्नियों ने पति और उनके परिजनों पर दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के प्रकरण पंजीबद्ध कराए हैं. इस मामले में मध्यप्रदेश देश में 7 वें नंबर पर है. वहीं प्रताड़ित पुरूषों की संख्या भी कम नहीं हैं. महिलाओं की प्रताड़ना से पीड़ित पुरूषों को कानूनी राहत दिलाने के लिए बने भाई संगठन पर पिछले एक साल में प्रदेश के 15 हजार पुरूषों ने मदद मांगी है. संस्था के मुताबिक इनमें से कई पुरूष तो आत्महत्या की कगार पर पहुंच चुके थे, ऐसे 41 को संस्था आत्महत्या से बचाया है.

महिला से बचाने पुरूषों ने मांगी मदद: महिलाओं से प्रताड़ित पुरूषों की मदद के लिए काम करने वाली भाई वेलफेयर सोसायटी पर पिछले एक साल में मध्यप्रदेश के 15 हजार 720 पुरूषों ने मदद की गुहार लगाई है. संस्था के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में संस्थान की हेल्पलाइन पर देश भर से करीबन 2 लाख 70 हजार शिकायतें पहुंची हैं. इसमें मध्यप्रदेश की 15 हजार 720 शिकायतें हैं. इन शिकायतों में सबसे ज्यादा महिलाओं द्वारा उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम करने से जुड़ी हैं. संस्था के संयोजक जकी अहमद के मुताबिक 'सामाजिक बदनामी के डर से कई पुरूष आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं. संस्था ने पिछले एक साल में ऐसे 40 से ज्यादा पुरूषों को सुसाइड टेंडेंसी से बाहर निकालने में उनकी मदद की है.'

मध्य प्रदेश में प्रताड़ना के एक साल में 8 हजार प्रकरण दर्ज: एमपी में दहेज प्रताड़ना या क्रूरता के पिछले साल सबसे ज्यादा प्रकरण राजधानी भोपाल में दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश में साल 2022 में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के कुल 8 हजार 486 प्रकरण दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के सबसे ज्यादा प्रकरण राजधानी भोपाल में 684 दर्ज किए गए. हालांकि इस मामले में सबसे चौंकाने वाले आंकड़े राजगढ़ जिले के हैं. यहां साल 2022 में 426 दहेज प्रताड़ना के मामले पंजीबद्ध किए गए. जनसंख्या के मान से यह आंकड़े ज्यादा हैं. इंदौर जिले में पिछले साल 532, जबलपुर में 412 और ग्वालियर में 561 प्रताड़ना के मामले दर्ज किए गए. सबसे कम प्रताड़ना के मामले आदिवासी जिले अलीराजपुर में कुल 7 प्रकरण हैं.

किस जिले में कितने दर्जन प्रताड़ना के प्रकरण: भोपाल में दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के सबसे ज्यादा 684 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए. इंदौर में 532 प्रकरण, जबलपुर में 412, ग्वालियर में 561, राजगढ़ में 426, सागर में 424, रीवा में 225, मुरैना में 279, धार में 201 अशोकनगर में 134, बालाघाट में 136, बड़वानी में 64, भिंड में 101, बुरहानपुर में 120, छतरपुर में 168, दमोह में 163, डिंडोरी में 122, नर्मदापुरम में 190, उज्जैन में 191, शिवपुरी में 152 मामले और अलीराजपुर में 7 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.

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देश में दहेज प्रताड़ना के 1.20 लाख प्रकरण दर्ज हुए: देश में पिछले साल दहेज प्रताड़ना और क्रूरता के 1 लाख 20 हजार 698 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा दहेज प्रताड़ना के प्रकरण उत्तर प्रदेश में 20371 दर्ज किए गए. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 19650, राजस्थान में 18847, महाराष्ट्र में 11367, आंध्र प्रदेश में 11964, तेलंगाना में 9996, मध्य प्रदेश 8486, गुजरात में 2166, छत्तीसगढ़ में 942, बिहार में 1850, हरियाणा में 5883, कर्नाटक में 2812 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं.

Last Updated : Jan 5, 2024, 4:39 PM IST
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