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लखीमपुर खीरी हिंसा : मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर फैसला सुरक्षित

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (lakhimpur kheri violence case) ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे तथा मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है.

lakhimpur Kheri violence case
लखीमपुर खीरी हिंसा
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Published : Jan 18, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Jan 18, 2022, 5:31 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (lakhimpur kheri violence case) में मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे व मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की पूरी केस डायरी राज्य सरकार के अधिवक्ता से तलब की है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया. याची की ओर से कहा गया कि अभियोजन पक्ष घटना में उसके शामिल होने का कोई भी स्पष्ट साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर, 2021 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विरोध के लिए इकट्ठा हुए किसानों पर गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत 13 लोगों पर जीप चढ़ाकर चार किसानों और एक पत्रकार की कुचलकर साजिशन हत्या का आरोप है. गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा, उसके दोस्त व्यापारी अंकित दास, बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल उर्फ मोदी समेत इनके 13 साथी अभी जेल में ही हैं. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की जांच चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 3 आईपीएस को भी इस मामले की जांच करने के लिए नियुक्त किया है.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : सुमित जायसवाल समेत सात आरोपियों ने डाली जमानत अर्जी, सुनवाई 20 जनवरी को

लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (lakhimpur kheri violence case) में मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे व मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की पूरी केस डायरी राज्य सरकार के अधिवक्ता से तलब की है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया. याची की ओर से कहा गया कि अभियोजन पक्ष घटना में उसके शामिल होने का कोई भी स्पष्ट साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर, 2021 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विरोध के लिए इकट्ठा हुए किसानों पर गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत 13 लोगों पर जीप चढ़ाकर चार किसानों और एक पत्रकार की कुचलकर साजिशन हत्या का आरोप है. गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा, उसके दोस्त व्यापारी अंकित दास, बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल उर्फ मोदी समेत इनके 13 साथी अभी जेल में ही हैं. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की जांच चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 3 आईपीएस को भी इस मामले की जांच करने के लिए नियुक्त किया है.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : सुमित जायसवाल समेत सात आरोपियों ने डाली जमानत अर्जी, सुनवाई 20 जनवरी को

Last Updated : Jan 18, 2022, 5:31 PM IST

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