जबलपुर। लगभग 15 साल पहले जबलपुर के कुछ युवाओं ने अखंड भारत के संकल्प को लेकर 14 अगस्त के दिन कुछ नया करने की सोची. ये लोग अपने हाथों में तिरंगा लेकर उफनती नर्मदा में कूद गए. इन युवाओं ने जबलपुर के जिलहरी घाट से तिलवारा घाट तक हाथ में तिरंगा और देशप्रेम के नारों के साथ तैरते हुए जल यात्रा निकाली. 15 साल बाद आज यह जबलपुर की परंपरा बन गई है. संस्कारधानी में हर साल 14 अगस्त के दिन यह यात्रा निकाली जाती है. सामान्य तौर पर अगस्त के महीने में तेज बारिश होती है और नर्मदा उफान पर रहती है. लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर युवा हाथों में तिरंगा लिए नर्मदा में तैरकर सफर करते हैं.
ढाई साल की बच्ची भी यात्रा में : जबलपुर में 14 अगस्त सोमवार को फिर यह अनूठी यात्रा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में केवल युवाओं के साथ बच्चों ने हिस्सा लिया. यहां तक कि एक ढाई साल की बच्ची ने भी जिलहरी घाट से तिलवारा घाट तक 10 किलोमीटर लंबी इस जल यात्रा में हिस्सा लिया. कई महिलाएं हाथों में तिरंगा लिए तैरती नजर आईं. आज भी नर्मदा का जलस्तर सामान्य से ज्यादा था. नर्मदा में तेज बहाव था लेकिन इसके बावजूद इन जल यात्रियों का हौसला कम नहीं दिखा. इन लोगों का कहना है कि 14 अगस्त के दिन अखंड भारत टूट गया था. भले ही 15 अगस्त के दिन हमें आजादी मिली लेकिन अखंड भारत के खंड-खंड 14 अगस्त के दिन हुए थे. भारत और पाकिस्तान के रूप में दो देश बन गए थे. इसलिए वे 14 अगस्त के दिन अखंड भारत के संकल्प को लेकर इस यात्रा का आयोजन कर रहे हैं.
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समाज के अनेक वर्ग यात्रा में शामिल : यात्रा के शुरुआती दौर से जुड़ने वाले विवेक यादव का कहना है कि यह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाला देश का सबसे अनूठा आयोजन है. इसमें केवल वही लोग शामिल होते हैं, जो नर्मदा में हमेशा तैराकी का अभ्यास करते हैं. इसमें जबलपुर तैराकी संघ के लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा शहर के अन्य इलाकों में दूसरे घाटों पर नर्मदा में तैराकी सीखने वाले युवक-युवतियां भी इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं. इस यात्रा में शामिल होने वाले सभी लोग अच्छे तैराक हैं. इसलिए दुर्घटना की कोई आशंका नहीं होती. लेकिन इसके बाद भी सुरक्षा का पूरा इंतजाम रखा जाता है.