ETV Bharat / bharat

क्या नए कश्मीर में जनाजे की नमाज अदा करना जुर्म है, मीरवाइज का उपराज्यपाल से सवाल

मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मुहम्मद उमर फारूक को दिवंगत मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह की जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया गया था.

Is offering funeral prayers in your Naya Kashmir a crime: Mirwaiz asks LG Manoj Sinha
मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मुहम्मद उमर फारूक (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2024, 10:42 PM IST

श्रीनगर: मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मुहम्मद उमर फारूक ने खुद को एक बार फिर नजरबंद करने की प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. बता दें कि प्रशासन ने उमर फारूक मुहाजिर-ए-मिल्लत मीरवाइज मौलाना मुहम्मद यूसुफ शाह के बेटे दिवंगत मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह की पूर्व-निर्धारित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया था.

जनाजे की नमाज परिवार के पैतृक घर मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल में होनी थी, जिसके बाद सेंट्रल जामिया मस्जिद श्रीनगर में मय्यत (शव) की गैर-मौजूदगी जनाजे की नमाज निर्धारित थी.

मीरवाइज उमर फारूक ने एक बयान में गहरी निराशा जताई कि उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति और परिवार के मुखिया मौलवी मुहम्मद अहमद शाह के निधन पर आयोजित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया गया, जिनके निधन पर पूरे कश्मीर के लोगों ने शोक व्यक्त किया था और उनके जनाजे की नमाज में शामिल होना चाहते थे.

हालांकि, प्रशासन ने न सिर्फ ऐतिहासिक मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल को बंद कर दिया, बल्कि सेंट्रल जामिया मस्जिद को भी बंद कर दिया, जिससे जनाजे की नमाज की इजाजत नहीं मिली.

बयान में कहा गया है कि वास्तव में, अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद के पदाधिकारियों को सूचित किया गया था कि अगर जनाजे की नमाज पढ़ी गई, तो अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज की जाएगी.

व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन
मीरवाइज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की कार्रवाई न केवल उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करती है, बल्कि इससे उन हजारों लोगों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंची है, जो इस दुख की घड़ी में उनके साथ संवेदना और एकजुटता व्यक्त करना चाहते थे.

उन्होंने उपराज्यपाल के 'नया कश्मीर' बनाने के लगातार दावों की हकीकत पर भी सवाल उठाए और कहा कि ऐसे दावे खोखले हैं, जब सामूहिक रूप से शोक व्यक्त करने के बुनियादी मानवाधिकार को दबा दिया जाता है और दिवंगत व्यक्ति के लिए धार्मिक शोक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

बता दे, रविवार को जनाजे की नमाज के बाद मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह को इस्लामाबाद के बहरिया टाउन में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सोमवार को मीरवाइज मौलवी मुहम्मद उमर के घर गए. उन्होंने शोक संतप्त परिवार, खासकर मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मोहम्मद उमर फारूक और पूरे परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.

यह भी पढ़ें- कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए हुर्रियत वार्ता के लिए तैयार, मीरवाइज उमर फारूक ने कहा

श्रीनगर: मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मुहम्मद उमर फारूक ने खुद को एक बार फिर नजरबंद करने की प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. बता दें कि प्रशासन ने उमर फारूक मुहाजिर-ए-मिल्लत मीरवाइज मौलाना मुहम्मद यूसुफ शाह के बेटे दिवंगत मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह की पूर्व-निर्धारित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया था.

जनाजे की नमाज परिवार के पैतृक घर मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल में होनी थी, जिसके बाद सेंट्रल जामिया मस्जिद श्रीनगर में मय्यत (शव) की गैर-मौजूदगी जनाजे की नमाज निर्धारित थी.

मीरवाइज उमर फारूक ने एक बयान में गहरी निराशा जताई कि उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति और परिवार के मुखिया मौलवी मुहम्मद अहमद शाह के निधन पर आयोजित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया गया, जिनके निधन पर पूरे कश्मीर के लोगों ने शोक व्यक्त किया था और उनके जनाजे की नमाज में शामिल होना चाहते थे.

हालांकि, प्रशासन ने न सिर्फ ऐतिहासिक मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल को बंद कर दिया, बल्कि सेंट्रल जामिया मस्जिद को भी बंद कर दिया, जिससे जनाजे की नमाज की इजाजत नहीं मिली.

बयान में कहा गया है कि वास्तव में, अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद के पदाधिकारियों को सूचित किया गया था कि अगर जनाजे की नमाज पढ़ी गई, तो अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज की जाएगी.

व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन
मीरवाइज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की कार्रवाई न केवल उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करती है, बल्कि इससे उन हजारों लोगों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंची है, जो इस दुख की घड़ी में उनके साथ संवेदना और एकजुटता व्यक्त करना चाहते थे.

उन्होंने उपराज्यपाल के 'नया कश्मीर' बनाने के लगातार दावों की हकीकत पर भी सवाल उठाए और कहा कि ऐसे दावे खोखले हैं, जब सामूहिक रूप से शोक व्यक्त करने के बुनियादी मानवाधिकार को दबा दिया जाता है और दिवंगत व्यक्ति के लिए धार्मिक शोक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

बता दे, रविवार को जनाजे की नमाज के बाद मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह को इस्लामाबाद के बहरिया टाउन में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सोमवार को मीरवाइज मौलवी मुहम्मद उमर के घर गए. उन्होंने शोक संतप्त परिवार, खासकर मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मोहम्मद उमर फारूक और पूरे परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.

यह भी पढ़ें- कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए हुर्रियत वार्ता के लिए तैयार, मीरवाइज उमर फारूक ने कहा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.