नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने ट्विटर (Twitter) को निर्देश दिया है कि वो सावरकर की जीवनी लिखने वाले इतिहासकार विक्रम संपत (Historian Dr. Vikram Sampath) के खिलाफ इतिहासकार ऑड्रे ट्रूश्के (Historian Audrey Truschke) के उन ट्वीट को हटाएं, जिसमें संपत के खिलाफ इतिहास चोरी (Allegations Of Plagiarism) के आरोप लगाए गए हैं. जस्टिस अमित बंसल ने विक्रम संपत की याचिका पर ये आदेश जारी किया है.
विक्रम संपत ने इसके पहले याचिका दायर कर कहा है कि इतिहासकार ऑड्रे ट्रूश्के, अनन्या चक्रवर्ती और रोहित चोपड़ा की ओर से 11 फरवरी को लंदन के रॉयल हिस्टोरिकल सोसायटी (Royal Historical Society) को पत्र लिखकर संपत पर किताब में चोरी का आरोप लगाया. रॉयल हिस्टोरिकल सोसायटी को लिखे पत्र को ट्विटर और फेसबुक पर डाल दिया गया.
इसके पहले 18 फरवरी को विक्रम संपत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इतिहासकार ऑड्रे ट्रुश्के और अन्य की ओर से रॉयल हिस्टोरिकल सोसाइटी को लिखे पत्र प्रकाशित करने पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने इस मामले पर ऑड्रे ट्रुश्के और अन्य को नोटिस जारी करते हुए 1 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इतिहासकार ऑड्रे ट्रुश्के और अन्य की ओर से रॉयल हिस्टोरिकल सोसाइटी को लिखे पत्र प्रकाशित करने पर रोक लगाई थी. हाईकोर्ट ने ट्विटर से इस चिट्ठी से जुड़े ट्वीट हटाने को भी कहा है. सुनवाई के दौरान संपत की ओर से पेश वकील राघव अवस्थी ने कहा कि उन्होंने जो भी सामग्री अन्य लेखकों से ली है उनको इसका श्रेय भी किताब में दिया है, इसलिए सामग्री चोरी करने का आरोप गलत और उनकी मानहानि करने वाला है. उन्होंने ऑड्रे ट्रुश्के और दूसरे प्रतिवादियों से दो करोड़ रुपए जुर्माना देने की भी मांग की है