नई दिल्ली: एग्जिट पोल में मिले संकतों के अनुसार एनडीए की सत्ता में वापसी तय है. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. इनका कहना है कि एग्जिट पोल पहले भी कई मौकों पर गलत साबित हुए हैं. लिहाजा, उन्हें 23 मई का इंतजार करना चाहिए.
इसके बावजूद विपक्षी पार्टियों के बीच हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों के नेताओं के बीच आपसी बैठकों का दौर पहले से ज्यादा हो गया है. यह मुलाकात अनौपचारिक है. खबरों के अनुसार यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षों दलों की बैठक 23 मई को बुलाई है.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. उन्होंने शरद पवार से अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की.
एग्जिट पोल्स पर ममता बनर्जी ने अलग प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आशंका जताई है कि भाजपा ईवीएम के जरिए आंकड़ों में फेर-बदल कर सकती है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अबदुला ने इस पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हर एग्जिट पोल गलत नहीं हो सकता. यह समय टीवी बंद कर देने का है. सोशल मीडिया को बंद करने का है. समय है ये देखने का, कि धरती अभी भी अपनी धुरी पर गोल घूम रही है. इसलिए 23 तारीख का इंतेजार करना चाहिए.
आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास की तो वो भी इस मामले पर मजे लेते नजर आए. इस मामले से पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ये एग्जिट पोल वाले भी बहुत बदमाश हैं. कम से कम 23 मई तक तो चैन से सोने देते? शैतान कहीं के.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने चंद्रबाबू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के बाद चंद्रबाबू नायडू को लग रहा होगा कि बेकार ही दिल्ली तक आकर 'चंदा' बाबू से मिले.
बता दें, सोनिया, राहुल और शरद पवार से कल चंद्रबाबू ने मुलाकात की थी और सभी विपक्षियों को सोनिया गांधी द्वारा आयोजित बैठक में पहुंचने का आग्रह किया.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एग्जिट पोल पर कहा कि मुझे लगता है कि ये सभी गलत है. पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया में 56 पोल्स गलत साबित हुए. भारत में बहुत से लोग जनमत सर्वेक्षणों को सत्य बताने से डरते हैं. उनको सरकार का खौफ होता है. हम 23 तक इंतेजार करेंगे असली परिणाम आने का.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में आलोचना करते हुए लिखा, 'ज्यादातर न्यूज एंकर एग्जिट पोल के रिजल्ट को लेकर अपनी खुशी को छिपा नहीं पा रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि कैंडी स्टोर में बच्चों को छोड़ दिया गया है! तेरे आने से यूं खुश है दिल, जैसे कि बुलबुल बहार के खातिर.'
तेजस्वी ने एक्जिट पोल को नकारते हुए ट्वीट किया, 'एग्जिट से पहले बाजार की अपनी मजबूरियां एक्जिट पोल के नाम से बेची जाती हैं. संघ समर्थित संस्थानों और संसाधनों की मदद से वंचितों के मनोविज्ञान से खेलना इनका पुराना हथियार है. इसे खारिज करें. हम जीत रहे हैं. स्ट्रांग रूम पर कड़ी निगरानी रखे. गंदे खेल के माहिर लोगों की चाल कामयाब ना हो.'