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CAA : अफगान शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की  उम्मीद, मोदी सरकार को दिया धन्यवाद - नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत अफगानिस्तान से आए सिख समुदाय के लोगों मे भारत की नागरिकता हासिल करने की उम्मीद बढ़ गई है. इस मामले में अफगानिस्तान से आए सिख और हिन्दू समुदाय को लोगों ने नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद कहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने आपबीती सुनाई.

अफगानिस्तान से आए शरणार्थी
अफगानिस्तान से आए शरणार्थी
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Published : Dec 21, 2019, 7:45 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 9:32 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनने के बाद अफगानिस्तान से भारत आए कई सिख परिवारों को अब भारत की नागरिकता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. CAA आने के बाद इन शरणार्थियों में खुशी की लहर है.

ईटीवी भारत से बातचीत में इन अफगानी शरणर्थियों ने कहा कि वे भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं. वे 90 के दशक से भारत में शरणार्थी बनकर रह रहे थे. लेकिन अब कानूनन भारत के नागरिक बन जाएंगे हैं.

शरणार्थियों ने बताया कि अफगानिस्तान में उनका अच्छा व्यवसाय था ,लेकिन 90 के दशक में तालिबान के उदय के बाद उन्हें अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा और वे पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचे.

अफगानिस्तान से आए शरणार्थी

उन्होंने बताया कि हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी के रूप में मान्यता दी थी, लेकिन बाद में उन्हें मदद और शरणार्थियों को मिलने वाला फंड रोक दिया गया.

नागरिकता पाने से काफी खुश नजर आ रहे शरणार्थियों ने कहा कि CAA लागू होने के बाद उन्हें नागरिकता मिल जाएगी और वह आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने जाएंगे और उन्हें पहचान के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने इस कानून का विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि वे इसका विरोध न करें.

पढ़ें- शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद का आरोप - जनता को गुमराह कर रहे राजनीतिक दल

उन्होंने दावा किया कि 80 और 90 के दशक में हिन्दुओं और सिखों ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगभग 25% का योगदान दिया, लेकिन उन्हें अपना धर्म और परिवार को बचाने के लिए अपना देश छोड़ना पड़ा.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनने के बाद अफगानिस्तान से भारत आए कई सिख परिवारों को अब भारत की नागरिकता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. CAA आने के बाद इन शरणार्थियों में खुशी की लहर है.

ईटीवी भारत से बातचीत में इन अफगानी शरणर्थियों ने कहा कि वे भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं. वे 90 के दशक से भारत में शरणार्थी बनकर रह रहे थे. लेकिन अब कानूनन भारत के नागरिक बन जाएंगे हैं.

शरणार्थियों ने बताया कि अफगानिस्तान में उनका अच्छा व्यवसाय था ,लेकिन 90 के दशक में तालिबान के उदय के बाद उन्हें अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा और वे पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचे.

अफगानिस्तान से आए शरणार्थी

उन्होंने बताया कि हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी के रूप में मान्यता दी थी, लेकिन बाद में उन्हें मदद और शरणार्थियों को मिलने वाला फंड रोक दिया गया.

नागरिकता पाने से काफी खुश नजर आ रहे शरणार्थियों ने कहा कि CAA लागू होने के बाद उन्हें नागरिकता मिल जाएगी और वह आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने जाएंगे और उन्हें पहचान के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने इस कानून का विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि वे इसका विरोध न करें.

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उन्होंने दावा किया कि 80 और 90 के दशक में हिन्दुओं और सिखों ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगभग 25% का योगदान दिया, लेकिन उन्हें अपना धर्म और परिवार को बचाने के लिए अपना देश छोड़ना पड़ा.

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Last Updated : Dec 21, 2019, 9:32 PM IST
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