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लॉकडाउन के कारण कोरोना से पहले भूख से मरने पर मजबूर दिल्ली के मजदूर

साउथ दिल्ली के छत्तरपुर स्थित फतेहपुर बेरी के चंदन होला इलाके में मजदूरों का घर... घर के बाहर हाथ जोड़ खड़े मजदूर और उनके बच्चे. इन लोगों की मानें तो यह सभी लोग पिछले चार दिनों से कुछ भी नही खाया है. इनका कहना है कि यह सभी रोजाना कमाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे.

दिल्ली के मजदूर
दिल्ली के मजदूर
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Published : Mar 26, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Mar 26, 2020, 3:07 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर समेत पूरे भारत में कोरोना वायरस के फैलने के डर से पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है. लॉकडाउन के बाद जहां समाज का एक धड़ा आराम कर रहा है, तो वहीं समाज का एक धड़ा ऐसा भी है, जो खाने के लिए तरस रहा है..... और लगातार सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहा है की उसे भोजन दे दो नहीं तो वह मर जाएगा.....

साउथ दिल्ली के छत्तरपुर स्थित फतेहपुर बेरी के चंदन होला इलाके में मजदूरों का घर... घर के बाहर हाथ जोड़ खड़े मजदूर और उनके बच्चे. इन लोगों की मानें तो यह सभी लोग पिछले चार दिनों से कुछ भी नही खाया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इनका कहना है कि यह सभी रोजाना कमाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. लॉकडाउन के दौरान, जो पैसे बचे उससे एक दो दिन तो किसी तरह गुजारा चल गया लेकिन, अब न घर में कुछ खाने को है और न ही पैसे. इनका कोई राशन कार्ड नहीं है, यह तो यूपी और बिहार से आकर रोजाना मजदूरी कर अपना और अपने बच्चों के पेट को पाल रहे थे.

दिल्ली में जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन से अब यह अपने गांव भी नही जा सकते हैं और न कोई काम कर सकते हैं. इन लोगो के पास पैसे भी नहीं है जो यह खाने का सामान खरीद सकें...

बता दें कि दिल्ली एनसीआर समेत भारत देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके चलते राज्य सरकार और केंद्र सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है. अब सवाल यही उठता है की क्या सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया.

पढ़ें- कोविड-19 : लॉकडाउन के समय होम डिलीवरी, ई-कॉमर्स कंपनियों ने उठाया सुरक्षा का मुद्दा

आज दिल्ली में छठा दिन हो गया आज तक इन लोगों के पास नहीं तो कोई सरकारी कर्मचारी न ही किसी एनजीओ ने संपर्क किया. यह सभी लोग हाथ जोड़कर मीडिया के सामने विनती कर रहे हैं कि सर आप ही कुछ कीजिए.

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर समेत पूरे भारत में कोरोना वायरस के फैलने के डर से पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है. लॉकडाउन के बाद जहां समाज का एक धड़ा आराम कर रहा है, तो वहीं समाज का एक धड़ा ऐसा भी है, जो खाने के लिए तरस रहा है..... और लगातार सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहा है की उसे भोजन दे दो नहीं तो वह मर जाएगा.....

साउथ दिल्ली के छत्तरपुर स्थित फतेहपुर बेरी के चंदन होला इलाके में मजदूरों का घर... घर के बाहर हाथ जोड़ खड़े मजदूर और उनके बच्चे. इन लोगों की मानें तो यह सभी लोग पिछले चार दिनों से कुछ भी नही खाया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इनका कहना है कि यह सभी रोजाना कमाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. लॉकडाउन के दौरान, जो पैसे बचे उससे एक दो दिन तो किसी तरह गुजारा चल गया लेकिन, अब न घर में कुछ खाने को है और न ही पैसे. इनका कोई राशन कार्ड नहीं है, यह तो यूपी और बिहार से आकर रोजाना मजदूरी कर अपना और अपने बच्चों के पेट को पाल रहे थे.

दिल्ली में जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन से अब यह अपने गांव भी नही जा सकते हैं और न कोई काम कर सकते हैं. इन लोगो के पास पैसे भी नहीं है जो यह खाने का सामान खरीद सकें...

बता दें कि दिल्ली एनसीआर समेत भारत देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके चलते राज्य सरकार और केंद्र सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है. अब सवाल यही उठता है की क्या सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया.

पढ़ें- कोविड-19 : लॉकडाउन के समय होम डिलीवरी, ई-कॉमर्स कंपनियों ने उठाया सुरक्षा का मुद्दा

आज दिल्ली में छठा दिन हो गया आज तक इन लोगों के पास नहीं तो कोई सरकारी कर्मचारी न ही किसी एनजीओ ने संपर्क किया. यह सभी लोग हाथ जोड़कर मीडिया के सामने विनती कर रहे हैं कि सर आप ही कुछ कीजिए.

Last Updated : Mar 26, 2020, 3:07 PM IST
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