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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की महाकाल की पूजा, परमिशन के बाद भी श्रद्धालुओं की एंट्री कैंसल

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार सुबह महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की. वह बाबा महाकाल के भस्म आरती में भी शामिल हुए. उनके कार्यक्रम के मद्देनजर उज्जैन महाकाल मंदिर में रविवार शाम अचानक भस्म आरती में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई, जिसको लेकर भक्तों ने मंदिर में जमकर हंगामा किया. मंदिर प्रशासन की ओर से बताया गया कि सुरक्षा की दृष्टि से श्रद्धालुओं की परमिशन निरस्त की गई है.

mahakal temple ujjain
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Published : Feb 21, 2022, 1:47 PM IST

उज्जैन. संघ प्रमुख मोहन भागवत सोमवार सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए. जानकारी के अनुसार, संघ प्रमुख ने मंदिर के गर्भ गृह में जाकर दूध, दही, शहद, जल अर्पित कर भगवान महाकाल का अभिषेक किया. इसके बाद सरसंघचालक ने भस्म आरती का लाभ लिया. भस्म आरती के बाद महाकाल प्रबंधक समिति की ओर से मोहन भागवत का नंदीहाल में पंडित-पुजारियों द्वारा मंत्र उपचार किया गया और शॉल-श्रीफल देकर भगवान महाकाल की प्रतिमा भेंट की गई.

महाकाल की पूजा करते आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के भस्म आरती में शामिल होने के कारण रविवार शाम को आम श्रद्धालुओं की परमिशन कैंसिल कर दी गई. श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने सुबह से लाइन में लगकर भस्म आरती की ऑफलाइन दर्शन के लिए बुकिंग करवाई थी. रविवार शाम को जैसे ही मोहन भागवत का भस्म आरती में जाने का कार्यक्रम तय हुआ, मंदिर प्रशासन ने अचानक सभी श्रद्धालुओं की भस्म आरती में एंट्री निरस्त कर दी. मंदिर प्रशासन की ओर से एंट्री निरस्त होने का मैसेज मिलते ही कई श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच गए और हंगामा भी किया था. बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में 3 दिन पहले ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश की अनुमति मिली थी. नए नियम के तहत ऑफलाइन परमिशन लेने के बाद ही श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं. इस कारण सभी श्रद्धालुओं ने सुबह लाइन में लगकर भस्म आरती की परमिशन ली थी.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत चार दिनों (19 फरवरी से 22 फरवरी) के उज्जैन प्रवास पर हैं. उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में मोहन भागवत की संघ के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिसमें 2025 की रूप रेखा तय की जा रही है. रविवार को उन्होंने उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में दर्शन किए थे. आज वह आराधना भवन की नई बिल्डिंग का लोकार्पण करेंगे.

पढ़ें : मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल में संगठन विस्तार पर की चर्चा, बंद शाखाओं की सूची सौंपी गई

उज्जैन. संघ प्रमुख मोहन भागवत सोमवार सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए. जानकारी के अनुसार, संघ प्रमुख ने मंदिर के गर्भ गृह में जाकर दूध, दही, शहद, जल अर्पित कर भगवान महाकाल का अभिषेक किया. इसके बाद सरसंघचालक ने भस्म आरती का लाभ लिया. भस्म आरती के बाद महाकाल प्रबंधक समिति की ओर से मोहन भागवत का नंदीहाल में पंडित-पुजारियों द्वारा मंत्र उपचार किया गया और शॉल-श्रीफल देकर भगवान महाकाल की प्रतिमा भेंट की गई.

महाकाल की पूजा करते आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के भस्म आरती में शामिल होने के कारण रविवार शाम को आम श्रद्धालुओं की परमिशन कैंसिल कर दी गई. श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने सुबह से लाइन में लगकर भस्म आरती की ऑफलाइन दर्शन के लिए बुकिंग करवाई थी. रविवार शाम को जैसे ही मोहन भागवत का भस्म आरती में जाने का कार्यक्रम तय हुआ, मंदिर प्रशासन ने अचानक सभी श्रद्धालुओं की भस्म आरती में एंट्री निरस्त कर दी. मंदिर प्रशासन की ओर से एंट्री निरस्त होने का मैसेज मिलते ही कई श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच गए और हंगामा भी किया था. बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में 3 दिन पहले ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश की अनुमति मिली थी. नए नियम के तहत ऑफलाइन परमिशन लेने के बाद ही श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं. इस कारण सभी श्रद्धालुओं ने सुबह लाइन में लगकर भस्म आरती की परमिशन ली थी.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत चार दिनों (19 फरवरी से 22 फरवरी) के उज्जैन प्रवास पर हैं. उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में मोहन भागवत की संघ के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिसमें 2025 की रूप रेखा तय की जा रही है. रविवार को उन्होंने उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में दर्शन किए थे. आज वह आराधना भवन की नई बिल्डिंग का लोकार्पण करेंगे.

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