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मानसून में Ear-Nose Piercing करवा रहे हैं तो हो जाएं सतर्क, नहीं तो उठानी पड़ेगी ये परेशानियां

सोने-चांदी के आभूषण पहनना महिलाओं के लिए न सिर्फ एक शौक है बल्कि यह हिंदू संस्कारों का एक हिस्सा भी है. वहीं, अगर महिलाएं नाक और कान में आभूषण पहनती हैं, तो इससे सुंदरता में चार चांद लग जाता है. डॉक्टर के मुताबिक बरसात में Ear-Nose Piercing नहीं कराना चाहिए. इससे चार तरह की समस्याएं हो सकती हैं.

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Published : Jul 6, 2022, 5:44 PM IST

नई दिल्लीः सोने-चांदी के आभूषण पहनना महिलाओं के लिए न सिर्फ एक शौक है बल्कि यह हिंदू संस्कारों का एक हिस्सा भी है. वहीं, अगर महिलाएं नाक और कान में आभूषण पहनती हैं, तो इससे सुंदरता में चार चांद लग जाता है. आभूषण पहनने के लिए नाक और कान को छिदवाना पड़ता है. कान छिदवाना हिंदू संस्कारों का हिस्सा रहा है. वहीं अगर आपने Ear-Nose Piercing सही समय पर नहीं कराई तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

Ear-Nose Piercing के लिए सही समय चुनना बहुत जरूरी है, जिससे कि किसी प्रकार की कोई परेशानी न उठानी पड़े. बरसात के मौसम में अगर आप Ear-Nose Piercing करा रहे हैं तो ये नुकसानदायक साबित हो सकता है. वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉक्टर बृजपाल त्यागी के मुताबिक, बरसात के मौसम में हवा में नमी की मात्रा काफी बढ़ जाती है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस समय Ear-Nose Piercing करवाने पर सूजन, पस (मवाद) बनना, खुजली, इन्फेक्शन आदि का खतरा बना रहता है. Ear-Nose Piercing की अगर बेहद जरूरत नहीं है तो बरसात के मौसम में इसे नहीं कराना चाहिए.

Ear-Nose Piercing के लिए सही समय चुनना बहुत जरूरी है.

बरसात में हो सकती है ये परेशानी-

• सूजन (Swellling) बारिश के मौसम में अगर Ear-Nose Piercing करवाते हैं तो तीन से चार दिन नाक-कान में सूजन की समस्या हो सकती है. वातावरण में अधिक नमी होने के चलते बरसात में सूजन और बदतर हो जाता है. इससे आपको खासा परेशानी हो सकती है.

• पस (मवाद) बरसात के मौसम में वातावरण में अधिक नमी होने से Ear-Nose Piercing वाले हिस्से में इन्फेक्शन होने से पस (मवाद) बनने की संभावना बढ़ जाती है.

• इन्फेक्शन नाक में पस बनने से इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है और यह इंफेक्शन खतरनाक भी साबित हो सकता है. नाक और होंठ के ऊपरी हिस्से में अगर इंफेक्शन होता है तो इंफेक्शन सीधा दिमाग में पहुंचने का खतरा बना रहता है. अगर यह इंफेक्शन दिमाग में पहुंचता है तो इससे जान का खतरा बना रहता है.

• खुजली बरसात में Ear-Nose Piercing वाले हिस्से की त्वचा खुश्क और पपड़ीदार हो सकती है, जिससे कि उस हिस्से में खुजली हो सकती है. ऐसे में तमाम परेशानियों से बचने के लिए Ear-Nose Piercing बरसात के मौसम में नहीं कराने चाहिए.

नोटः खबर डाक्टर/एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है. इस आर्टिकल में बताए गए दावों की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. दी गई जानकरी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं हो सकती. आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें.

नई दिल्लीः सोने-चांदी के आभूषण पहनना महिलाओं के लिए न सिर्फ एक शौक है बल्कि यह हिंदू संस्कारों का एक हिस्सा भी है. वहीं, अगर महिलाएं नाक और कान में आभूषण पहनती हैं, तो इससे सुंदरता में चार चांद लग जाता है. आभूषण पहनने के लिए नाक और कान को छिदवाना पड़ता है. कान छिदवाना हिंदू संस्कारों का हिस्सा रहा है. वहीं अगर आपने Ear-Nose Piercing सही समय पर नहीं कराई तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

Ear-Nose Piercing के लिए सही समय चुनना बहुत जरूरी है, जिससे कि किसी प्रकार की कोई परेशानी न उठानी पड़े. बरसात के मौसम में अगर आप Ear-Nose Piercing करा रहे हैं तो ये नुकसानदायक साबित हो सकता है. वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉक्टर बृजपाल त्यागी के मुताबिक, बरसात के मौसम में हवा में नमी की मात्रा काफी बढ़ जाती है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस समय Ear-Nose Piercing करवाने पर सूजन, पस (मवाद) बनना, खुजली, इन्फेक्शन आदि का खतरा बना रहता है. Ear-Nose Piercing की अगर बेहद जरूरत नहीं है तो बरसात के मौसम में इसे नहीं कराना चाहिए.

Ear-Nose Piercing के लिए सही समय चुनना बहुत जरूरी है.

बरसात में हो सकती है ये परेशानी-

• सूजन (Swellling) बारिश के मौसम में अगर Ear-Nose Piercing करवाते हैं तो तीन से चार दिन नाक-कान में सूजन की समस्या हो सकती है. वातावरण में अधिक नमी होने के चलते बरसात में सूजन और बदतर हो जाता है. इससे आपको खासा परेशानी हो सकती है.

• पस (मवाद) बरसात के मौसम में वातावरण में अधिक नमी होने से Ear-Nose Piercing वाले हिस्से में इन्फेक्शन होने से पस (मवाद) बनने की संभावना बढ़ जाती है.

• इन्फेक्शन नाक में पस बनने से इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है और यह इंफेक्शन खतरनाक भी साबित हो सकता है. नाक और होंठ के ऊपरी हिस्से में अगर इंफेक्शन होता है तो इंफेक्शन सीधा दिमाग में पहुंचने का खतरा बना रहता है. अगर यह इंफेक्शन दिमाग में पहुंचता है तो इससे जान का खतरा बना रहता है.

• खुजली बरसात में Ear-Nose Piercing वाले हिस्से की त्वचा खुश्क और पपड़ीदार हो सकती है, जिससे कि उस हिस्से में खुजली हो सकती है. ऐसे में तमाम परेशानियों से बचने के लिए Ear-Nose Piercing बरसात के मौसम में नहीं कराने चाहिए.

नोटः खबर डाक्टर/एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है. इस आर्टिकल में बताए गए दावों की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. दी गई जानकरी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं हो सकती. आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें.

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