मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombey High Court ) ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) के आयुक्त को निर्देश दिया कि वह अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन (Amitabh Bachchan And Jaya Bachchan) को दिए गए नोटिस के खिलाफ अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन याचिका पर सुनवाई करें.
दरअसल, जुहू में जिस भूमि पर उनके बंगला प्रतीक्षा (Pratiksha In Juhu) का निर्माण किया गया है, वहां सड़क लाइन का विस्तारीकरण किया जा रहा है. हाई कोर्ट ने बीएमसी को अभ्यावेदन पर सुनवाई होने तक कोई भी कठोर कदम उठाने पर भी रोक लगाई है.
न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति एसएम मोदक की खंडपीठ ने अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका बीएमसी आयुक्त को उनकी सुनवाई करने और 17 फरवरी 2022 को साजिश के तहत अधिग्रहण के खिलाफ उनके हित में फैसला करने के लिए निर्देश देने की मांग कर रही है.
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याचिका में बीएमसी द्वारा अप्रैल 2017 में बच्चन परिवार को जारी किए गए नोटिस को भी चुनौती दी गई, जिसमें कहा गया है कि बीएमसी जमीन के उन हिस्सों को अपने कब्जे में लेने की बात कर रहा है, जिस पर बंगला बनाया गया है, क्योंकि यह स्ट्रीट लाइन के भीतर आता है.
बच्चन परिवार की ओर से दायर याचिका के अनुसार, मुंबई नगर निगम (MMC) अधिनियम 1888 की धारा 299 के तहत उन्हें जारी नोटिस नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे भूमि अधिग्रहण, और पुनर्वास के तहत उचित मुआवजे के अधिकार में आते हैं. याचिका में बच्चन परिवार ने सुनवाई होने तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की भी मांग की है.
बुधवार को याचिका पर सुनवाई के बाद पीठ ने बच्चन परिवार को राहत दे दी है. पीठ ने बीएमसी आयुक्त को 17 फरवरी के बाद छह सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन पर फैसला करने का निर्देश दिया है. प्रतिनिधित्व पर आयुक्त के निर्णय के बाद हाई कोर्ट ने बच्चन परिवार को उचित कानूनी सहारा लेने के लिए तीन सप्ताह की और अनुमति दी है. वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे और बीएमसी के वकील रोहन मीरपुरी द्वारा पीठ को आश्वासन दिए जाने के बाद पीठ ने याचिका का निपटारा किया.