Dumka Public Opinion: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर लोगों की प्रतिक्रिया
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हेमंत कैबिनेट ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian based Domicile) पर मुहर लगा दी है. साथ ही ओबीसी का आरक्षण 27 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस कदम से राज्य की उपराजधानी दुमका में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने आम लोगों की राय (Dumka public opinion) ली. हिजला गांव की छात्रा श्वेता ने बताया कि वो पीजी कर चुकी हैं और सरकारी नौकरी के प्रयास में हैं. 1932 आधारित स्थानीय नीति के लागू होने से उन्हें आसानी से नौकरी प्राप्त होगी. वहीं गृहिणी मीना हांसदा ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं, पढ़-लिखकर अब तक बेरोजगार हैं लेकिन सरकार के इस निर्णय से उनकी तीनों बेटी को नौकरी मिलने में सहूलियत होगी. संयुक्त बिहार के वक्त से दूसरे राज्यों से आए लोगों में सरकार के इस फैसले से निराशा (Domicile in Jharkhand) है. दुमका में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के एक परिवार के सदस्य हरबिंदर सिंह कहते हैं कि उनके पिता 55 वर्ष पहले दुमका आए थे और यहीं के होकर रह गए. उनकी शिक्षा और उनके बच्चों की शिक्षा यहां हुई है. ऐसे में अब वो 1932 का खतियान कहां से लाएंगे. अब वो अपने बच्चों को लेकर कहां जाएंगे. वहीं बिहार से आए लोगों कहा कहना है कि हमें कहां पता था कि 2000 में झारखंड राज्य अलग हो जाएगा और उसके बाद हमसे 1932 का खतियान मांगा (Public opinion on 1932 Khatian) जाएगा. उनका कहना है कि सिर्फ सरकारी नौकरी में ही क्यों सरकार को चाहिए कि वह सांसद और विधायक के चुनाव में भी 1932 का खतियान लागू करें. वर्तमान में सरकार के कई विधायक और मंत्री 1932 के खतियानधारी नहीं है उन्हें तत्काल बर्खास्त करें.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:28 PM IST