रांची: झारखंड कैडर की चर्चित IAS पूजा सिंघल के लिए लंबे अरसे बाद राहत वाली खबर आई है. उनको निलंबन से मुक्त कर दिया गया है, साथ ही कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग में योगदान देने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. ईडी ने पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए की धारा 19 के तहत 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. इस आधार पर अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3(3) के तहत 12 मई 2022 को तत्काल प्रभाव से उनको निलंबित कर दिया गया था.
गिरफ्तारी के बाद पूजा सिंघल नियमित जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी. इसी बीच 7 दिसंबर 2024 को रांची की पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. इसी आधार पर निलंबन समीक्षा समिति ने निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा की गई थी, जिस पर 7 दिसंबर 2024 के प्रभाव से कार्मिक विभाग ने उनके निलंबन को खत्म कर दिया. कार्मिक विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके निलंबन अवधि के विनियमन के मसले पर अलग से निर्णय लिया जाएगा.
दरअसल, 6 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पूजा सिंघल समेत उनके करीबियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. तब सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद हुए थे. छापेमारी के 5 दिन बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें पहली बार जनवरी 2023 में बेटी के इलाज के नाम पर अंतरिम जमानत मिली थी. हालांकि जेल में रहने के दौरान तबीयत खराब होने की वजह से लंबे समय तक पूजा सिंघल को रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया था.
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