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ग्रामीणों ने गांव में शराब दुकान खोले जाने का किया विरोध,  जिला उपायुक्त से लगाई गुहार

चाईबासा में पताहतु गांव में ग्रामीणों ने गांव में शराब दुकान खोले जाने का विरोध किया, साथ ही जिला उपायुक्त से शराब दुकान नहीं खोलने देने को लेकर मांग भी किया.

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Published : May 16, 2019, 1:47 PM IST

ग्रामीणों ने गांव में शराब दुकान खोले जाने को लेकर जिला उपायुक्त से लगाई गुहार

चाईबासा: जिला मुख्यालय से सटे पताहतु गांव के ग्रामीणों ने गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध करते हुए उपायुक्त से गांव में दुकान नहीं खुलवाने की मांग की. ग्रामीणों ने अपने गांव में किसी भी कीमत पर शराब की दुकान नहीं खुलने देने की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों का बयान

ग्रामीण महिलाओं की माने तो उनके गांव क्षेत्र में कई महिलाओं के साथ हादसे हो चुके हैं, साथ ही ग्रामीणों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है जिससे ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं. ग्रामीण महिला और पुरुष किसी भी कीमत पर अपने गांव के परिवेश को खराब नहीं करना चाहते हैं. यही कारण है कि ग्रामीण अपने गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध कर रहे हैं.

वहीं, पताहातु के ग्रामीणों ने गांव में शराब की दुकानें नहीं खुलने देने को लेकर पश्चिम सिंहभूम उपायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों का कहना है कि शराब व्यापारी जबरन गांव में शराब की दुकान खोल रहे हैं जिससे गांव की आबोहवा खराब हो जाएगी. ग्रामीण पहले से ही गांव के आसपास शहरों से शराब लेकर आने वाले ग्रामीणों से खासे परेशान हैं. ग्रामीणों की माने तो गांव में शराब दुकान खोलने से पहले ग्राम सभा भी नहीं की गई और ना ही ग्राम सभा से कोई अनुमति ली गई है. जिस वजह से ग्राम सभा की ओर से यह तय किया है कि किसी भी कीमत पर गांव में शराब की दुकान नहीं खुलने दिया जाएगा.

बता दें कि पताहातु गांव के ग्रामीण जिला उपायुक्त अरवा राजकमल से मुलाकात कर अपने गांव में अनुसूचित जनजाति की 70 फीसदी आबादी होने की भी बात कही. उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार जिस गांव में 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं वहां शराब की दुकानें नहीं खोलने के प्रावधान भी हैं. इसी अनुसार हम सभी शराब दुकान नहीं खोलने को लेकर मांग कर रहे हैं. वहीं, उपायुक्त अरवा राजकमल आश्वासन दिया कि ग्रामीणों की बात सुनी जाएगी.

चाईबासा: जिला मुख्यालय से सटे पताहतु गांव के ग्रामीणों ने गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध करते हुए उपायुक्त से गांव में दुकान नहीं खुलवाने की मांग की. ग्रामीणों ने अपने गांव में किसी भी कीमत पर शराब की दुकान नहीं खुलने देने की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों का बयान

ग्रामीण महिलाओं की माने तो उनके गांव क्षेत्र में कई महिलाओं के साथ हादसे हो चुके हैं, साथ ही ग्रामीणों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है जिससे ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं. ग्रामीण महिला और पुरुष किसी भी कीमत पर अपने गांव के परिवेश को खराब नहीं करना चाहते हैं. यही कारण है कि ग्रामीण अपने गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध कर रहे हैं.

वहीं, पताहातु के ग्रामीणों ने गांव में शराब की दुकानें नहीं खुलने देने को लेकर पश्चिम सिंहभूम उपायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों का कहना है कि शराब व्यापारी जबरन गांव में शराब की दुकान खोल रहे हैं जिससे गांव की आबोहवा खराब हो जाएगी. ग्रामीण पहले से ही गांव के आसपास शहरों से शराब लेकर आने वाले ग्रामीणों से खासे परेशान हैं. ग्रामीणों की माने तो गांव में शराब दुकान खोलने से पहले ग्राम सभा भी नहीं की गई और ना ही ग्राम सभा से कोई अनुमति ली गई है. जिस वजह से ग्राम सभा की ओर से यह तय किया है कि किसी भी कीमत पर गांव में शराब की दुकान नहीं खुलने दिया जाएगा.

बता दें कि पताहातु गांव के ग्रामीण जिला उपायुक्त अरवा राजकमल से मुलाकात कर अपने गांव में अनुसूचित जनजाति की 70 फीसदी आबादी होने की भी बात कही. उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार जिस गांव में 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं वहां शराब की दुकानें नहीं खोलने के प्रावधान भी हैं. इसी अनुसार हम सभी शराब दुकान नहीं खोलने को लेकर मांग कर रहे हैं. वहीं, उपायुक्त अरवा राजकमल आश्वासन दिया कि ग्रामीणों की बात सुनी जाएगी.

Intro:चाईबासा। जिला मुख्यालय से सटे पताहतु गांव के ग्रामीणों ने गांव में शराब दुकान खोले जाने के विरोध करते हुए उपायुक्त से उनके गांव में दुकान नहीं खुलवाने की मांग की। साथ ही ग्रामीणों ने अपने गांव में किसी भी कीमत पर शराब की दुकान नहीं खुलने देने की भी चेतावनी दी है।

ग्रामीण महिलाओं की माने तो उनके गांव क्षेत्र में कई महिलाओं के साथ हादसे हो चुके हैं। इसके साथ ही इन्ही कारणों से ग्रामीणों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है जिससे ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। ग्रामीण महिला एवं पुरुष किसी भी कीमत पर अपने गांव के परिवेश को खराब नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि ग्रामीण अपने गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध कर रहे हैं।




Body:पताहातु के ग्रामीणों ने गांव में शराब की दुकानें नहीं खोलने देने को लेकर पश्चिम सिंहभूम उपायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है ग्रामीणों का कहना है कि शराब करवा रही जबरन गांव में शराब की दुकानें खोल रहे हैं। जिससे गांव की आबोहवा खराब हो जाएगी। ग्रामीण पहले से ही गांव के आसपास शहरों से शराब लेकर आने वाले ग्रामीणों से खासे परेशान हैं।

ग्रामीणों की माने तो गांव में शराब दुकान खोलने से पूर्व ग्राम सभा भी नहीं की गई है और ना ही ग्राम सभा से कोई अनुमति ली गई है। जिस कारण ग्राम सभा ने यह तय किया है कि किसी भी कीमत पर गांव में शराब की दुकान नहीं खुलने दिया जाएगा।



Conclusion:पताहातु गांव के ग्रामीण जिला उपायुक्त अरवा राजकमल से मुलाकात कर अपने गांव में अनुसूचित जनजाति की 70 आबादी होने की भी बात कही उन्होंने बताया कि नियमतः जिस गांव में 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं वहां शराब की दुकानें नहीं खोलने के प्रावधान भी हैं इसी अनुसार हम सभी शराब दुकान नहीं खोलने को लेकर मांग कर रहे हैं।

उपायुक्त अरवा राजकमल ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप लोगों के साथ बिल्कुल न्याय होगा आप लोग इसके लिए बिल्कुल निश्चिंत रहें।
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