चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के कई ऐसे गांव हैं जहां ग्रामीणो ने कोरोना का टीका लगवाने से इंकार कर दिया है. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को जागरूक करने को लेकर 'ग्रामीण मुंडा मानकी' के साथ बैठक की. जनप्रतिनिधियों से भी अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने का आग्रह किया गया है. उसके बाद भी गोइलकेरा के सुदूरवर्ती पोपकादा गांव में गुरुवार को टीका देने गई एएनएम सुनीता लोवा को ग्रामीणों ने 3 घंटे तक बंधक बनाए रखा. एएनएम के साथ ग्रामीणों ने दुर्व्यवहार करने के साथ ही जान से मारने की धमकी दी.
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कोरोना वैक्सीन लेने को तैयार नहीं ग्रामीण
सुनीता के साथ उनके पति लक्ष्मण सिंह मुंडारी को भी ग्रामीणों ने तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा. किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर महिला स्वास्थ्यकर्मी और उनके पति को सही सलामत गोइलकेरा वापस लौटे. एएनएम सुनीता लोवा ने गोइलकेरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी सुधीर प्रकाश और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नरेश बास्के को घटना की सूचना दी. पीड़िता ने बताया कि शिशु टीकाकरण के लिए वह अपनी स्कूटी से पति के साथ खजुरिया गांव गई थी. वापस लौटने के क्रम में पोपकादा गांव में सड़क जाम कर ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. लोग लाठी डंडे से लैस होकर प्रदर्शन कर रहे थे.
टीका देने गांव में गई एएनएम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
एएनएम ने बताया कि गांव के 80 वर्षीय लादुरा लागुरी की सुबह मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि व्यक्ति की मौत कोविड-19 का वैक्सीन लेने के कारण हुई है. इसलिए गांव के लोग वैक्सीन नहीं ले रहे. जबकि लादुरा लागुरी को मार्च के महीने में ही वैक्सीन दी गई थी. ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने की शर्त पर एएनएम और उनके पति को छोड़ा. मामले की शिकायत करते हुए एएनएम ने अन्यत्र पदस्थापित करने की मांग की है. बीडीओ सुधीर प्रकाश ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मी गांवों में सेवाएं देने जाते हैं. लोग उनके साथ सहयोग करें. इसकी जानकारी उन्होंने जिले के अधिकारियों को भी दी है.
कोविड-19 वैक्सीन लेने का करेंगे आह्वान
जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के मुंडा मानकी के साथ जिला प्रशासन की बैठक हुई है .उनकी ओर से यह विश्वास दिलाया गया है कि अपने गांव क्षेत्रों में कोविड-19 वैक्सीन लेने का आह्वान करेंगे और गांव के सभी ग्रामीणों को टीका लेने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही स्वास्थ्य सर्वे जिले भर में चलाया जा रहा है. जिसमें एएनएम सेविका की ओर से घर-घर जाकर ग्रामीणों को कोविड-19 जांच और वैक्सीन से संबंधित सारी जानकारियां ग्रामीणों को दी जा रही है.
जानकारी के अभाव में हुई इस तरह की हरकत
18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद और भी गति आई है. हमारा प्रयास है कि गांव के ग्रामीणों को भी जागरूक करते हुए वैक्सीनेशन कराया जाए. एएनएम को बंधक बनाने और उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने के मामले पर सवाल करने पर उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि ग्रामीणों को कोविड-19 की जानकारी के अभाव में उन्होंने इस तरह का हरकत किया है. जिस क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं हुई हैं. उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मानकी मुंडा के साथ गांव के लोग ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उन्हें बताया जा रहा है कि कोरोना का एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन है.