चाईबासा: बड़ाजामदा क्षेत्र से सैकड़ों टन लौह अयस्क प्रतिदिन ढुलाई की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व देकर देश और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने में बड़ाजामदा क्षेत्र की अहम भूमिका रही है. उसके बावजूद बड़ाजामदा क्षेत्र में सड़क की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. जिस कारण ग्रामीणों की जिंदगी मौत के मुहाने पर झूलती रहती है.
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कई बार फंस चुकी है स्कूल की बस
बड़ाजामदा क्षेत्र स्थित रेलवे साइडिंग की सड़क लगभग 25 हजार की आबादी वाले गांवों को जोड़ती है और इसी सड़क से होते हुए लोग अपनी जान हथेली पर लेकर आना जाना करते हैं. उनके पास और दूसरा कोई विकल्प नहीं है. इसी सड़क से प्रतिदिन स्कूल बस भी आना-जाना करती है. कई बार बस भी सड़क पर बने गड्ढे में फंस जाती है. जिस कारण स्कूल बस भी गांव तक जाना नहीं चाहती है.
सरकारी पदाधिकारियों से मिला मात्र आश्वासन
इस क्षेत्र से प्रतिदिन करोड़ों का लौह अयस्क की ढुलाई कर केंद्र और राज्य सरकार को करोड़ो का राजस्व भी मिल रहा है, लेकिन यंहा के लोगों की सड़क मरम्मती की मांग को अब तक पूरा नहीं किया गया है. कई बार स्थानीय लोगों ने आंदोलन भी किया. परंतु सरकारी पदाधिकारियों ने अब तक मात्र आश्वासन ही मिलता रहा है.
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सरकार उद्योगपति और ट्रांसपोर्टरों को करोड़ों का मुनाफा
इस मुख्य सड़क मार्ग के सहारे प्रतिदिन कई लौह अयस्क खदानों का कच्चा माल भारी वाहनों के माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है. जिससे काफी मात्रा में लोहा का उत्पादन हो रहा है. जिससे सरकार के साथ-साथ लौह अयस्क के व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति और ट्रांसपोर्टरों को करोड़ो का मुनाफा हो रहा है. वहीं, क्षेत्र में बसने वाले लोगों के लिए यह सड़क किसी नर्क से कम नहीं है.
चुनाव में नेताओं के लिए यह सड़क रहता है मुद्दा
प्रत्येक चुनाव से पहले नेता पक्की सड़क बनाने के नाम पर वोट मांगने गांव में दाखिल हो जाते हैं. लेकिन जैसे ही चुनाव परिणाम आ जाता है, उसके बाद यह जनहित से जुड़ा मुद्दा अगले चुनाव तक गौण हो जाता है और लोगों को इस गड्ढे में सड़क से गुजर कर अपना दिनचर्या पूरा करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है.
जान हथेली पर रखकर लोग पार करते हैं पुलिया
खास बात यह है कि बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग जाने वाली यह सड़क रेलवे अंडर ब्रिज से नीचे होकर गुजरती है, जिसमें तीन रास्ते हैं. जिसमें दो अंडर ब्रिज से भारी वाहनों का परिचालन होता है. जबकि एक अंडर ब्रिज से छोटी वाहन और दोपहिया वाहनों के लिए छोड़ा गया है. लेकिन इसमें भी जान हथेली में रखकर लोगों को पुलिया पार करना पड़ता है. क्योंकि रेलवे अंडर ब्रिज के अंदर से ही 11000 की हाई वोल्टेज वाली बिजली की तारों को बेतरतीब ढंग से पार किया गया है.
जिससे प्रवाहित होने वाली विद्युत से क्षेत्र में संचालित कई स्पॉन्ज प्लांट का संचालन होता है या नहीं उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम लोगों की जान खतरे में डाली गई है. जहां कई बार दुर्घटना घटने की वजह से कई ग्रामीणों की जान जा चुकी है.
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सरकार के रिकॉर्ड में नहीं है मुख्य सड़क का पुलिया
पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा के प्रतिनिधि सुकेश सिंह बताते हैं कि बड़ाजामदा चाईबासा मुख्य सड़क मार्ग बनने के क्रम में जानकारी हुई कि सरकार के रिकॉर्ड में यह पुलिया ही नहीं है. जिस कारण इस पुलिया की मरम्मत नहीं हो पा रही है. बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की सड़क से लोगों को काफी परेशानी होती है, परंतु बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की सड़क का टेंडर 1 करोड़ 25 लाख के लगभग होने वाली है.
विगत 4 वर्षों में कई बार हो चुका है आंदोलन
जिला परिषद सदस्य नोवामुंडी भाग 1, शंभु हाजरा ने कहा कि विगत चार वर्षों में कई बार स्थानीय लोगों ने आंदोलन किया, ग्रामसभा करवाकर जिला उपायुक्त को भी दिया गया. परंतु जिला प्रशासन की ओर से पहल नहीं होता देख स्थानीय लोगों ने कुछ महीने पूर्व आंदोलन भी किया था. जिसमे जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारी और एसडीपीओ किरीबुरू ने यह आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के अंदर सड़क को लेकर काम शुरू कर दी जाएगी. परंतु अब तक काम नहीं शुरू किया जा सका है.