चाईबासा: शहर से गुजरने वाले एनएच-75 पर सड़क किनारे जगह-जगह मार्केट लगता है. इस वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ रहीं हैं. हाल के दिनों में ही शहर में 6 से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 12 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं.
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टू-लेन सड़क वन लेन में हो जाती है तब्दील
सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं चाईबासा-हाटगम्हरिया-बरायबुरु और चाईबासा-चक्रधरपुर मनोहरपुर सड़क मार्ग पर हुईं हैं. इसका शिकार वही लोग हो जाते हैं, जो बाजार करके वाहनों से सड़क पार कर रहे होते हैं. इसकी खास वजह सड़कों पर भीड़ ज्यादा होना है. चाईबासा से किरीबुरू और जैंतगढ़, भाया, हाटगम्हरिया सड़क के आसपास मुख्य सड़क किनारे हाट लगती है, जिसकी वजह से टू-लेन सड़क वन लेन में तब्दील हो जाती है. इतना ही नहीं, सड़क किनारे बनाई हुई पार्किंग भी सड़कों से सटकर सब्जी और अन्य दुकानें लगाने वाले अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली जाती है.
हाट बाजारों को अलग शिफ्ट करने की जरुरत
चाईबासा, जगन्नाथपुर, चक्रधरपुर अनुमंडल अंतर्गत लगने वाले हाट बाजार में गाड़ियां खड़ी करने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण मुख्य सड़क के किनारे ही गाड़ियों को लगा दी जाती है और उसके ठीक बगल में हाट बाजार लगता है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से इस पर अमल करने के लिए सरकार को कई निर्देश भी दिए हैं. झारखंड सरकार ने भी तमाम उपायुक्तों को नोटिस देकर उनके क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों को कहीं और शिफ्ट करने का निर्देश जारी किया है. इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है.
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शहर में अनियंत्रित है ट्रैफिक सिस्टम
शहर में कई चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात की गई है. चौक-चौराहों पर वाहनों के यत्र-तत्र संचालन से कई बार छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी हुईं हैं. पार्किंग की व्यवस्था न होने से भी ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है. चालक अपने वाहनों को जहां-तहां खड़ा कर देते हैं. वाहनों की तेज रफ्तार से भी कई बार घटनाएं होती हैं. स्कूल, अस्पताल, घनी बस्ती, मोड़ जैसे जगहों पर भी संकेत के लिए किसी प्रकार का कोई बोर्ड नहीं होने के कारण दुर्घटनाएं होती हैं. तीखे मोड़ के समीप भी संकेत चिन्ह नहीं है, जो सड़क दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं.
जागरूकता का अभाव
सड़क पर वाहन चलाने के लिए वाहन संचालन की जानकारी अति आवश्यक है, लेकिन इसका सड़क पर घोर अभाव दिखता है. बिना लाइसेंस बाइक, ऑटो और अन्य वाहन चलाने वाले बेखौफ सड़कों पर रफ्तार भरते हैं, जो खुद की और दूसरों के लिए भी दुर्घटना का कारण बनते हैं. लोगों को वाहन संबंधित जानकारी के साथ वाहन चलाने और ट्रैफिक नियमों की जानकारी आवश्यक है. इसके लिए लोगों में जागरूकता की जरूरत है.
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पुलिस प्रशासन सुस्त
अनियंत्रित ढंग से संचालित कर रहे वाहन चालकों पर पुलिस की ओर से कभी भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है, जिस कारण लोग ट्रैफिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं. पुलिस के सामने बिना हेलमेट और ट्रिपल लोड बाइकर्स गुजरते हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है, जो कहीं ना कहीं हादसे के कारण बनते हैं.
ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में बस स्टैंड के पास लोग सड़क पर ही फूलों की दुकानें लगा देते हैं. बस स्टैंड से निकलने के बाद सवारी बैठाने के लिए बस चालक वाहनों को सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं, जिससे सड़क जाम हो जाती है और इसी कारण आए दिन बस स्टैंड के पास दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
जाम से निजात दिलाने की कोशिश
मामले में जिला परिवहन पदाधिकारी अजय तिर्की ने बताया कि सड़कें वर्षों पूर्व बनाई गईं थीं. उस समय लोगों की जनसंख्या और वाहनों की संख्या कम थी. बदलते दौर में वाहनों की संख्या बढ़ी है. लोगों की जनसंख्या में भी बढ़ोतरी हुई है और सड़कें वहीं हैं और संकीर्ण हो चुकी है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है.
उन्होंने कहा कि जिला परिवहन विभाग की ओर से बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर बसों के मालिक, बसों का परिचालन मार्ग की जानकारी मांगी गई है. उन जानकारियों के आ जाने के बाद परिवहन विभाग आगे की कार्रवाई कर पाएगा, साथ ही लोगों को जाम से निजात दिलाने की कोशिश की जाएगी.
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सड़क किनारे दुकान लगाने वालों पर होगी कार्रवाई
इधर. सदर एसडीओ बड़ाइक ने कहा कि सड़क सुरक्षा माह मनाने का उद्देश्य है कि सड़क मार्ग पर सभी लोग सतर्क होकर वाहनों का परिचालन करें. सड़क किनारे दुकानदार अनाधिकृत रूप से दुकान न लगाएं. अगर कोई लगा रहा है तो उन्हें वहां से हटाने की जिला प्रशासन ने प्लानिंग भी कर ली है.
इस संबंध में अनुमंडल स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया है. जल्द ही सड़कों का परिचालन सुगम बनाया जाएगा. नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत सड़क किनारे अपनी दुकान लगाने वाले सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा और माइकिंग के जरिये अनाधिकृत रूप से सड़क किनारे दुकान लगाने वाले लोगों को दुकान हटाने को कहा जाएगा. दुकान न हटाने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी. उपायुक्त अरवा राजकमल भी मानते हैं कि ईटीवी भारत ने जिला प्रशासन के समक्ष गंभीर मामला लाया है