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चाईबासाः जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की हुई तिमाही बैठक, BOI को दिया गया स्मृति चिन्ह

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Published : Sep 25, 2020, 8:07 PM IST

चाईबासा में जिला स्तरीय बैंकर्स समिति (डीएलसीसी) की क्वार्टरली बैठक उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में की गई. इस दौरान उपायुक्त ने एक ही बैंक शाखा की ओर से अधिक संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने के लिए बैंक ऑफ इंडिया, सदर चाईबासा शाखा को स्मृति चिन्ह दिया.

Quarterly meeting of district level bankers committee in chaibasa
Quarterly meeting of district level bankers committee in chaibasa

चाईबासा: बैंकर्स समिति (डीएलसीसी) की तिमाही बैठक उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में संपन्न हुई. इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही की अप्रैल से लेकर जून 30 तक प्रगति की समीक्षा की गई. साथ ही आगे की रणनीति भी निर्धारित की गई है कि किस प्रकार की प्रगति इस क्वार्टर सहित द्वितीय एवं तृतीय क्वार्टर में किया जाना है.

कार्य में दिखी कमी

उपायुक्त ने कहा कि अप्रैल से लेकर 30 जून तक कोविड-19 लॉकडाउन के कारण आवागमन और आर्थिक क्रियाकलाप काफी ठंडे थे, कई दिनों तक बैंक भी बंद रहे या कार्य करने के घंटों में कमी रही थी.

विगत वर्षों के प्रथम चतुर्थांश के साथ तुलना करेंगे, तो कई मापदंडों के प्रदर्शन में अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई देगी. सभी बैंक खुल गए हैं और पूरी तरह से सुचारू तरीके से कार्य कर रहे हैं. सभी जिला संयोजक से विचार विमर्श कर अनुरोध किया गया है कि विगत चतुर्थांश के लक्ष्यों को भी आगामी समय में किस तरह से हासिल किया जा सकता है. उपायुक्त ने कहा कि इस क्वार्टर का प्रिलिमनरी एस्टीमेट देखने पर प्रगति अपेक्षाकृत अच्छी हुई है. उपायुक्त ने उम्मीद जताई कि प्रथम क्वार्टर में हुई हुए प्रगति ह्रास में आने वाले दूसरे क्वार्टर में सुधार देखा जाएगा, और जिन लक्ष्यों में पीछे रह गए हैं उनको भी समय पर पूरा कर लेंगे.

40% से ऊपर का सीडी रेशियो

उपायुक्त ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में एनुअल एक्शन प्लान में काफी अच्छी प्रगति जिले की हुई है. ऋण वितरण की दृष्टि से जिले की रैंकिंग काफी अच्छी है और जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है. इस वित्तीय वर्ष में भी इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. सीडी अनुपात में भी काफी सुधार हुआ है. क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो 40% धनात्मक को एक स्वस्थ दर माना जाता है, जिले में पिछले तीन-चार क्वार्टर से लगातार प्रगति देखने को मिल रही है. अभी भी 40% से ऊपर का सीडी रेशियो बना हुआ है और इसको 50% धनात्मक तक ले जाने का निर्देश दिया गया है.

टर्म लोन की सुविधा देने की रणनीति बनाई गई

उपायुक्त ने कहा कि जितने भी कृषक इच्छुक हैं, उन्हें टर्म लोन की सुविधा देने की रणनीति बनाई गई है. विशेषकर पशुपालन, मत्स्य और कुक्कुट पालन के क्षेत्र में आवेदन जेनरेट करने के लिए एलडीएम सहित बैंकों के जिला प्रबंधकों को प्रेरित किया गया है. इस दौरान डीडीएम नाबार्ड की ओर से विशेषकर सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी संबंधी योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें-रांचीः भाजपा कार्यालय में मनाई गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती, श्रद्धा सुमन अर्पित



किसानों को मिलेगा योदगान

किसान क्रेडिट कार्ड न केवल परंपरागत खेती-बाड़ी करने वाले कृषकों को मिल रहा है, बल्कि जो डेरी फार्मिंग करके दुग्ध उत्पादन में लगे हुए हैं और जो मत्स्य पालन करके अपनी आजीविका अर्जन करते हैं. उनको भी केसीसी की सुविधा मिलेगी, इस दिशा में भी ज्यादा से ज्यादा आवेदन जनरेट करने का निर्देश बैठक में दिया गया है.

बैंक ऑफ इंडिया सदर चाईबासा शाखा को उपायुक्त ने दिया स्मृति चिन्ह

स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने के संबंध में सरकार की नई योजना के तहत 10 हजार रुपये स्ट्रीट वेंडर्स को प्राप्त होते हैं, इस दिशा में कुछ शाखाओं ने काफी अच्छी प्रगति दिखाई है. इस दिशा में सदर चाईबासा के बैंक ऑफ इंडिया की काफी अच्छी प्रगति देखी गई है. एक ही बैंक शाखा में 50 से ऊपर की संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स को लोन मिला है. उनके कार्य को पुरस्कृत करते हुए स्मृति चिह्न भी दिया गया है.

समाज के उत्थान के लिए प्रयत्नशील

उपायुक्त ने कहा कि अच्छे कार्यों से प्रेरित होकर सभी शाखा-प्रबंधक समाज के उत्थान के लिए कार्य करें और प्रयत्नशील रहेंगे. चाहे वह किसान हों स्ट्रीट वेंडर्स हो या गांव में रहने वाले कोई गरीब वर्ग के लोग हों या अन्य कोई व्यक्ति जो कि जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं और धनराशि के लिए लोन की जरूरत है तो ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए उन्हें प्रशिक्षण भी दें और आवेदन भरवाकर जल्द से जल्द लोन दें.

विशेषकर कोविड-19 के बाद हुए अनलॉक के इस समय में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करना है, लोगों के हाथ में कार्य सौंपना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वित्तीय समावेशन के साथ अच्छादित करना है. इन सभी बातों पर विस्तृत चर्चा हुई है. उपायुक्त ने कहा कि उन्हें मुझे उम्मीद है कि जरूर प्रथम चतुर्थांश से काफी बेहतर परिणाम आगामी सितंबर माह में समाप्त होने वाले द्वितीय चतुर्थांश में देखने को मिलेंगे.

चाईबासा: बैंकर्स समिति (डीएलसीसी) की तिमाही बैठक उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में संपन्न हुई. इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही की अप्रैल से लेकर जून 30 तक प्रगति की समीक्षा की गई. साथ ही आगे की रणनीति भी निर्धारित की गई है कि किस प्रकार की प्रगति इस क्वार्टर सहित द्वितीय एवं तृतीय क्वार्टर में किया जाना है.

कार्य में दिखी कमी

उपायुक्त ने कहा कि अप्रैल से लेकर 30 जून तक कोविड-19 लॉकडाउन के कारण आवागमन और आर्थिक क्रियाकलाप काफी ठंडे थे, कई दिनों तक बैंक भी बंद रहे या कार्य करने के घंटों में कमी रही थी.

विगत वर्षों के प्रथम चतुर्थांश के साथ तुलना करेंगे, तो कई मापदंडों के प्रदर्शन में अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई देगी. सभी बैंक खुल गए हैं और पूरी तरह से सुचारू तरीके से कार्य कर रहे हैं. सभी जिला संयोजक से विचार विमर्श कर अनुरोध किया गया है कि विगत चतुर्थांश के लक्ष्यों को भी आगामी समय में किस तरह से हासिल किया जा सकता है. उपायुक्त ने कहा कि इस क्वार्टर का प्रिलिमनरी एस्टीमेट देखने पर प्रगति अपेक्षाकृत अच्छी हुई है. उपायुक्त ने उम्मीद जताई कि प्रथम क्वार्टर में हुई हुए प्रगति ह्रास में आने वाले दूसरे क्वार्टर में सुधार देखा जाएगा, और जिन लक्ष्यों में पीछे रह गए हैं उनको भी समय पर पूरा कर लेंगे.

40% से ऊपर का सीडी रेशियो

उपायुक्त ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में एनुअल एक्शन प्लान में काफी अच्छी प्रगति जिले की हुई है. ऋण वितरण की दृष्टि से जिले की रैंकिंग काफी अच्छी है और जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है. इस वित्तीय वर्ष में भी इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. सीडी अनुपात में भी काफी सुधार हुआ है. क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो 40% धनात्मक को एक स्वस्थ दर माना जाता है, जिले में पिछले तीन-चार क्वार्टर से लगातार प्रगति देखने को मिल रही है. अभी भी 40% से ऊपर का सीडी रेशियो बना हुआ है और इसको 50% धनात्मक तक ले जाने का निर्देश दिया गया है.

टर्म लोन की सुविधा देने की रणनीति बनाई गई

उपायुक्त ने कहा कि जितने भी कृषक इच्छुक हैं, उन्हें टर्म लोन की सुविधा देने की रणनीति बनाई गई है. विशेषकर पशुपालन, मत्स्य और कुक्कुट पालन के क्षेत्र में आवेदन जेनरेट करने के लिए एलडीएम सहित बैंकों के जिला प्रबंधकों को प्रेरित किया गया है. इस दौरान डीडीएम नाबार्ड की ओर से विशेषकर सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी संबंधी योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई.

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किसानों को मिलेगा योदगान

किसान क्रेडिट कार्ड न केवल परंपरागत खेती-बाड़ी करने वाले कृषकों को मिल रहा है, बल्कि जो डेरी फार्मिंग करके दुग्ध उत्पादन में लगे हुए हैं और जो मत्स्य पालन करके अपनी आजीविका अर्जन करते हैं. उनको भी केसीसी की सुविधा मिलेगी, इस दिशा में भी ज्यादा से ज्यादा आवेदन जनरेट करने का निर्देश बैठक में दिया गया है.

बैंक ऑफ इंडिया सदर चाईबासा शाखा को उपायुक्त ने दिया स्मृति चिन्ह

स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने के संबंध में सरकार की नई योजना के तहत 10 हजार रुपये स्ट्रीट वेंडर्स को प्राप्त होते हैं, इस दिशा में कुछ शाखाओं ने काफी अच्छी प्रगति दिखाई है. इस दिशा में सदर चाईबासा के बैंक ऑफ इंडिया की काफी अच्छी प्रगति देखी गई है. एक ही बैंक शाखा में 50 से ऊपर की संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स को लोन मिला है. उनके कार्य को पुरस्कृत करते हुए स्मृति चिह्न भी दिया गया है.

समाज के उत्थान के लिए प्रयत्नशील

उपायुक्त ने कहा कि अच्छे कार्यों से प्रेरित होकर सभी शाखा-प्रबंधक समाज के उत्थान के लिए कार्य करें और प्रयत्नशील रहेंगे. चाहे वह किसान हों स्ट्रीट वेंडर्स हो या गांव में रहने वाले कोई गरीब वर्ग के लोग हों या अन्य कोई व्यक्ति जो कि जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं और धनराशि के लिए लोन की जरूरत है तो ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए उन्हें प्रशिक्षण भी दें और आवेदन भरवाकर जल्द से जल्द लोन दें.

विशेषकर कोविड-19 के बाद हुए अनलॉक के इस समय में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करना है, लोगों के हाथ में कार्य सौंपना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वित्तीय समावेशन के साथ अच्छादित करना है. इन सभी बातों पर विस्तृत चर्चा हुई है. उपायुक्त ने कहा कि उन्हें मुझे उम्मीद है कि जरूर प्रथम चतुर्थांश से काफी बेहतर परिणाम आगामी सितंबर माह में समाप्त होने वाले द्वितीय चतुर्थांश में देखने को मिलेंगे.

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