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खूंटी तालाब घोटाला: एक साल बाद भी नहीं आई जांच रिपोर्ट, डीसी ने दिया आश्वासन - KHUNTI POND SCAM INVESTIGATION

खूंटी में तालाब घोटाले की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार पारदर्शी ढंग से निर्माण होगा.

KHUNTI POND SCAM INVESTIGATION
खूंटी में तालाब जीर्णोद्धार में अनियमितता (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 28, 2025, 2:22 PM IST

खूंटी: जिले में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 2023-24 वित्तीय वर्ष में 69 तालाब और 150 परकोलेशन टैंक का निर्माण कराया गया था. जिसमें भारी अनियमितता बरतने का आरोप लगा था. अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की बात भी कही गई थी. ईटीवी भारत ने तालाब घोटाले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद विभाग ने उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन किया. यह जांच आज तक जारी है. तालाब निर्माण घोटाले की फाइनल रिपार्ट अभी तक जांच टीम ने नहीं दी और भूमि संरक्षण विभाग ने फिर से तालाब जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया है.

तालाब निर्माण में करोड़ों भुगतान मामले की जांच अभी तक जारी है और इसी बीच 2024-25 वित्तीय वर्ष की योजना में 135 परकोलेशन टैंक और 37 बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार होना है. निर्माण को लेकर ग्रामसभा कराकर बिचौलियों के द्वारा पानी पंचयात का गठन कर बैंकों में खाता खुलवाना शुरू करने की बात कही जा रही है. इस वर्ष की योजना को लेकर डीसी लोकेश मिश्रा निगरानी कमेटी बनाकर योजना पूर्ण कराने का दावा कर रहे हैं तो वहीं जनप्रतिनिधियों ने तालाब निर्माण की जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है.

तालाब निर्माण में अनियमितता को लेकर जानकारी देते जनप्रतिनिधि और डीसी (ईटीवी भारत)

तालाब घोटाले को लेकर क्या कहा जनप्रतिनिधि और डीसी ने

कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा ने कहा भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तालाबों का निर्माण हर साल कराया जाता है. लेकिन निर्माण में पारदर्शिता नहीं रहती. तालाब के कार्यों में भारी अनियमितता बरती जाती है, साथ ही तालाबों का जहां निर्माण होना चाहिए, वहां नहीं होकर दूसरी जगहों पर बना दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जांच करा दी जाए तो सभी तालाबों के निर्माण पर कार्रवई होगी, लेकिन होती नहीं है. मिश्रा ने कहा कि इस बार तालाबों का निर्माण कार्य और गुणवत्ता को लेकर कमेटी खुद से जांच कर सरकार से कार्रवाई की मांग करेंगे और बिचौलियों को तालाब निर्माण से बाहर किया जाएगा.

सांसद प्रतिनिधि नईम खान ने कहा कि तालाब और कुंआ का निर्माण किसानों के लिए एक वरदान है. लेकिन बिना मेटेरियल से बनने वाले तालाब निर्माण में घोर अनियमितता बरती जाती है. बावजूद जांच के नाम पर बिचौलियों को बचा लिया जाता है. ऐसे में बिचौलिया तालाबों को सिर्फ गड्ढा बनाकर चला जाता है और विभाग उन बिचौलियों को भुगतान कर देता है. उन्होंने कहा कि यहां बिचौलिया प्रथा चली हुई है. लाभुक समिति और पानी पंचायत बनाकर बिचौलिये धड़ल्ले से आम किसानों से लेकर सिस्टम को ठगने में कामयाब हो जाते हैं. ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए बिचौलियों से सरकार की राशि की वसूली होनी चाहिए.

विधायक राम सूर्या मुंडा ने कहा कि इस बार तालाब का निर्माण बहुत सुंदर ढंग से होगा और इसको बगैर अनियमितता के पूरा करेंगे. इसके साथ ही बिचौलियों को इस बार जगह नहीं मिलेगी. विधायक ने कहा कि योजना आम जनों की है और आम जन ही काम करेंगे. वहीं डीसी लोकेश मिश्रा ने कहा कि तालाब जीर्णोद्धार निर्माण में घोटाला और अनियमितता मामले पर जांच का निर्देश दिया गया है. फिलहाल जांच जारी है और फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है. जांच रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि नए तालाबों के निर्माण कार्य को लेकर विशेष निगरानी रखी जाएगी. ताकि किसी प्रकार की कोई शिकायत न मिले.

ये भी पढ़ें- खूंटी तालाब घोटाला: जांच के बीच विभाग ने फिर शुरू किया निर्माण कार्य, गलतियों को छिपाने की कोशिश या अधूरा काम किया जा रहा पूरा? - Khunti Pond Scam

खूंटी में हुए तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू, विभागीय निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने गठित की जांच टीम - Khunti pond scam

तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर लूट! जमीन पर काम में घालमेल, कागज पर काम पूरा, जिनके नाम पर हुई निकासी उन्हें पता ही नहीं - Pond scam in Khunti

खूंटी: जिले में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 2023-24 वित्तीय वर्ष में 69 तालाब और 150 परकोलेशन टैंक का निर्माण कराया गया था. जिसमें भारी अनियमितता बरतने का आरोप लगा था. अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की बात भी कही गई थी. ईटीवी भारत ने तालाब घोटाले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद विभाग ने उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन किया. यह जांच आज तक जारी है. तालाब निर्माण घोटाले की फाइनल रिपार्ट अभी तक जांच टीम ने नहीं दी और भूमि संरक्षण विभाग ने फिर से तालाब जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया है.

तालाब निर्माण में करोड़ों भुगतान मामले की जांच अभी तक जारी है और इसी बीच 2024-25 वित्तीय वर्ष की योजना में 135 परकोलेशन टैंक और 37 बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार होना है. निर्माण को लेकर ग्रामसभा कराकर बिचौलियों के द्वारा पानी पंचयात का गठन कर बैंकों में खाता खुलवाना शुरू करने की बात कही जा रही है. इस वर्ष की योजना को लेकर डीसी लोकेश मिश्रा निगरानी कमेटी बनाकर योजना पूर्ण कराने का दावा कर रहे हैं तो वहीं जनप्रतिनिधियों ने तालाब निर्माण की जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है.

तालाब निर्माण में अनियमितता को लेकर जानकारी देते जनप्रतिनिधि और डीसी (ईटीवी भारत)

तालाब घोटाले को लेकर क्या कहा जनप्रतिनिधि और डीसी ने

कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा ने कहा भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तालाबों का निर्माण हर साल कराया जाता है. लेकिन निर्माण में पारदर्शिता नहीं रहती. तालाब के कार्यों में भारी अनियमितता बरती जाती है, साथ ही तालाबों का जहां निर्माण होना चाहिए, वहां नहीं होकर दूसरी जगहों पर बना दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जांच करा दी जाए तो सभी तालाबों के निर्माण पर कार्रवई होगी, लेकिन होती नहीं है. मिश्रा ने कहा कि इस बार तालाबों का निर्माण कार्य और गुणवत्ता को लेकर कमेटी खुद से जांच कर सरकार से कार्रवाई की मांग करेंगे और बिचौलियों को तालाब निर्माण से बाहर किया जाएगा.

सांसद प्रतिनिधि नईम खान ने कहा कि तालाब और कुंआ का निर्माण किसानों के लिए एक वरदान है. लेकिन बिना मेटेरियल से बनने वाले तालाब निर्माण में घोर अनियमितता बरती जाती है. बावजूद जांच के नाम पर बिचौलियों को बचा लिया जाता है. ऐसे में बिचौलिया तालाबों को सिर्फ गड्ढा बनाकर चला जाता है और विभाग उन बिचौलियों को भुगतान कर देता है. उन्होंने कहा कि यहां बिचौलिया प्रथा चली हुई है. लाभुक समिति और पानी पंचायत बनाकर बिचौलिये धड़ल्ले से आम किसानों से लेकर सिस्टम को ठगने में कामयाब हो जाते हैं. ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए बिचौलियों से सरकार की राशि की वसूली होनी चाहिए.

विधायक राम सूर्या मुंडा ने कहा कि इस बार तालाब का निर्माण बहुत सुंदर ढंग से होगा और इसको बगैर अनियमितता के पूरा करेंगे. इसके साथ ही बिचौलियों को इस बार जगह नहीं मिलेगी. विधायक ने कहा कि योजना आम जनों की है और आम जन ही काम करेंगे. वहीं डीसी लोकेश मिश्रा ने कहा कि तालाब जीर्णोद्धार निर्माण में घोटाला और अनियमितता मामले पर जांच का निर्देश दिया गया है. फिलहाल जांच जारी है और फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है. जांच रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि नए तालाबों के निर्माण कार्य को लेकर विशेष निगरानी रखी जाएगी. ताकि किसी प्रकार की कोई शिकायत न मिले.

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