ETV Bharat / state

आदिवासी महासभा का एकदिवसीय जिला बंद, निजी खदानों से ढुलाई कार्य पूरी तरह से ठप्प, नहीं चली वाहन - एक दिवसीय पश्चिम सिंहभूम जिला बंद

चाईबासा में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय पश्चिम सिंहभूम जिला बंद का आह्वान किया. इस बंद का क्षेत्र में मिलाजुला असर रहा.

जिला बंद के दौरान आगजनी
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 6:51 PM IST

चाईबासाः अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा किसान मजदूर पार्टी ने एक दिवसीय पश्चिम सिंहभूम जिला बंद का आह्वान किया. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

बंद का मिलाजुला असर

बंद समर्थकों ने जगह-जगह टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, पदापहाड़ रेलवे स्टेशन पर बीती रात 1 बजे रेलवे लाइन पर स्लैब बिछाकर हावड़ा बड़बिल मार्ग को पूरी तरह से ठप कर दिया. बंद के कारण निजी खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई कार्य पूरी तरह से ठप रहा. किरीबुरू और गुआ चलने वाली बसों का परिचालन बंद रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं टाटा चाईबासा की कुछ बसें सामान्य दिनों की तरह चली.

यह भी पढ़ें- आयुष्मान भारत : पहले साल में 10 करोड़ ई-कार्ड जारी, 47 लाख इलाज

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के विभिन्न मांग

सामाजिक और आर्थिक न्याय को लेकर नोवामुंडी मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत सेल, टाटा स्टील, रुंगटा, बाला जी आदि कॉर्पोरेट घरानों से अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के विभिन्न मुख्य मांग-

  • पांचवी अनुसूची के तहत समता जजमेंट और पेशा कानून का अनुपालन
  • लीज प्रभावित जमीन मालिकों को पार्ट तक नौकरी आदिवासी जमीन पर जबरन कब्जा
  • अस्पताल में इलाज एवं गुणवत्ता शिक्षा व्यवस्था
  • आदिवासी मूलवासी बेरोजगारों को रोजगार
  • कॉरपोरेट घरानों के द्वारा सीएसआर फंड में लूट बंद


पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर

अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर है जो देश में सबसे ज्यादा टैक्स भरता है. उसके बावजूद भी पश्चिम सिंहभूम जिला गरीबी, पलायन, कुपोषण और जल, जंगल, जमीन से विस्थापन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण है कि पांचवा अनुसूची के प्रावधान जो फैसला लिया गया समता जजमेंट का फैसला नहीं होना.

चाईबासाः अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा किसान मजदूर पार्टी ने एक दिवसीय पश्चिम सिंहभूम जिला बंद का आह्वान किया. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

बंद का मिलाजुला असर

बंद समर्थकों ने जगह-जगह टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, पदापहाड़ रेलवे स्टेशन पर बीती रात 1 बजे रेलवे लाइन पर स्लैब बिछाकर हावड़ा बड़बिल मार्ग को पूरी तरह से ठप कर दिया. बंद के कारण निजी खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई कार्य पूरी तरह से ठप रहा. किरीबुरू और गुआ चलने वाली बसों का परिचालन बंद रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं टाटा चाईबासा की कुछ बसें सामान्य दिनों की तरह चली.

यह भी पढ़ें- आयुष्मान भारत : पहले साल में 10 करोड़ ई-कार्ड जारी, 47 लाख इलाज

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के विभिन्न मांग

सामाजिक और आर्थिक न्याय को लेकर नोवामुंडी मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत सेल, टाटा स्टील, रुंगटा, बाला जी आदि कॉर्पोरेट घरानों से अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के विभिन्न मुख्य मांग-

  • पांचवी अनुसूची के तहत समता जजमेंट और पेशा कानून का अनुपालन
  • लीज प्रभावित जमीन मालिकों को पार्ट तक नौकरी आदिवासी जमीन पर जबरन कब्जा
  • अस्पताल में इलाज एवं गुणवत्ता शिक्षा व्यवस्था
  • आदिवासी मूलवासी बेरोजगारों को रोजगार
  • कॉरपोरेट घरानों के द्वारा सीएसआर फंड में लूट बंद


पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर

अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर है जो देश में सबसे ज्यादा टैक्स भरता है. उसके बावजूद भी पश्चिम सिंहभूम जिला गरीबी, पलायन, कुपोषण और जल, जंगल, जमीन से विस्थापन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण है कि पांचवा अनुसूची के प्रावधान जो फैसला लिया गया समता जजमेंट का फैसला नहीं होना.

Intro:चाईबासा। अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा सर किसान मजदूर पार्टी के द्वारा एक दिवसीय पश्चिम सिंहभूम जिला बंद का आह्वान किया गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। बंद समर्थकों द्वारा जगह-जगह टायर जलाकर विरोधी प्रदर्शन किया गया। वंही पदापहाड़ रेलवे स्टेशन पर बीती रात 1 बजे रेलवे लाइन पर स्लैब बिछाकर हावड़ा बड़बिल मार्ग को पूरी तरह से ठप कर दिया।



Body:वही बंद के कारण निजी खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई कार्य पूरी तरह से ठप्प रहा। किरीबुरू व गुआ चलने वाली बसों का परिचालन बंद रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं टाटा चाईबासा की कुछ बसें सामान्य दिनों की तरह चली।
बंद समर्थकों के द्वारा जगह-जगह टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही बन्द समर्थकों ने बीती रात पदापहाड़ रेल लाइन पर सैलाब बिछाकर का हावड़ा बड़बिल रेल मार्ग को पूरी तरह से ठप्प कर दिया । बंद समर्थकों के रेलवे ट्रैक जाम कर रहे हैं की खबर मिलते ही आरपीएफ के जवान व अधिकारी कटुआ स्थल पर पहुंचकर बंद समर्थकों को समझा-बुझाकर रेल लाइन को क्लियर करवाया जिसके बाद रेल परिचालन सुचारू रूप से संचालित हो सका।

मालूम हो कि सामाजिक एवं आर्थिक न्याय को लेकर नोवामुंडी मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत सेल, टाटा स्टील, रुंगटा, बाला जी आदि कॉर्पोरेट घरानों से अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने सवाल करते हुए पूछा है।

ये हैं मुख्य मांगे -
आदिवासी महासभा की मुख्य मांगे हैं कि कॉरपोरेट घरानो के द्वारा झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र में पांचवी अनुसूची के तहत समता जजमेंट और पेशा कानून का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है। लीज प्रभावित जमीन मालिकों को पार्ट तक नौकरी क्यों नहीं मिली है, उनके द्वारा बिना ग्राम सभा की क्यों आदिवासी जमीन पर आज है जबरन कब्जा किया गया है, उनके द्वारा कंपनी अस्पताल में इलाज एवं गुणवत्ता शिक्षा व्यवस्था क्यों नहीं किया जा रहा है, आज तक आदिवासी मूलवासी बेरोजगारों को रोजगार क्यों नहीं दिया गया। कॉरपोरेट घरानों के दारा सीएसआर फंड में लूट कब बंद होगी।

इधर , अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर है जो देश में सबसे ज्यादा टैक्स दिया करता है। उसके बावजूद भी पश्चिम सिंहभूम जिला गरीबी, पलायन, कुपोषण एवं जल जंगल जमीन से विस्थापन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। जिसका सबसे बड़ा मुख्य कारण है कि पांचवा अनुसूची के प्रावधान जो फैसला लिया गया समता जजमेंट का फैसला नहीं होना।



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.