चाईबासा: कुपोषण उपचार केंद्र बेहतर सेवा देने के लिए पूरे राज्य के 96 कुपोषण उपचार केंद्रों में जिले का चाईबासा सदर अस्पताल अव्वल रहा है. जिले के दूसरे केंद्र मनोहरपुर को पूरे राज्य में चौथा, जगन्नाथपुर कुपोषण उपचार केंद्र को 15वां और मझगांव और चक्रधरपुर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र को क्रमश 58 और 65वां स्थान प्राप्त हुआ है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार के द्वारा राज्य में संचालित 96 कुपोषण उपचार केंद्र के संचालन और प्रदत्त सेवाओं का आकलन करने के लिए मॉनिटरिंग टीम का गठन किया गया था.
इसमें सभी कुपोषण उपचार केंद्रों का मूल्यांकन कार्य कराया गया है. जिसमें स्वास्थ विभाग, भारत सरकार के द्वारा एफ-एसएएम(F-SAM) प्रोटोकॉल के अंतर्गत सेवाओं के लिए तय किए गए मापदंड को मानक मानते हुए सूचकांक निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत इस जिले के सदर अस्पताल चाईबासा स्थित कुपोषण उपचार केंद्र को बेहतर सेवा देने के लिए पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही उपचार केंद्र मनोहरपुर को पूरे राज्य में चौथा, जगन्नाथपुर कुपोषण उपचार केंद्र को 15वां और मझगांव और चक्रधरपुर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र को क्रमश 58वां और 65वां स्थान प्राप्त हुआ है.
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उपायुक्त के द्वारा अपने उत्कृष्ट सेवा भाव से केंद्र पर सेवा देने वाले सभी चिकित्सा पदाधिकारी विशेष रूप से प्रभारी चिकित्सक डॉ. जगन्नाथ हेंब्रम और सभी कर्मियों को बधाई दी गई है. उन्होंने कहा कि दो केंद्र वरीयता क्रम में थोड़ा पीछे हैं, लेकिन इससे घबराने की कोई बात नहीं है. जिला प्रशासन इन केंद्रों पर भी हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. यहां संज्ञान में आ रहे सभी खामियों को दूर किया जा रहा है. उपायुक्त ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन इस जिले से कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए सभी सार्थक प्रयास करने के लिए कृत संकल्पित है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह जिला कुपोषण मुक्त जिला बनेगा.