चाईबासा: लॉकडाउन की अवधि में दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार प्रयासरत है. इस संबंध में विविध योजनाएं बनाई जा रहीं हैं. प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जाएगा.
इसी क्रम में झारखंड राज्य के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव ए पी सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक विशेष बैठक हुई. बैठक में नगर विकास सचिव, ग्रामीण विकास सचिव, परिवहन सचिव सहित अन्य अधिकारी की उपस्थिति रही. बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त भी मौजूद रहे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभागार से जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने भी बैठक में भाग लिया गया. बैठक में राज्य में लौट रहे सभी प्रवासी श्रमिकों की विस्तृत जानकारी के साथ निबंधन तत्पश्चात पुनर्वास एवं रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक विषय वस्तु पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.
बैठक के बाद उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई दूसरे राज्यों से अपने गृह राज्य/जिला लौटने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों का पूर्ण विवरण यथा नाम, पूरा पता, संपर्क सूत्र, आधार कार्ड संख्या, ट्रेंड/अनट्रेंड श्रेणी, बैंक खाता एवं आईएफएससी नंबर आदि प्राप्त करते हुए उनका निबंधन किया जाना है.
इस कार्य में उपलब्ध कर्मियों को प्रतिनियुक्त करते हुए पूर्व से किए जा रहे निबंधन की त्रुटियों को घर-घर जाकर जल्द से जल्द सुधार कर मुख्यालय को उपलब्ध करवाया जाए, ताकि अग्रसर कार्रवाई की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाए.
1 जून से पानी रोको-पौधा रोपो कार्यक्रम
उपायुक्त द्वारा बताया गया कि बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की सचिव द्वारा जानकारी दी गई कि अपने गृह राज्य लौट रहे सभी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु आगामी 1 जून से वृहत स्तर पर "पानी रोको-पौधा रोपो" कार्यक्रम का आयोजन मनरेगा के तहत किया जा रहा है.
इसके तहत राज्य के सभी गांवों में 5 योजनाओं का चयन करते हुए लोगों को रोजगार देना है. उन्होंने बताया कि लौट रहे सभी के पुनर्वास के क्रम में मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा विगत 4 मई को 3 योजनाओं का शुभारंभ किया गया है.