घाटशिला: लगातार हो रही मूसलाधार बारिश (rain) के कारण अनुमंडल के कई गांव के घरों में पानी घुस गया है. घाटशिला थाना अंतर्गत तमकपाल पाइन कॉलोनी में बाटईजोड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से 15 घरों में पानी भरने से अफरा-तफरी मच गई, जिससे काफी नुकसान हुआ है. तमकपल पाइन कॉलोनी के पास रेलवे थर्ड लाइन पुल निर्माण के लिए संवेदककर्मियों की ओर से बाटईजोड़ नदी के पानी का बहाव कम रखने के लिए नदी में मिट्टी डालकर जाम किया गया था. नदी का पानी अवरुद्ध हो गया और खामियाजा 15 घरों को भुगतना पड़ा है.
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![many villages in ghatshila are in trouble due to non ending rain](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12161724_im1.jpg)
लोगों ने किसी तरह घर का थोड़ा सामान बहने से बचा लिया है. घाटशिला के एसडीएम सत्यवीर रजत, सीओ राजीव कुमार, बीडीओ कुमार एस अभिनव, थाना प्रभारी इंद्रदेव राम मिलकर राहत कार्य में जुट गए हैं. एसडीएम के निर्देश पर नदी का पानी घर में घुसने से सबसे ज्यादा प्रभावित 15 लोगों को तमकपाल स्कूल भवन और क्लब भवन (club building ) में बनाए शेल्टर होम में रखवाया गया है. धालभूमगढ़ प्रखंड (Dhalbhumgarh Block) में बारिश के कारण खेत और नालों में पानी भर गया. वहीं बारिश के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
पूर्व प्रमुख लीला सिंह ने दी जानकारी
चिरोगुड़ गांव (Chirogur village) में थर्ड लाइन निर्माण के दौरान जल निकासी के रास्ते पर मिट्टी डाल दिया गया, जिसके कारण गांव के मनोहर पातर के घर में पानी घुस गया है. मकान कभी-भी गिर सकता है, क्योंकि यह मकान मिट्टी का है. खतरे को देखते हुए मनोहर पातर उनके सारे परिवार के सदस्यों को लेकर किसी दूसरी जगह चले गए हैं.
![many villages in ghatshila are in trouble due to non ending rain](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12161724_im.jpg)
गांव में पानी जमाव को लेकर पूर्व प्रमुख लीला सिंह ने जानकारी देते हुए कहा रेलवे थर्ड लाइन निर्माण (railway third line construction) को लेकर मिट्टी डालकर ऊंचा कर दिया, जिससे कल्वर्ट जाम हो गया है और गांव का पानी बाहर नहीं निकल रहा है. इसके अलावा गांव का एकमात्र कुआं भी डूब गया है. लोग इसका पानी पीने के लिए उपयोग में लाते थे. अगर जल्द से जल्द कल्वर्ट को ठीक नहीं किया गया, तो पूरा गांव डूबने के कगार पर आ जाएगा और लोगों को दिन-रात डूबने का डर सता रहा है.