चाईबासा: कोल्हान क्षेत्र के सारंडा और पोड़ाहाट से नक्सलियों के खात्मे के लिए कई बार जिला पुलिस ने अपनी रणनीति के तहत कई ऑपरेशन चलाए. उस दौरान पुलिस को कई सफलताएं भी मिली, लेकिन अब तक नक्सलियों का खात्मा नहीं हो सका है. कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने पश्चिम सिंहभूम के सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर नक्सलियों के खात्मे के लिए अब नई रणनीति बनाई है. इसके साथ ही उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने या फिर पुलिस के साथ एनकाउंटर करने के लिए भी तैयार रहने को कहा है.
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राजीव रंजन सिंह ने कहा कि नक्सल गतिविधि पूरी तरह से नियंत्रण में है और यह सतत प्रक्रिया है, पुलिस नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान जारी रखेगी. उन्होंने नक्सलियों से सरेंडर कर मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की है, साथ ही उन्होंने सरेंडर नहीं करने वालों को एनकाउंटर के लिए तैयार रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि जो नक्सली सरेंडर करेंगे और राज्य सरकार के सरेंडर नीति के तहत उन पर जो भी इनाम घोषित है वे उन्हें दी जाएगी, जो भी सरेंडर नीति के तहत सुविधाएं हैं वे सभी सुविधाएं भी उन्हें दिलाई जाएगी.
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डीआईजी ने कहा कि नक्सल गतिविधि 1967 में शुरू हुई थी, नक्सल गतिविधि की लगभग 53 वर्ष हो चुके हैं और 53 वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें अब जरूर समीक्षा करनी चाहिए कि उन्हें क्या मिला, उन्होंने क्या खोया और क्या पाया. उन्होंने कहा कि नक्सली दस्ते में जो लड़के कमांडर हैं या सीसीएस के सदस्य हैं वे खासकर समीक्षा करें कि उन्हें अब तक क्या मिला है, पुलिस को क्षति पहुंचाने, पुलिस की गाड़ी को बम लगाकर उड़ाने, लेवि लेने के अलावा कोई समाज में अच्छा काम हुआ हो तो नक्सलियों के शीर्ष नेताओं से कहना चाहूंगा कि प्रेस के माध्यम से ही वह अपनी बातों को रखें, कि उन्होंने इस 53 साल में कौन सा उल्लेखनीय कार्य किया है.
राजीव रंजन सिंह ने कहा कि नक्सलियों ने 53 साल में कौन सा बदलाव समाज में लाया गया है, वे खुद इस बात का आकलन करें. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी से अच्छा कोई सिस्टम विश्व में नहीं है, डेमोक्रेटिक सिस्टम पर विश्वास रखें और आत्मसमर्पण करें.