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जमशेदपुर: सेंट्रल जेल में लगी अदालत, 4 कैदियों को मिली आजादी - जेल अदालत का आयोजन

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में जेल अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें जेल में सजा काट रहे 4 कैदियों को रिहा किया गया. रिहा होने वाले सभी कैदी चोरी के जुर्म में सजा काट रहे थे.

घाघीडीह सेंट्रल जेल
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Published : Aug 16, 2019, 10:08 AM IST

जमशेदपुर: 73 वां स्वतंत्रता दिवस पश्चिमी सिंहभूम जिले के घाघीडीह सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कुछ कैदियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया. जेल में सजा काट रहे कुछ कैदियों को रिहा कर दिया गया. आजादी की वर्षगांठ पर जेल अदालत लगाकर सजा काट रहे 4 बंदियों को रिहा किया गया. सभी 4 बंदियों द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करने और भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं करने का संकल्प लेने के बाद रिहा किया गया.

देखें पूरी खबर

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर घाघीडीह सेंट्रल जेल में जेल अदालत लगायी गयी. इस तरह का कार्यक्रम पिछले कई सालों से होते आ रहा है. छोटे-मोटे अपराध में सजा काट रहे कैदियों को इस दिन आजाद किया जाता है. घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष चारों बंदियों ने अपना दोष स्वीकार किया. जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया.

घाघीडीह सेंट्रल जेल में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जेल अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अलावा 3 न्यायिक दंडाधिकारी भी मौजूद थे. जिनके समक्ष सजा काट रहे बंदियों में से 4 बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार करते हुए माफी मांगने पर रिहा किया गया.

ये भी पढ़ें:- बोकारो में JVM कार्यकर्ताओं ने अनोखे अंदाज में मनाया रक्षाबंधन का त्योहार, बंद स्कूल को बांधी राखी

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार जेल अदालत लगाकर छोटे अपराध करने वाले बंदियों को दोष स्वीकार करने और माफी मांगने के बाद उन्हें रिहा करने का निर्देश है. रिहा कैदियों में प्रताप कुमार पांडे, भीम कुमार साहू , राजकुमार स्वर्णकार और तरुण गौड़ शामिल हैं. जो लगभग एक साल से सजा काट रहे थे.

जमशेदपुर: 73 वां स्वतंत्रता दिवस पश्चिमी सिंहभूम जिले के घाघीडीह सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कुछ कैदियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया. जेल में सजा काट रहे कुछ कैदियों को रिहा कर दिया गया. आजादी की वर्षगांठ पर जेल अदालत लगाकर सजा काट रहे 4 बंदियों को रिहा किया गया. सभी 4 बंदियों द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करने और भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं करने का संकल्प लेने के बाद रिहा किया गया.

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर घाघीडीह सेंट्रल जेल में जेल अदालत लगायी गयी. इस तरह का कार्यक्रम पिछले कई सालों से होते आ रहा है. छोटे-मोटे अपराध में सजा काट रहे कैदियों को इस दिन आजाद किया जाता है. घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष चारों बंदियों ने अपना दोष स्वीकार किया. जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया.

घाघीडीह सेंट्रल जेल में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जेल अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अलावा 3 न्यायिक दंडाधिकारी भी मौजूद थे. जिनके समक्ष सजा काट रहे बंदियों में से 4 बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार करते हुए माफी मांगने पर रिहा किया गया.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार जेल अदालत लगाकर छोटे अपराध करने वाले बंदियों को दोष स्वीकार करने और माफी मांगने के बाद उन्हें रिहा करने का निर्देश है. रिहा कैदियों में प्रताप कुमार पांडे, भीम कुमार साहू , राजकुमार स्वर्णकार और तरुण गौड़ शामिल हैं. जो लगभग एक साल से सजा काट रहे थे.

Intro:जमशेदपुर।


ज़िला के घाघीडीह सेंट्रल जेल से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जेल अदालत लगाकर सज़ा काट रहे बंदियों में चार बंदियों को रिहा किया गया है।घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक ने बताया हैं की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष चारों बंदियों द्वारा अपना दोष स्वीकार करने के बाद उन्हें रिहा किया गया है।


Body:जमशेदपुर के घाघीडीह स्थित सेंट्रल जेल में आज़ादी पर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जेल अदालत लगाया गया ।
जेल अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अलावा तीन न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष सज़ा काट रहे बंदियों में चार बंदियों द्वारा उनके किये गए अपराध को स्वीकार करते हुए माफी मांगने पर रिहा किया गया है।
आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन पर जेल अदालत के जरिये छोटे अपराध करने वाले बंदियों को दोष स्वीकार करने और माफी मांगने के बाद उन्हें रिहा करने का निर्देश है।
घाघीडीह सेंट्रल जेल से रिहा हिने वाले बंदी में
1-प्रताप कुमार पांडेय साकची थाना सज़ा 9 माह 4 दिन
2-भीम कुमार साहू टेल्को थाना सज़ा 6 माह 5 दिन
3-राजकुमार स्वर्णकार साकची थाना सज़ा 8 माह 24 दिन
4-तरुण गौड़ सज़ा 8 माह 5 दिन
सभी बंदी चोरी के मामले में सज़ा काट रहे थे जिन्हें रिहा किया गया है।

जानकारी देते हुए घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया है कि चारो बंदी शहर के अलग अलग थाना क्षेत्र में चोरी के मामले में जेल में सज़ा काट रहे थे।जेल अदालत में अपना दोष स्वीकार किये है और माफी मांगी है जिसके बाद चारों बंदी को रिहा किया गया है।


Conclusion:बहरहाल स्वतंत्रता दिवस पर प्रति वर्ष जेल अदालत में चिन्हित बंदियों को रिहा किया जाता है ।
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