चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान एक बार फिर से आईईडी ब्लास्ट हुआ है. इस ब्लास्ट में एक 18 साल का ग्रामीण घायल हो गया है जिसका नाम माटा अंगड़िया बताया जा रहा है. घायल को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है. जानकारी के अनुसार, सुबह से ही पुलिस जवान कटम्बा और आराहसा में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इसी दौरान पुलिस जवानों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों के द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोट हो गया. जिसमे एक ग्रामीण घायल हो गया. घायल को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल चाईबासा भेजा गया है. फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है.
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गोईलकेरा थाना अन्तर्गत कटम्बा-कुरकुटिया गांव के बीच जंगल में 24 जनवरी की दोपहर लैंड माइन विस्फोट में कटम्बा गांव निवासी नाबालिग माटा अंगारिया घायल हो गया. घटना के बाबत बताया जा रहा है कि घायल युवक अपने गांव से जंगल की पगडंडी के रास्ते गोईलकेरा बाजार जा रहा था. तभी नक्सलियों द्वारा बिछाये गये लैंडमाइन की चपेट में आ गया. लैंडमाइन विस्फोट होने की वजह से वह घायल हो गया.
हालांकि उसे गंभीर चोट नहीं आई है. उसे इलाज के लिए चाईबासा लाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के गोईलकेरा और टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में भारी पैमाने पर नक्सलियों ने लैंडमाइन और बूबी ट्रैप लगा रखे हैं. यह लैंडमाइन पुलिस व नक्सलियों को नुकसान पहुंचाने के लिये लगाया गया है.इसकी चपेट में आकर पूर्व में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी. कई जवान और ग्रामीणों के मवेशी घायल हो चुके हैं.
पुलिस और सीआरपीएफ उक्त जंगल को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए निरंतर ऑपरेशन चला रही है. सारंडा में वर्षों से तैनात सीआरपीएफ की 197 बटालियन को भी कोल्हान जंगल में भेजा गया है, जबकि सारंडा के विभिन्न कैंपों में बोकारो से सीआरपीएफ की 26 बटालियन के जवानों को लाकर ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पश्चिम सिंहभूम के जंगलों से नक्सलियों को खदेड़ भगाने के लिए केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर चाईबासा में फार्वर्ड ऑपरेटिंग बेस बनाया गया है. पुलिस नक्सलियों के कोर जोन में निरंतर घुसती जा रही है और जगह-जगह कैंप स्थापित कर जा रही है.
इससे पहले अब तक पांच बार नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बम ब्लास्ट हो चुके हैं. जिसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ के 9 जवान घायल हो चुके हैं. जिनमें से कुछ जवानों को इलाज के लिए दिल्ली भी ले जाया गया है. इसस पहले भी सर्च ऑपरेशन के दौरान टोंटो थाना क्षेत्र के बीहड़ जंगल में आईईडी ब्लास्ट हुआ है.
15 दिन में पांच ब्लास्ट: पिछले 15 दिनों में नक्सलियों ने पांच बार आईईडी ब्लास्ट किए हैं, इसस पहले 20 जनवरी को हुए ब्लास्ट में एक जवान घायल हो गया था. जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा गया.
11 जनवरी को पहली बार हुआ ब्लास्टः चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र में 11 जनवरी को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसी ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बम ब्लास्ट हुए. जिसमें 6 सीआरपीएफ जवान घायल हुए. जिन्हें एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया.
12 जनवरी को दूसरी बार ब्लास्टः 11 जनवरी को हुए ब्लास्ट के बाद चाईबासा के टोंटो एरिया में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी था. पुलिस नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते की तलाश कर रही थी. इस दौरान 12 जनवरी को फिर ब्लास्ट हुआ. जिसमें कोबरा बटालियन के तीन जवान घायल हो गए. तीनों को तुरंत एयरलिफ्ट किया गया.
13 जनवरी को तीसरी बार ब्लास्टः 11 और 12 जनवरी को हुए ब्लास्ट के बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी रहा. नक्सलियों की धड़-पकड़ के लिए पुलिस जंगलों की खाक छान रही थी. इस इसी दौरान 13 जनवरी को फिर से ब्लास्ट हुआ. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ.