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अधूरे पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को पूरा कराएगी जिला प्रशासन, उप विकास आयुक्त ने मांगे 44 करोड़

पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की खराब हालत को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसके लिए उन स्वास्थ्य केंद्रों को जिम्मावार माना है जिनका निर्माण कई वर्षों से अधूरा है. जिला प्रशासन अब वैसे लोगों पर कार्रवाई करने की भी योजना बना रही है, जिनके कारण अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन
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Published : Sep 22, 2019, 5:50 PM IST

चाईबासा,पश्चिमी सिंहभूम: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की खराब हालत को देखते हुए प्रशासन अब स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने के लिए सजग हो गई है. इसके लिए प्रशासन विभिन्न प्रखंडों में वर्षों से अधूरे पड़े भवनों को दुरुस्त कर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल करने की योजना बना रही है. इस बाबत उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सचिव से 44 करोड़ रुपए की मांग की है.

देखें पूरी खबर


प्रशासन ने किया है सर्वे
जिले में अधूरे पड़े स्वास्थ्य केंद्रों की जांच के लिए एक सर्वे किया गया था. अधिकारियों ने इस सर्वे में पाया कि जिले में दो दर्जन से भी अधिक स्वास्थ्य भवन अधूरे हैं. ऐसे में प्रशासन ने अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवनों की भौतिक स्थिति को दर्शाते हुए जनहित में इन्हें पूरा कराना जरूरी माना है.

यह भी पढ़ें- चाईबासा में इंसानियत शर्मसार!, नदी से नवजात का शव बरामद


पश्चिमी सिंहभूम के कौन-कौन से स्वास्थ्य केंद्र हैं अधूरे
आनंदपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, बंदगांव, तांतनगर, कुमारडूंगी, जगन्नाथपुर, हाटगम्हरिया आदि स्वास्थ्य केंद्र वर्षों से अधूरे पड़े हैं.


पश्चिमी सिंहभूम में 15 वर्षों से अधूरे पड़े हैं स्वास्थ्य केंद्र
जिले में विगत 15 वर्षों से स्वास्थ्य भवन अधूरे पड़े हुए हैं. इनका निर्माण कार्य वर्ष 2003 - 04 में ही शुरू किया गया था. इसके निर्माण के लिए विभिन्न कार्यकारी एजेंसियों को कुल 4 करोड़ 68 लाख 8000 रुपए भी आवंटन किए गए थे. लेकिन संवेदकों ने विभिन्न कारण बताकर इन भवनों को अधूरा छोड़ दिया.

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जिला प्रशासन करेगा कार्रवाई
जिले में स्वास्थ्य भवनों के निर्माण में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर विभाग ने कार्रवाई की तैयारी की है. जिसे लेकर भवन के निर्माण के दौरान पदस्थापित पदाधिकारी निर्माण कार्य में लगे कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और जूनियर अभियंता पर कार्रवाई करने जा रही है. राज्य स्वास्थ्य सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र निर्गत कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.


लापरवाह पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य भवन पूरा नहीं होने के पिछे जो अफसर जिम्मेदार होंगे जिला प्रशासन उन अफसरों पर भी कार्रवाई करने जा रही है. प्रशासन वर्षों से अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवन के लिए दोषी पदाधिकारियों से राशि की रिकवरी करने की योजना भी बना रही है.


स्वास्थ्य सचिव को लिखा गया है पत्र
जिले में स्वास्थ्य की खराब व्यवस्था को देखते हुए उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सचिव से 44 करोड़ रुपए की मांग की है. वहीं जो भी स्वास्थ्य भवन अधूरे रह गए हैं उसे पूरा कराने के लिए दोबारा पूरी रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है.


उप विकास आयुक्त क्या कहते हैं
इस बारे में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन का कहना है कि स्वास्थ्य सचिव को अधूरे भवनों के निर्माण पूर्ण कर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने को लेकर पत्राचार किया गया है. वहीं सचिव से इस बाबत भी आदेश लिया गया है कि जिस भवन के निर्माण में छोटे-मोटे खर्चे आएंगे उन्हें जिला प्रशासन के फंड से पूरा कराया जा सकता है क्या, अगर उधर से आदेश मिल जाता है तो जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा. उप विकास आयुक्त का कहना है कि जो भी भवन अधूरे रह गए हैं उन्हें पूरा कराना पूरी तरह से जिला प्रशासन की जिम्मवारी है.

चाईबासा,पश्चिमी सिंहभूम: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की खराब हालत को देखते हुए प्रशासन अब स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने के लिए सजग हो गई है. इसके लिए प्रशासन विभिन्न प्रखंडों में वर्षों से अधूरे पड़े भवनों को दुरुस्त कर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल करने की योजना बना रही है. इस बाबत उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सचिव से 44 करोड़ रुपए की मांग की है.

देखें पूरी खबर


प्रशासन ने किया है सर्वे
जिले में अधूरे पड़े स्वास्थ्य केंद्रों की जांच के लिए एक सर्वे किया गया था. अधिकारियों ने इस सर्वे में पाया कि जिले में दो दर्जन से भी अधिक स्वास्थ्य भवन अधूरे हैं. ऐसे में प्रशासन ने अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवनों की भौतिक स्थिति को दर्शाते हुए जनहित में इन्हें पूरा कराना जरूरी माना है.

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पश्चिमी सिंहभूम के कौन-कौन से स्वास्थ्य केंद्र हैं अधूरे
आनंदपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, बंदगांव, तांतनगर, कुमारडूंगी, जगन्नाथपुर, हाटगम्हरिया आदि स्वास्थ्य केंद्र वर्षों से अधूरे पड़े हैं.


पश्चिमी सिंहभूम में 15 वर्षों से अधूरे पड़े हैं स्वास्थ्य केंद्र
जिले में विगत 15 वर्षों से स्वास्थ्य भवन अधूरे पड़े हुए हैं. इनका निर्माण कार्य वर्ष 2003 - 04 में ही शुरू किया गया था. इसके निर्माण के लिए विभिन्न कार्यकारी एजेंसियों को कुल 4 करोड़ 68 लाख 8000 रुपए भी आवंटन किए गए थे. लेकिन संवेदकों ने विभिन्न कारण बताकर इन भवनों को अधूरा छोड़ दिया.

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जिला प्रशासन करेगा कार्रवाई
जिले में स्वास्थ्य भवनों के निर्माण में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर विभाग ने कार्रवाई की तैयारी की है. जिसे लेकर भवन के निर्माण के दौरान पदस्थापित पदाधिकारी निर्माण कार्य में लगे कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और जूनियर अभियंता पर कार्रवाई करने जा रही है. राज्य स्वास्थ्य सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र निर्गत कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.


लापरवाह पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य भवन पूरा नहीं होने के पिछे जो अफसर जिम्मेदार होंगे जिला प्रशासन उन अफसरों पर भी कार्रवाई करने जा रही है. प्रशासन वर्षों से अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवन के लिए दोषी पदाधिकारियों से राशि की रिकवरी करने की योजना भी बना रही है.


स्वास्थ्य सचिव को लिखा गया है पत्र
जिले में स्वास्थ्य की खराब व्यवस्था को देखते हुए उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सचिव से 44 करोड़ रुपए की मांग की है. वहीं जो भी स्वास्थ्य भवन अधूरे रह गए हैं उसे पूरा कराने के लिए दोबारा पूरी रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है.


उप विकास आयुक्त क्या कहते हैं
इस बारे में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन का कहना है कि स्वास्थ्य सचिव को अधूरे भवनों के निर्माण पूर्ण कर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने को लेकर पत्राचार किया गया है. वहीं सचिव से इस बाबत भी आदेश लिया गया है कि जिस भवन के निर्माण में छोटे-मोटे खर्चे आएंगे उन्हें जिला प्रशासन के फंड से पूरा कराया जा सकता है क्या, अगर उधर से आदेश मिल जाता है तो जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा. उप विकास आयुक्त का कहना है कि जो भी भवन अधूरे रह गए हैं उन्हें पूरा कराना पूरी तरह से जिला प्रशासन की जिम्मवारी है.

Intro:डे प्लान,
चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं और विभिन्न प्रखंडों में वर्षों से अधूरे पड़े भवनों को दुरुस्त कर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल करने को लेकर जिला प्रशासन अब सजग हो गई है। पश्चिम सिंहभूम जिले के अधिकारियों द्वारा एक सर्वे रिपोर्ट में दो दर्जन से भी अधिक अधूरे स्वास्थ्य भवन की सूची तैयार की गई है। जिला प्रशासन ने अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवनो की भौतिक स्थिति को दर्शाते हुए जनहित में पूरा करना जरूरी बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य सचिव से 44 करोड़ रुपए की मांग की गई है।


Body:जिले की अधूरे भवन का निर्माण कार्यकारी एजेंसियों द्वारा अलग-अलग विभागों से किया गया है था जिसका दोबारा प्रकरण तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है।
उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने स्वास्थ्य सचिव को अधूरे भवनों के निर्माण पूर्ण कर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने को लेकर पत्राचार किया है। पूर्व में कार्यकारी एजेंसियों को निर्माण के लिए कुल 4 करोड 68 लाख 8000 रुपए आवंटन किए गए थे। इसके बावजूद भी कार्यकारी एजेंसियों के द्वारा विभिन्न कारणों का हवाला देकर निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। वहीं तत्कालीन पदाधिकारियों के भी तबादले हो चुके हैं जिस कारण कार्य अधूरा रह गया।

जिले में 15 वर्षों से अधूरे पड़े हैं स्वास्थ्य केंद्र-
जिले में विगत 15 वर्षों से स्वास्थ्य भवन अधूरे पड़े हुए हैं जिनका निर्माण 2003 - 4 वित्तीय वर्ष में शुरू किया गया था और संवेदकों ने विभिन्न प्रकार की कारण बताकर इन भवनों को अधूरा छोड़ दिया।

जिला प्रशासन अधूरे पड़े भवनों की रिकवरी करने की तैयारी में-
जिले में स्वास्थ्य भवनों के निर्माण में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर विभाग ने कार्रवाई की तैयारी की है। जिसे लेकर भवन के निर्माण के दौरान पदस्थापित पदाधिकारी निर्माण कार्य में लगे कनीय अभियंता सहायक अभियंता एवं जूनियर अभियंता पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। राज्य स्वास्थ्य सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र निर्गत कर कार्रवाई के लिए अनुशंसा के लिए कहा है।

लापरवाह पदाधिकारियों पर होगी कार्यवाई-
कार्यवाही के संबंध में जिला प्रशासन ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों अभियंताओं के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट जज के साथ बैठक भी की है। जिस बैठक में जिले में वर्षों से अधूरे पड़े स्वास्थ्य भवन के लिए दोषी पदाधिकारियों से राशि की रिकवरी करने की बात की गई है।

जिले के कौन कौन से स्वास्थ्य केंद्र अधूरे-
आनंदपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, बंदगांव, तांतनगर, कुमारडूंगी, जगन्नाथपुर, हाटगम्हरिया

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि जिले में कई स्वास्थ्य भवन वर्षों से अधूरे पड़े हुए हैं जिन्हें जनहित में पूर्ण करना अत्यंत जरूरी है। इन भवनों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन ने 44 से 45 करोड़ का प्रकल्लन बनाकर स्वास्थ्य सचिव के पास भेजा है। अभी तक स्वास्थ्य सचिव के पास से जैसा भी दिशा निर्देश प्राप्त होगा हम लोग वैसा ही काम करेंगे और हमे उम्मीद है कि एक दो माह में अधूरे पड़े भवनों को पूरा करने का निर्देश प्राप्त हो जाएगा ।


Conclusion:
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