चाईबासाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाईबासा पहुंचे. जहां उन्होंने गुआ गोलीकांड के शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने गुआ गोलीकांड में शहीद हुए 11 आंदोलनकारी को श्रद्धांजलि दी.
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बता दें कि गुआ गोलीकांड की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा के साथ ही परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और परिसंपत्तियों के वितरण का आयोजन भी गुआ मैदान में आयोजित की गई. जहां मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया. साथ ही कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया.
8 सितंबर को हुआ था गुआ गोलीकांड: बता दें कि 8 सितंबर 1980 का दिन पुलिसिया बर्बरता, आंदोलन को बंदूक के बल पर कुचलने के प्रयास का गवाह बना था. गुआ गोलीकांड की घटना ने दक्षिणी छोटानागपुर में देवेंद्र मांझी का नाम अग्रिम पंक्ति के नेतृत्व कर्ताओं में शुमार करा दिया. 8 सितंबर का दिन क्षेत्र के मूल निवासी के जंगल आंदोलन के क्रम में ऐतिहासिक था. क्षेत्र के जन नेता देवेंद्र मांझी ने जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित कराने का आंदोलन छेड़ रखा था. उनके समर्थकों के मध्य 'जंगल क्षेत्र में जमीन बचाओ जमीन बनाओ खेती करो, कृषि को हम बनाएंगे जीविका का माध्यम' बोल गूंज रहे थे.
सारंडा में लौह अयस्क के अकूत भंडार: जंगल का सवाल और उससे जुड़े जन समुदाय का सवाल आज से 3 दशक पूर्व भी महत्वपूर्ण था और आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है. सारंडा की पहाड़ियों में अवस्थित लौह अयस्क के अकूत भंडार का दोहन आज भी स्थानीय जन जीवन और परंपरा की उपेक्षा कर विभिन्न सरकारी निजी कंपनी कर रही हैं. गुआ में लौह अयस्क के खदान और गुआ गोलीकांड दोनों बातें जुड़ी हुई हैं, 700 छोटी बड़ी पहाड़ियों से आच्छादित सारंडा वन क्षेत्र अपार खनिज और वन संपदा से भरमार है.