रांची: मणिपुर और मनोहरपुर में हुए महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और शर्मसार करने वाली घटना को लेकर पूरे देश सहित झारखंड में भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी को लेकर रांची में झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन और खतियानी समिति की ओर से रविवार देर शाम कैंडल मार्च निकाला गया.
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कैंडल मार्च का नेतृत्व कर रहे देवेंद्र महतो ने कहा कि मणिपुर पिछले 3 महीनों से जल रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मुंह बंद कर बैठी हुई हैं. मणिपुर में हुई घटना को लेकर देवेंद्र महतो ने कहा कि यह घटना पूरे देश को शर्मसार कर रही है, लेकिन सरकार ने अपनी आंखों में से शर्म को हटा लिया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की तरह झारखंड के चाईबासा के मनोहरपुर में भी कुछ इसी तरह की घटना हुई है. वहां पर भी एक आदिवासी शिक्षिका के साथ अपराधिक तत्वों के लोगों ने दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी.
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल: उन्होंने सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह से पूरे मामले पर पुलिस काम कर रही है. उससे यही प्रतीत होता है कि पुलिस घटना में संलिप्त लोगों को बचाने में जुटी हुई है. मनोहरपुर में भी घटना में एक विक्षिप्त लड़के को आरोपी बताकर गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उसे देखने के बाद यह नहीं लगता कि इतने बड़े जुर्म को वह अंजाम दे सकता है. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर उंगली उठाते हुए कहा कि मणिपुर हो या फिर मनोहरपुर दोनों जगह पुलिस के संरक्षण में अपराधी अपराध कर रहे हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन में बैठे बड़े अधिकारियों की नजर ऐसे लोगों पर नहीं जा रही है.
खुद न्याय करने को मजबूर होंगे युवा: देवेंद्र महतो ने कहा कि यदि सरकार ऐसे अपराधियों पर नकेल नहीं कसा तो आने वाले दिनों में हमारे जैसे युवा सड़क पर उतर कर न्याय करने को मजबूर हो जाएंगे. क्योंकि मां बहन की इज्जत को बचाने के लिए अगर हम युवाओं को अपनी जान भी देनी पड़े तो हम जान देने के लिए तैयार हैं. मार्च में शामिल आंदोलनकारियों ने कहा कि आज राज्य और देश की महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती, वह डरी सहमी रहती हैं कि देर रात अगर वह सड़क पर हैं तो क्या वह समय पर सुरक्षित रूप से घर पहुंच पाएंगी या नहीं.
मंत्री के इस्तीफे की मांग: वहीं कैंडल मार्च में शामिल महिलाओं ने कहा कि यदि राज्य और केंद्र में इसी तरह से महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी तो आने वाले दिनों में महिलाओं को सड़क पर अपनी सुरक्षा करने के लिए खुद हथियार उठाना पड़ेगा. कैंडल मार्च में शामिल लोगों ने मांग कि है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री और चाईबासा क्षेत्र की मंत्री जोबा मांझी इस्तीफा दें ताकि अत्याचार की शिकार हुई महिलाएं को न्याय मिल सके.