चाईबासाः नक्सली हमले में शहीद हुए डिब्रू पूर्ती को उनके पैतृक गांव तांतनगर प्रखंड के जावबेड़ा गांव के टोला पांडूसाई में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. शहीद का शव गांव पहुंचते ही लोग गमगीन हो गए सभी फूटफूट कर रोने लगे. अंतिम विदाई के समय विभागीय अधिकारियों समेत दूसरे लोगों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को आखिरी सलामी दी तो माहौल काफी गमगीन हो गया. इसके बाद लोगों ने सामाजिक रीति रिवाज के साथ शहीद पार्थिव शरीर को दफनाया गया.
पत्नी, मां और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
सैकड़ों लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुचें थे. लोगों ने नम आंखों के साथ शहीद को विदाई दी. इस दौरान शहीद की पत्नी, बच्चे समेत बूढ़ी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मौके पर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमर कुमार पांडे, अंचल इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार, ओपी प्रभारी पीसी यादव समेत अन्य मौजूद थे.
शहीद डिब्रू पूर्ती की नियुक्ति 29 जनवरी 2009 को आरक्षी के पद पर हुआ था. उनका जन्म 8 फरवरी 1970 को नगर ओपी थाना क्षेत्र के जावबेड़ा के टोला पांडूसाई में हुआ था. शहीद अपने पीछे पत्नी लेम्बोवति पुरती और 4 बेटे छोड़ गए हैं.
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एक हफ्ते पहले ही अपने घर आए थे शाहिद डिब्रू
1 हफ्ते पहले ही शहीद डिब्रू पूर्ति अपने घर आए हुए थे. वे अपने विभागीय काम को लेकर पिछले रविवार को चाईबासा आए थे. इसी क्रम में अपना काम निपटाने के बाद वहां से अपने घर आ गए थे. अपने घर में परिवार वालों के साथ रात बिताने के बाद दूसरे दिन लौट गए. शहीद की पत्नी ने बताया कि घटना के दिन घटना के करीब 4 घंटा पहले उनके पति से बातचीत हुई थी.