सिमडेगा: जेनेवा में ब्रह्मांड की उत्पत्ति की खोज से जुड़े सिमडेगा के युवा वैज्ञानिक ने जब अपने पैतृक गांव कोनबेगी में वैक्सीन ली, तो ना सिर्फ लोग प्रेरित हुए बल्कि उसी शिविर में रिकॉर्ड 160 लोगों ने टीकाकरण करा कर जिले वासियों के सामने एक उदाहरण पेश किया.
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युवा वैज्ञानिक ने लोगों को किया जागरूक
डॉ सिद्धार्थ कोलकाता के प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर पदस्थापित हैं. बीते दिनों कोलकाता से अपने गांव आए हुए हैं. जब उन्हें पता चला कि गांव के लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं और वैक्सीन को लेकर लोगों के बीच कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. तब डॉक्टर सिद्धार्थ ने ना सिर्फ लोगों को जागरूक करने की ठानी, बल्कि उन्हें आश्वस्त किया कि उन लोगों के साथ वे भी वैक्सीन लगवायेंगे. जिसके बाद डॉक्टर सिद्धार्थ ने गांव में लगे टीकाकरण शिविर में पहुंचकर वैक्सीन ली. इसके बाद तो ग्रामीणों की लंबी कतार वैक्सीन के लिए लगी और उसी कैंप में 160 लोगों ने वैक्सीन ली.
डॉक्टर सिद्धार्थ के पिता गांव में मुखिया रह चुके हैं
बता दें कि डॉक्टर सिद्धार्थ के पिता कृष्णा प्रसाद पूर्व में कोनबेगी पंचायत के मुखिया रह चुके हैं. वही सिद्धार्थ के बड़े भाई मनोज कोनबेगी हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष के साथ-साथ कई अन्य खेल संघों से जुड़े हैं. इस दौरान जिला उपविकास आयुक्त अरुण मास्टर सांगा, बीडीओ मनोज कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे.
डीडीसी ने की डॉक्टर सिद्धार्थ की तारीफ
डीडीसी ने कहा कि डॉ सिद्धार्थ ने जिस प्रकार वैक्सीन लेकर गांव के लोगों को प्रेरित किया है. उसी प्रकार समाज के अग्रणी लोगों को भी आगे आकर लोगों को जागरूक करना चाहिए. आपको बता दें कि डॉ. सिद्धार्थ अक्सर शोध के लिए जेनेवा जाते रहते हैं.
सभी लोग टीका जरूर लगवाएं
डॉक्टर सिद्धार्थ कहते हैं कि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के पश्चात यह वैक्सीन तैयार की गई है. जो पूरी तरह सुरक्षित है. आम आदमी को इसे लेने में किसी प्रकार का भय या असुरक्षा महसूस नहीं होनी चाहिए. लोगों को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. निर्भीक होकर सभी अपना टीकाकरण कराएं.