सिमडेगा: जिले का अंतिम प्रखंड बांसजोर जो अपने विकास के लिए वर्तमान व्यवस्था से संघर्ष कर रहा था. उसकी सूरत अब जल्द ही बदलने वाली है. इसकी पहल उपायुक्त ने की है. जिसके बाद ना तो यहां के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर के मार्केट में जाना पड़ेगा, ना ही कम दामों में बिचौलियों को देना पड़ेगा.
झारखंड-ओडिशा सीमा पर बांसजोर में वर्षों पहले चेकपोस्ट बनाया गया था, जो कभी चालू ही नहीं हुआ और ऑफिस के कमरे बर्बाद हो रहे थे. इसे लेकर बांसजोर दौरे पर आए सिमडेगा उपायुक्त सुशांत ने निरीक्षण किया. इन्हें साफ सुथरा कर इसे मार्केट हब के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया. जिससे कि इस क्षेत्र में उपजने वाली सब्जियों को स्थानीय मार्केट मिल सके.
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चेकपोस्ट के कमरों को बनाया जाएगा मार्केट हब
झारखंड ओडिशा सीमा पर चेकपोस्ट के लिए बनाए गए छोटे-छोटे कमरे चेकपोस्ट शुरू नहीं होने से बेकार पड़े बर्बाद हो रहे थे. बांसजोर दौरे पर गए सिमडेगा डीसी ने इसका मुआयना किया और इसे साफ सुथरा कर इसे मार्केट हब के रूप में उपयोग करने के आदेश दिया. जिससे इस क्षेत्र में होने वाले सब्जियां आदि पैदावार को स्थानीय मार्केट मिले सके.
10 सोलर डीप बोरिंग समेत कई योजनाओं की घोषणा
बांसजोर क्षेत्र में खेती अच्छी होती है. इन किसानों को और बेहतर सुविधा और मार्केट उपलब्ध हो तो यह क्षेत्र सब्जियों की काफी अच्छी पैदावार कर सकता है. जिससे क्षेत्र में बंजर पड़ी भूमि में हरियाली तो आएगी ही, ग्रामीणों के घर खुशहाली भी आएगी. यहां चेकपोस्ट के कमरे को मार्केट के रूप में डेवलप करने के साथ ही यहां की खेती को और बढ़ाने के लिए उपायुक्त ने यहां 10 सोलर डीप बोरिंग समेत कई योजनाओं की घोषणा की. जिससे किसान आसानी से अपनी फसल को पटवन कर सके. मार्केट और सिंचाईं दोनों सुविधा मिल जाने से झारखंड के इस आखिरी छोर पर बसे बांसजोर प्रखंड का विकास भी तेजी से होगा.