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संजू प्रधान मॉब लिंचिंग केस की जांच पूरी, सीआईडी ने रिपोर्ट में 13 को बताया दोषी

संजू प्रधान की तालीबानी हत्या मामले की जांच पूरी हो गई है. संजू प्रधान मॉब लिंचिंग केस की जांच पूरी कर सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. सीआईडी ने कोर्ट को इस मामले में 13 लोगों को दोषी बताया है.

Sanju Pradhan mob lynching case Simdega investigation completed
संजू प्रधान मॉब लिंचिंग केस की जांच पूरी
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Published : Apr 20, 2022, 10:05 PM IST

रांची: झारखंड के सिमडेगा जिले में संजू प्रधान मॉब लिंचिंग केस की जांच पूरी कर ली गई है. सीआईडी ने इसकी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. सीआईडी ने चार्जशीट में 13 लोगों को संजू की हत्या का दोषी बताया है. अब सुनवाई के बाद कोर्ट इस पर फैसला करेगी.

ये भी पढ़ें- Simdega Mob Lynching: संजू प्रधान हत्याकांड मामले में CID ने किया केस टेकओवर

सिमडेगा के कोलेबिरा में हुई थी हत्याः इसी साल जनवरी महीने में सिमडेगा के कोलेबिरा के बेसराजारा बाजार में पंचायत लगाकर संजू की हत्या कर दी गई थी. सीआईडी की जांच में पाया गया है कि खूंटकटी के पेड़ काटने के बाद पंचायत ने उसकी हत्या कर दी थी. जांच में यह बात सामने आई है कि संजू को पेड़ काटने से बार-बार पंचायत के लोग रोकते थे, लेकिन उसने पेड़ काटना जारी रखा. ऐसे में पंचायत के लोगों ने तालीबानी तरीके से पत्थर से मार कर संजू प्रधान को घायल कर दिया था, इसके बाद लकड़ी पर रखकर शव को जला दिया गया था.

सीआईडी कर रही मामले की जांचः सीआईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि गांव में खूंटकटी की जमीन से लकड़ी काटने को लेकर संजू प्रधान का विवाद पंचायत के लोगों से हुआ था. पूर्व में संजू प्रधान को पंचायत के लोगों ने खूंटकटी की जमीन से लकड़ी काटने से रोका था. 4 जनवरी को घटना के दिन भी लकड़ी काटने को लेकर ही विवाद हुआ था, जिसके बाद उग्र भीड़ ने संजू प्रधान को पहले पीट पीट कर मार डाला. इसके बाद लकड़ी जलाकर आग के हवाले कर दिया.

सीआईडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा ने जांच में आए तथ्यों के आधार पर प्रारंभिक रिपोर्ट सीआईडी मुख्यालय को सौंपी थी. सीआईडी ने अब तक जांच में आए तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय झारखंड को भेजी थी. सीआईडी रिपोर्ट में हत्या की कोई दूसरी वजह जांच में सामने नहीं आई है.


राज्यपाल के आदेश पर हुई थी सीआईडी जांचः राज्यपाल रमेश बैस के आदेश पर संजू प्रधान हत्याकांड में सीआईडी जांच की गई है. सीआईडी के डीएसपी स्तर के अधिकारी परवेज आलम केस के अनुसंधान पदाधिकारी हैं, वहीं केस की मॉनिटरिंग स्वयं एडीजी प्रशांत सिंह कर रहे हैं. जांच पूरी होने के बाद सीआईडी अब जल्द की केस का अनुसंधान बंद कर देगी. वहीं 13 आरोपियों पर हत्या समेत अन्य संगीन धाराओं में ट्रायल चलेगा.

रांची: झारखंड के सिमडेगा जिले में संजू प्रधान मॉब लिंचिंग केस की जांच पूरी कर ली गई है. सीआईडी ने इसकी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. सीआईडी ने चार्जशीट में 13 लोगों को संजू की हत्या का दोषी बताया है. अब सुनवाई के बाद कोर्ट इस पर फैसला करेगी.

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सिमडेगा के कोलेबिरा में हुई थी हत्याः इसी साल जनवरी महीने में सिमडेगा के कोलेबिरा के बेसराजारा बाजार में पंचायत लगाकर संजू की हत्या कर दी गई थी. सीआईडी की जांच में पाया गया है कि खूंटकटी के पेड़ काटने के बाद पंचायत ने उसकी हत्या कर दी थी. जांच में यह बात सामने आई है कि संजू को पेड़ काटने से बार-बार पंचायत के लोग रोकते थे, लेकिन उसने पेड़ काटना जारी रखा. ऐसे में पंचायत के लोगों ने तालीबानी तरीके से पत्थर से मार कर संजू प्रधान को घायल कर दिया था, इसके बाद लकड़ी पर रखकर शव को जला दिया गया था.

सीआईडी कर रही मामले की जांचः सीआईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि गांव में खूंटकटी की जमीन से लकड़ी काटने को लेकर संजू प्रधान का विवाद पंचायत के लोगों से हुआ था. पूर्व में संजू प्रधान को पंचायत के लोगों ने खूंटकटी की जमीन से लकड़ी काटने से रोका था. 4 जनवरी को घटना के दिन भी लकड़ी काटने को लेकर ही विवाद हुआ था, जिसके बाद उग्र भीड़ ने संजू प्रधान को पहले पीट पीट कर मार डाला. इसके बाद लकड़ी जलाकर आग के हवाले कर दिया.

सीआईडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा ने जांच में आए तथ्यों के आधार पर प्रारंभिक रिपोर्ट सीआईडी मुख्यालय को सौंपी थी. सीआईडी ने अब तक जांच में आए तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय झारखंड को भेजी थी. सीआईडी रिपोर्ट में हत्या की कोई दूसरी वजह जांच में सामने नहीं आई है.


राज्यपाल के आदेश पर हुई थी सीआईडी जांचः राज्यपाल रमेश बैस के आदेश पर संजू प्रधान हत्याकांड में सीआईडी जांच की गई है. सीआईडी के डीएसपी स्तर के अधिकारी परवेज आलम केस के अनुसंधान पदाधिकारी हैं, वहीं केस की मॉनिटरिंग स्वयं एडीजी प्रशांत सिंह कर रहे हैं. जांच पूरी होने के बाद सीआईडी अब जल्द की केस का अनुसंधान बंद कर देगी. वहीं 13 आरोपियों पर हत्या समेत अन्य संगीन धाराओं में ट्रायल चलेगा.

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