सिमडेगा: समाहरणालय परिसर में उपायुक्त सुशांत गौरव, उप विकास आयुक्त प्रताप चन्द्र किचिगिंया, आईटीडीए निदेशक सलन भुइयां, अपर समाहर्ता अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से डायन प्रथा उन्मूलन को लेकर जन जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
इस जागरूकता रथ के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक का एक दल भी जिला के विभिन्न प्रखंड के हाट-बाजार, चौक-चौराहों में गीत-नाटक के माध्यम से अंधविश्वास डायन प्रथा के कुप्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करेगा. 12 से 21 जनवरी तक जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से जागरुकता रथ के माध्यम से विभिन्न गांवों में डायन प्रथा और अन्य सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जागरुकता अभियान आज से शुरू किया गया.
डायन की प्रथा दूर करने की कवायद
रथ के माध्यम से आमजनों को डायन और उससे संबंधित कुप्रथाओं के प्रति ना केवल जागरूक किया जाएगा. बल्कि उससे जुड़े लोगों पर होने वाले कानूनी प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि ऐसी सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है. इसके लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक जागरूकता जरूरी है. डायन प्रथा जैसी कुरीतियां ना केवल महिलाओं को, बल्कि समाज को भी नकारात्मक विचारधारा से ग्रसित करती है. अंधविश्वास के कारण उत्पन्न इन कुरीतियों से महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है. बताया गया कि शिक्षा और जागरूकता से ही यह कुप्रथा समाप्त होगी. उन्होंने महिलाओं को भी पूर्ण आत्मविश्वास के साथ आगे आने की अपील की. हम सब को एकजुट होकर इस कुप्रथा को समाज से खत्म करना होगा. ऐसी सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा देने वाले दोषियों के विरुद्ध जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा. आवश्यकता है कि हर एक व्यक्ति अपने स्तर से जागरूक दृष्टिकोण के साथ कदम बढ़ाए.
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इस मौके पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी पुनम कच्छप, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी प्रिंस गोडविन कुजूर, गोपनीय प्रभारी पदाधिकारी मो. शहजाद परवेज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी रेणू बाला के अलावा अन्य उपस्थित रहे.