सिमडेगा: पाकरडांड प्रखंड के बस्तपुर में हार बेड़ा नदी के किनारे प्रखंड कांग्रेस कमेटी का कार्यकर्ता सम्मेलन और वनभोज कार्यक्रम रखा गया था. इसकी अध्यक्षता पाकरटांड प्रखंड अध्यक्ष अजित लकड़ा ने की. कार्यक्रम में विधायक भूषण बाड़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें संगठन को मजबूती देते हुए आने वाले सभी चुनावों में जीत दर्ज करना होगा. मुखिया पंचायत समिति की जीत सिर्फ एकजुटता से ही संभव है.
आरक्षण को खत्म करने की साजिश
विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की सरकार देश की हर संपत्ति को सिर्फ बेचने कार्य कर रही है, अगर बीजेपी के नेता कहते है कि कांग्रेस ने 70 सालों में देश की प्रगति के लिये कुछ नहीं किया, लेकिन सरकार ने जो भी संपत्ति को बेच रही है. वो सब कंपनी कांग्रेस सरकार के शासन में लाभ देकर देश के लोगों को रोजगार दे रही थी. वहीं केंद्र सरकार ने चुनावी लाभ लेकर अपने पूंजीपति दोस्तों को बेच रही है. साथ ही दलित, OBC / SC / ST को संविधान से मिलने वाला आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है.
किसानों के साथ छल
वहीं विधायक ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि सरकार किसानों का हित न सोचकर आज हमारे खेती-बाड़ी को भी कृषि बिल 20 को लाकर किसानों के खेत को भी निजीकरण कर पूंजीपति को लाभ देने का कार्य कर रही है, क्योकि किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य को इस बिल से हटाकर किसानों के साथ छल कर रही है.
साथ ही कहा कि भारत सरकार अगर किसानों के हित के लिए कृषि बिल 20 लाई होती, तो उस बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का रूप देती, जिससे कोई भी बिचौलियें इससे कम में खरीदारी नहीं कर पाते. अगर कोई एमएसपी से कम में खरीद करें, तो उस कानून के तहत उस पर कार्रवाई की जा सकती थी, लेकिन किसानों की इस मांग को न मानकर दूसरे रास्ते से इस नियम को लागू करना चाह रही है.
महात्मा गांधी ने किया था किसान आंदोलन
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अंग्रेजों ने कॉन्ट्रेक्ट खेती के बहाने सिर्फ नील की खेती के लिए चंपारण के किसानों को मजबूर किया और किसानों की जमीन इस खेती के कारण जमीन बंजर हो गई थी. तब महात्मा गांधी ने किसानों के साथ मिलकर इस कानून को खत्म करने के लिए आंदोलन किया और इस कानून को नष्ट कराया. साथ ही उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह इस बीजेपी की सरकार ने कुछ पूंजीपति दोस्तों की जिद के कारण किसान भाइयों की जमीन को पूंजीवाद के समर्थक के पास भी गिरवी रखनी पड़ सकती है.
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स्कूल के साथ सौतेला व्यवहार
विधायक ने कहा पूर्ववर्ती झारखंड सरकार ने अल्पसंख्यक स्कूल के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए सरकारी अनुदान को बंद कर दिया था और स्कूल में रिटायर्ड शिक्षक के बदले नई बहाली का आदेश को रोककर अल्पसंख्यक स्कूल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही थी. हमारी सरकार में अल्पसंख्यक स्कूलों में नई बहाली के आदेश जल्द मिल जाएगा, जिससे नए शिक्षकों की बहाली कर बच्चों को सही शिक्षा मिल सकेगी.