सिमडेगा: पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता को लागू करने पर जोर दिया था. समान नागरिक संहिता बिल लाने की बात के बाद से विपक्ष की राजनीति तेज होने लगी है. कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने समान नागरिक संहिता का विरोध किया है.
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शुक्रवार को सिमडेगा में कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया. विधायक ने कहा कि आरक्षण, कस्टमरी लॉ, मुस्लिम पर्सनल लॉ और आदिवासियों की जमीन छीनने के लिए केंद्र सरकार यह साजिश रच रही है. कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता देश व देशवासियों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग धर्म व भिन्न-भिन्न समुदाय के लोग रहते हैं. ऐसे में समान नागरिक संहिता लागू होने से वंचित आदिवासी व खास समुदाय के लोग विशेष रूप से प्रभावित होंगे. यहां तक कि इसका असर आरक्षण व आदिवासियों के उत्तराधिकार कानून प्रभावित होंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे समान नागरिक संहिता को नहीं लाएं.
समान नागरिक संहिता का अर्थ है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों के व्यक्ति के लिए एक कानून होगा. शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा. यह मुद्दा कई दशकों से राजनीतिक बहस के केंद्र में रहा है. यह सत्ताधारी भाजपा के लिए जनसंघ के जमाने से प्राथमिकता वाला एजेंडा रहा है. भाजपा के सत्ता में आने पर इसको लागू करने का वादा करती रही है और यह मुद्दा उसके 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र का भी हिस्सा रहा.