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पिता का साया उठते ही 5 बच्चों को छोड़कर भागी मां, अब दाने-दाने को मोहताज हैं ये मासूम - लचड़ागढ़ के पाहनटोली गांव

सिमडेगा में 5 बच्चे दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. इन बच्चों को हर दिन दूसरों के आगे हाथ फैलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.

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Published : Mar 5, 2021, 4:23 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 7:21 PM IST

सिमडेगा: जिले के लचड़ागढ़ के पाहनटोली गांव में भुखमरी की कगार पर पहुंचे 5 बच्चों की दास्तां सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाएगा. 7 साल पहले ही इनके सिर से पिता का साया उठ गया. इन बच्चों को जन्म देने वाली मां तकरीबन 5 साल पहले बच्चों को छोड़ किसी और के साथ चली गई. जिसके बाद ये बच्चे दाने-दाने को मोहताज हो गए. हालांकि मीडिया ने इन बच्चियों को जिले के डीसी से मिलवाया. डीसी ने इनकी दर्द सुना और आर्थिक मदद की बात कही है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़े- दो वर्ष से बंद है अग्दोनी की जलापूर्ति योजना, सीसीएल कॉलोनी में भी जल संकट

शिक्षा से वंचित बच्चे

लचड़ागढ़ के पाहनटोली गांव में टूटे-फूटे घर में 15 वर्षीय इशिका अपने चार छोटे भाई बहनों के साथ रह रही है. ये अपने भाई बहनों को पढ़ाना चाहती है. तीन बहने सरकारी स्कूल जाती है लेकिन भाई पैसे की कमी के कारण स्कूल नहीं जा पाता है. इशिका ने कहा कि मां के भरोसे जिंदा थे अब किसके सहारे जिएंगे. अपने भाई बहनों को पालने वाली 15 वर्षीय इशिका को गांव वालों के तानों और गंदी बातों का बाण भी सहना पड़ता है. ये और बच्चों के जैसे जीना चाहते हैं, पढना चाहते हैं लेकिन समाज जीने नहीं देना चाहती है.

उपायुक्त ने मदद की कही बात

मीडिया ने इन बच्चियों को जिले की डीसी से मिलवाया. डीसी ने इनके दर्द को सुना और वे भी इनके दर्द भरी दास्तां से भावुक हो गए. उन्होंने इन बच्चों को नियमित पढ़ने और भोजन के लिए आर्थिक मदद की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने इनके पढाई की व्यवस्था करने की बात कही.

सिमडेगा: जिले के लचड़ागढ़ के पाहनटोली गांव में भुखमरी की कगार पर पहुंचे 5 बच्चों की दास्तां सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाएगा. 7 साल पहले ही इनके सिर से पिता का साया उठ गया. इन बच्चों को जन्म देने वाली मां तकरीबन 5 साल पहले बच्चों को छोड़ किसी और के साथ चली गई. जिसके बाद ये बच्चे दाने-दाने को मोहताज हो गए. हालांकि मीडिया ने इन बच्चियों को जिले के डीसी से मिलवाया. डीसी ने इनकी दर्द सुना और आर्थिक मदद की बात कही है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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शिक्षा से वंचित बच्चे

लचड़ागढ़ के पाहनटोली गांव में टूटे-फूटे घर में 15 वर्षीय इशिका अपने चार छोटे भाई बहनों के साथ रह रही है. ये अपने भाई बहनों को पढ़ाना चाहती है. तीन बहने सरकारी स्कूल जाती है लेकिन भाई पैसे की कमी के कारण स्कूल नहीं जा पाता है. इशिका ने कहा कि मां के भरोसे जिंदा थे अब किसके सहारे जिएंगे. अपने भाई बहनों को पालने वाली 15 वर्षीय इशिका को गांव वालों के तानों और गंदी बातों का बाण भी सहना पड़ता है. ये और बच्चों के जैसे जीना चाहते हैं, पढना चाहते हैं लेकिन समाज जीने नहीं देना चाहती है.

उपायुक्त ने मदद की कही बात

मीडिया ने इन बच्चियों को जिले की डीसी से मिलवाया. डीसी ने इनके दर्द को सुना और वे भी इनके दर्द भरी दास्तां से भावुक हो गए. उन्होंने इन बच्चों को नियमित पढ़ने और भोजन के लिए आर्थिक मदद की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने इनके पढाई की व्यवस्था करने की बात कही.

Last Updated : Mar 5, 2021, 7:21 PM IST
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