लातेहार: जिले में किसान अब तक धान, गेहूं, मक्का जैसी फसलों की ही खेती करते रहे हैं. ऐसे में सीजनली खेती करने के कारण किसानों को ज्यादा मुनाफा भी नहीं हो पाता है. ऊपर से यदि मौसम ने दगा दे दिया तो किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है. अब किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ कुछ वैकल्पिक खेती की ओर भी अपना रुख किया है. इसी क्रम में मिर्च की खेती लातेहार के विभिन्न प्रखंडों में किसानों कर रहे हैं. जिले के नेतरहाट में किसान राजू ने लगभग 1 एकड़ भूमि में मिर्च की खेती की है. इस खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है.
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एक पौधा 5 साल तक देता है फसल
मिर्च की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका एक पौधा लगाने के बाद वाह लगातार पांच वर्षों तक उपज देता रहता है. दो-तीन वर्षों तक तो पौधे से काफी अच्छी पैदावार मिलती है. उसके बाद धीरे-धीरे उत्पादन की मात्रा कम होने लगती है. जहां दूसरे पौधे एक-दो माह ही उत्पादन देकर खत्म हो जाते हैं.
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आवश्यकताओं को सुलभ बनाने की जरूरत
लातेहार में मिर्च की खेती का प्रचलन आरंभ होने से किसानों को अच्छा मुनाफा होने की संभावना प्रबल हुई है. जरूरत इस बात की है कि कृषि विभाग किसानों को मिर्च की खेती के लिए प्रोत्साहित करें और बुनियादी आवश्यकताओं को सुलभ बनाएं. ताकि अधिक से अधिक किसानों का झुकाव मिर्च की खेती की ओर हो सके.