धनबाद: महुदा सिंगडा रहने वाले गोपाल नापित की पत्नी ललिता देवी कैंसर से पीड़ित हैं. पत्नी की जान बचाने के लिए गोपाल लगातार सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हर बार उसे निराशा हाथ लग रही है. गोपाल मंगलवार को भी पत्नी को लेकर भी सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, ताकि उन्हें वस्तुस्थित दिखा सकें और उन्हें कुछ राहत मिल सके. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
गोपाल नापित ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी का इलाज रांची के एक निजी अस्पताल में करवाया. इस इलाज में उनकी पूरी जमा पूंजी खत्म हो गई. लेकिन पत्नी की स्थिति में सुधार नहीं हुआ. अब उसके पास इतने पैसे नहीं कि वह अपनी पत्नी के कैंसर का इलाज करवा सकें. इसलिए मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ लेने के लिए गोपाल नापित ने 16 दिसंबर 24 को सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया. इलाज के लिए एक निजी अस्पताल से प्राक्कलन राशि भी तय करके दी थी.
निजी अस्पताल द्वारा करीब साढ़े पांच लाख की प्राक्कलन राशि तैयार की गई है. मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ लेने के लिए गोपाल नापित लगातार सिविल सर्विस कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हर दिन सिविल सर्जन कार्यालय से उन्हें टालमटोल कर भेज दिया जाता है. गोपाल नापित ने बताया कि आज उन्हें अपनी पत्नी को लेकर आने के लिए कहा गया था, करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई भी डॉक्टर पत्नी को देखने के लिए नहीं पहुंचे. पत्नी की स्थिति काफी खराब हो चली है. वहीं, कैंसर पीड़ित ललिता देवी ने कहा कि 'अगर हमारा इलाज नहीं हुआ तो हम मर जाएंगे.' उन्होंने मुख्यमंत्री से फरियाद भी लगाई. फरियाद में कहा कि 'मेरा कागज बनवा दीजिए मुख्यमंत्री नहीं तो हम मर जाएंगे'
मीडिया की टीम ने जब इस मामले को लेकर सिविल सर्जन से मुलाकात की तो उनका कहना है कि फाइल अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है. ऐसे में फिलहाल वे कुछ नहीं कर सकते.
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