सिमडेगा: कोरोना महामारी के मद्देनजर इस साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर रामरेखा धाम का प्रसिद्ध मेला नहीं लगाया जाएगा. वहीं, कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए केवल चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर रामरेखा धाम विकास समिति की बैठक हुई. बैठक के पहले ब्रह्मलीन बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य महाराज की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया.
बैठक में संघठनात्मक, मठ मंदिर, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यप्रणाली और कार्तिक पूर्णिमा के विषय में विचार विमर्श किया गया. इस दौरान रामरेखा धाम के प्रखंड स्तरीय और ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता और अधिकारियों ने अपने अपने विचार रखे. बैठक में कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान पूजन के विषय पर विचार विमर्श किया गया, साथ ही कोविड-19 को देखते हुए सरकारी नियमों के प्रति लोगों जागरूक करने का फैसला लिया गया. समिति के ओर से श्रद्धालुओं से आग्रह किया जाएगा की सामाजिक दूरी और मास्क का नियमित प्रयोग किया जाए.
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बैठक की अध्यक्षता कर रहे रामरेखा धाम के मुख्य पुजारी उमाकांत महाराज ने कहा कि सभी लोग अपने धर्म, संस्कृति और अपने कर्तव्यों के प्रति अडिग रहें, पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य करें. बैठक के अंत में सभी श्रद्धालुओं के वाहन सुरक्षा के लिए पड़ाव में कार्यकर्ताओं को और मंदिर स्थल में श्रद्धालुओं की सेवा में लगने वाले कार्यकर्ताओं को समय से आने का आग्रह किया गया. बैठक का समापन प्रभु श्रीराम के जयकारे से किया गया.