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सरकारी निर्माण कार्य में बाल मजदूरीः बच्ची से लिया जा रहा काम, डीसी ने भेजी जांच टीम

सिमडेगा में गार्डवाल निर्माण में एक 14 वर्षीय बच्ची से बाल मजदूर (child labour in construction work at Jaldega block) करवाई जा रही थी. इस मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी ने जांच टीम भेजी. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है.

Child Laborer in Simdega
Child Laborer in Simdega
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Published : Nov 26, 2022, 10:21 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 10:33 AM IST

सिमडेगा: जिला के जलडेगा प्रखंड में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है (child labour in construction work at Jaldega block). मामला प्रखंड मुख्यालय मुख्य गेट के समीप से आरसी प्राथमिक विद्यालय पतिअम्बा तक का है. इसमें सड़क, पीसीसी, पुलिया और गार्डवाल निर्माण का काम चल रहा है. ये काम मुंशी सत्येंद्र यादव के देखरेख में चल रहा है. जिसमें एक 14 वर्षीय बच्ची से भी काम लिया जा रहा है. जो मूलतः सरायकेला खरसावां जिला की रहने वाली है (Simdega child labour).

यह भी पढ़ें: Child Labor In Hazaribag: पंचायत चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स की रंगाई कर रहे नाबालिग

इस मामले को लेकर मुंशी से पूछने पर कहता है कि ठेकेदार जाने किससे काम करवाता है. लापरवाही का आलम ऐसा है कि कार्यस्थल पर निर्माण कार्य से संबंधित सूचना पट्ट भी नहीं लगाया गया है. जिससे की लोगों को पता चले कि निर्माण कार्य किस विभाग से और कितनी लागत से की जा रही है.

देखें वीडियो


मजदूरी में लिंग आधारित भेदभाव: यहां काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि उनसे साढ़े सात से आठ घंटा काम लिया जा रहा है. साथ ही मजदूरी देने में उनके साथ भेदभाव भी किया जा रहा है. ठेकेदार महिला मजदूरों को 250 रुपए और पुरुष मजदूरों को 300 रुपए दे रहा है.



कार्यस्थल में बिना बोर्ड लगाए ही काम शुरू: कार्यस्थल पर मौजूद मुंशी से योजना बोर्ड के विषय में पूछा गया तो मुंशी ने कहा कि इंजीनियर ने कहा है कि काम खत्म होने के बाद एक छोटा सा बोर्ड लगा दिया जाएगा. मजदूरों ने कहा कि बिना सुरक्षा के उनसे काम करवाया जा रहा है क्योंकि संवेदक द्वारा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा नहीं दी गयी है.



उपायुक्त ने भेजी जांच टीम: जलडेगा में निर्माणाधीन गार्डवाल में अनियमितता और बाल मजदूरी मामले की सूचना मिलते ही उपायुक्त ने श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज, जिला श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मुना राम, जिला बाल संरक्षण इकाई सिमडेगा के अंकित कुमार, सोनी स्वेता कुमारी सहित अन्य को जांच के लिए स्थल भेजा. जिसके पश्चात अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की. इस दौरान सतेंद्र यादव ने स्वीकार किया कि बच्ची से काम कराया गया था और उसे 250 रु की दर से मजदूरी का भुगतान किया गया है. श्रम अधीक्षक के समक्ष बच्ची का बयान दर्ज किया गया.

पुलिस मामले की जांच कर रही है: वहीं मौके पर कार्यरत मजदूरों और मुंशी का बयान भी लिया गया. श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज ने जांच के लिए लेबर लाइसेंस और योजना से संबंधित दस्तावेज की मांग भी की. इस संबंध में पूछने पर श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज ने कहा कि मौके पर लिए गए बयानों के आधार पर यह पाया गया है कि बच्ची से काम कराया गया था. सभी बयानों और तथ्यों की जांच करने के उपरांत ही करवाई की जाएगी.

सिमडेगा: जिला के जलडेगा प्रखंड में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है (child labour in construction work at Jaldega block). मामला प्रखंड मुख्यालय मुख्य गेट के समीप से आरसी प्राथमिक विद्यालय पतिअम्बा तक का है. इसमें सड़क, पीसीसी, पुलिया और गार्डवाल निर्माण का काम चल रहा है. ये काम मुंशी सत्येंद्र यादव के देखरेख में चल रहा है. जिसमें एक 14 वर्षीय बच्ची से भी काम लिया जा रहा है. जो मूलतः सरायकेला खरसावां जिला की रहने वाली है (Simdega child labour).

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इस मामले को लेकर मुंशी से पूछने पर कहता है कि ठेकेदार जाने किससे काम करवाता है. लापरवाही का आलम ऐसा है कि कार्यस्थल पर निर्माण कार्य से संबंधित सूचना पट्ट भी नहीं लगाया गया है. जिससे की लोगों को पता चले कि निर्माण कार्य किस विभाग से और कितनी लागत से की जा रही है.

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मजदूरी में लिंग आधारित भेदभाव: यहां काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि उनसे साढ़े सात से आठ घंटा काम लिया जा रहा है. साथ ही मजदूरी देने में उनके साथ भेदभाव भी किया जा रहा है. ठेकेदार महिला मजदूरों को 250 रुपए और पुरुष मजदूरों को 300 रुपए दे रहा है.



कार्यस्थल में बिना बोर्ड लगाए ही काम शुरू: कार्यस्थल पर मौजूद मुंशी से योजना बोर्ड के विषय में पूछा गया तो मुंशी ने कहा कि इंजीनियर ने कहा है कि काम खत्म होने के बाद एक छोटा सा बोर्ड लगा दिया जाएगा. मजदूरों ने कहा कि बिना सुरक्षा के उनसे काम करवाया जा रहा है क्योंकि संवेदक द्वारा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा नहीं दी गयी है.



उपायुक्त ने भेजी जांच टीम: जलडेगा में निर्माणाधीन गार्डवाल में अनियमितता और बाल मजदूरी मामले की सूचना मिलते ही उपायुक्त ने श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज, जिला श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मुना राम, जिला बाल संरक्षण इकाई सिमडेगा के अंकित कुमार, सोनी स्वेता कुमारी सहित अन्य को जांच के लिए स्थल भेजा. जिसके पश्चात अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की. इस दौरान सतेंद्र यादव ने स्वीकार किया कि बच्ची से काम कराया गया था और उसे 250 रु की दर से मजदूरी का भुगतान किया गया है. श्रम अधीक्षक के समक्ष बच्ची का बयान दर्ज किया गया.

पुलिस मामले की जांच कर रही है: वहीं मौके पर कार्यरत मजदूरों और मुंशी का बयान भी लिया गया. श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज ने जांच के लिए लेबर लाइसेंस और योजना से संबंधित दस्तावेज की मांग भी की. इस संबंध में पूछने पर श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज ने कहा कि मौके पर लिए गए बयानों के आधार पर यह पाया गया है कि बच्ची से काम कराया गया था. सभी बयानों और तथ्यों की जांच करने के उपरांत ही करवाई की जाएगी.

Last Updated : Nov 26, 2022, 10:33 AM IST
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