सरायकेला: जिले के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में सभी उद्योगों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Vishwakarma Puja) की जाती है. विश्वकर्मा पूजा का दिन कर्मचारियों के लिए त्योहार का दिन होता है. सभी औद्योगिक इकाइयों में कर्मचारी, मालिक और मजदूर एक साथ इस त्योहार को मनाते हैं. कारखाना में ही भोजन का प्रबंध और गाना-बजाना की व्यवस्था की जाती है. मजदूर वर्ग के लोग घर के लिए भी खाना ले जा सकते हैं. कर्मचारियों के बीच मिठाई का भी वितरण किया जाता है.
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कोरोना की पहली लहर में पूर्ण लॉकडाउन लगे रहने के कारण आदित्यपुर के ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां बंद पड़ी थी. उद्योगों की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई थी. कंपनियों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने के कारण पिछले साल विश्वकर्मा पूजा का त्योहार नहीं मनाया गया. लेकिन इस साल औद्योगिक क्षेत्र में रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है. कोरोना के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सभी कारखाना मालिक और कर्मचारी इस त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना रहे हैं. आदित्यपुर के उद्योगों में काम करनेवालों के लिए कोरोना का टीका अनिवार्य कर दिया गया है. जिन मजदूरों या कर्मचारियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, उसे पूजा में आने की अनुमति नहीं दी गई है.
1972 में हुई थी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना
1972 में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण की स्थापना बिहार सरकार की ओर से की गई थी. उस समय यहां सिर्फ 50 उद्योग थे. बिहार सरकार ने इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एआईएडीए का गठन किया था. वर्तमान में इसकी संख्या बढ़कर 1500 के करीब हो गई है, जिनमें 1 लाख से अधिक मजदूर काम करते हैं.