सरायकेला: शुक्रवार को जिला में गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित बीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ (Uproar in BEO office of Gamharia block). ये दफ्तर उस वक्त अखाड़ा में तब्दील हो गया जब गम्हरिया बेसिक स्कूल की बाउंड्री निर्माण को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद ममता बेंज और झामुमो नगर उपाध्यक्ष सह स्थानीय निवासी शंकर मुखी आपस में ही उलझ गए और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे (Seraikela Uproar among councillor and JMM leader). काफी मुश्किल से बीईओ के हस्तक्षेप पर मामले को शांत कराया गया.
क्या है पूरा मामलाः इसके पीछे की वजह को लेकर बताया जाता है कि सीएसआर फंड के तहत गम्हरिया बेसिक स्कूल में बाउंड्री वाल का निर्माण का कार्य किया (boundary construction of Gamharia Basic School) जाना है. इससे पहले स्कूल के जर्जर भवन को तोड़ने के लिए स्कूल के हेड मास्टर ने बीईओ सुब्रता महतो से अनुमति प्राप्त कर लिया था. चाहरदीवारी निर्माण में बाधा बने जर्जर भवन को तोड़ने के बाद इस काम में लगे मजदूरों को बकाया वेतन का भुगतान किया जाना था. इसे लेकर वार्ड पार्षद ममता बेंज ने बताया कि बीईओ से सहमति प्राप्त कर 4 हजार 200 रुपए के स्क्रैप को बेच कर 12 दिन का काम करने वाले मजदूरों को 3 हजार 600 रुपए भुगतान किया गया और बाकी 600 रुपये हेड मास्टर के पास जमा हैं.
पार्षद पर स्कूल का स्क्रैप बेचने का आरोपः इस मामले को लेकर झामुमो नगर उपाध्यक्ष सह स्थानीय निवासी शंकर मुखी ने वार्ड पार्षद ममता बेंज पर स्कूल भवन के स्क्रैप बेचने संबंधित आरोप लगाया है. इन आरोपों से भड़कीं पार्षद ममता बेंज और शंकर मुखी के बीच बीईओ दफ्तर ही खूब तीखी नोकझोंक हुई (Uproar in BEO office in Seraikela). इधर मामले को बिगड़ता देख बीईओ सुब्रता महतो को हस्तक्षेप करना पड़ा और उनके द्वारा पूरे मामले का पटाक्षेप किया गया. इस पूरे घटनाक्रम पर बीईओ ने बताया कि वार्ड पार्षद और हेड मास्टर ने मुझसे सहमति प्राप्त कर लिया था, इसके बाद ही स्क्रैप बेचकर मजदूरों का भुगतान किया गया किया था, इसमें किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी है.
यहां बता दें कि टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स द्वारा 10 लाख सीएसआर फंड से गम्हरिया बेसिक स्कूल की बाउंड्री का निर्माण का कार्य किया जाना है. जिसके लिए स्कूल के पुराने भवन को तोड़ा गया है. जिसके बाद ही ये विवाद उपजा है.